लखनऊ: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव व उसे पहले होने होने जा रहे निकाय चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की तैयारी चल रही है. इसके तहत प्रदेश कांग्रेस को नई कमेटी मिल सकती है. नई कमेटी को लेकर राजधानी लखनऊ से दिल्ली तक तैयारी चल रही है. रायपुर में हुए पार्टी के अधिवेशन में लिए फैसले के तहत कमेटी में नये लोगों को स्थान दिया जाएगा. ऐसे में पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुराने नेताओं में संगठन में जगह पाने की होड़ शुरू हो गई है. पिछले दिनों रायपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग, युवाओं, महिलाओं, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को पचास प्रतिशत स्थान देने का निर्णय लिया गया था.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Uttar Pradesh Congress Committee) के नेताओं के अनुसार, अधिवेशन में हुए निर्णय को अमली जामा पहनाने पर मंथन शुरू हो गया है. जिम्मेदार कार्यकर्ताओं को संगठन में स्थान देने पर विचार-विमर्श हो रहा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी और विभिन्न जोन के प्रांतीय अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद अन्य कुछ पदों पर नियुक्तियां हुई हैं, जबकि बाकी पदों पर पुराने पदाधिकारी नियुक्त हैं. ऐसे में जल्द ही संगठन में नये चेहरे दिखने की संभावना है. बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को मद्देनजर ऐसे पदाधिकारियों को संगठन में जगह देने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि लोगों को सकरात्मक संदेश जा सके और पार्टी का जनाधार को बढ़ाया जा सके.
इसके लिए पार्टी खासकर महिलाओं व युवाओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी कर रही है. होली के बाद पार्टी संगठन की घोषणा कर सकती है. बता दें कि इससे पहले ही प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश के लगभग हर जिले का दौरा कर वहां के पदाधिकारियों वह कांग्रेस नेताओं से मिलकर उनकी राय ले रहे हैं. इसके अलावा सभी प्रांतीय अध्यक्ष भी अपने-अपने जिलों के संगठन की समीक्षा कर रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंप चुके हैं.
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी सभी संगठनों में रायपुर अधिवेशन में हुए घोषणा के अनुसार इन लोगों को जगह देगी. हर जिले में संगठन में निर्माण के समय इस बात का विशेष ख्याल रखा जाएगा, ताकि वहां के सभी जातीय समीकरण का विशेष ध्यान रखते हुए, अल्पसंख्यक, महिलाओं और युवाओं को उचित भागीदारी मिल सके. प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी खुद ही सभी जिलों के संगठन निर्माण को देख रहे हैं. वह संगठन में शामिल होने वाले लोगों व कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श कर उनकी राय ले रहे हैं, ताकि संगठन निर्माण में पार्टी को फायदा हो.