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लखनऊ: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बिजली संशोधन बिल 2020 का किया विरोध

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने बिजली संशोधन बिल 2020 का कड़ा विरोध किया है. कम्युनिस्ट पार्टी ने इसे किसान, गरीब विरोधी और लघु उद्योगों के लिए विनाशकारी बताया है.

communist Party of India
सीपीआईएम ने बिजली संशोधन बिल 2020 को गरीब विरोधी बताया है
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Published : May 18, 2020, 6:24 PM IST

लखनऊ: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पार्टी के राज्य सचिव हीरालाल यादव ने कहा कि बिजली संशोधन बिल 2020, क्षेत्र के पूर्ण रूप से निजीकरण का आधार तैयार करता है. यह राज्यों के सारे अधिकार छीनकर केंद्र के हाथ में सौंप देगा, जो हमारे संविधान के संघीय सिद्धांतों पर हमला है.

हीरालाल यादव ने कहा कि बिजली समवर्ती सूची में है, इसलिए उत्पादन, वितरण और विनियमन में राज्यों का बराबर का अधिकार है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में राज्यों की अलग-अलग परिस्थितियां हैं, जिसके अनुरूप राज्य बिजली के सम्बन्ध में अभी तक निर्णय लेते रहे हैं.

राज्यों के अधिकार समाप्त हो जाएंगे
उन्होंने कहा कि कई राज्यों में कृषि क्षेत्र के लिए बिजली मुफ्त है. कुछ राज्य अपने यहां किसानों और लघु उद्यमियों को रियायती बिजली देते हैं. बिजली संशोधन बिल 2020 लागू होने पर राज्यों के अधिकार समाप्त हो जाएंगे और राज्य बिजली कारपोरेशन निरर्थक हो जाएंगे.

कृषि संकट बढ़ेगा
सीपीआईएम नेता ने कहा कि यह बिल कृषि संकट को और बढ़ाएगा और बड़ी संख्या में रोजगार देने वाले सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों एवं अनौपचारिक क्षेत्र को बर्बाद कर देगा. यह घोर जनविरोधी बिल पूरी तरह अस्वीकार्य है, इसे फौरन वापस लिया जाए. केंद्र सरकार कोरोना महामारी को खत्म करने से ज्यादा ध्यान सार्वजनिक क्षेत्रों को खत्म करने में लगा रही है.

लखनऊ: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पार्टी के राज्य सचिव हीरालाल यादव ने कहा कि बिजली संशोधन बिल 2020, क्षेत्र के पूर्ण रूप से निजीकरण का आधार तैयार करता है. यह राज्यों के सारे अधिकार छीनकर केंद्र के हाथ में सौंप देगा, जो हमारे संविधान के संघीय सिद्धांतों पर हमला है.

हीरालाल यादव ने कहा कि बिजली समवर्ती सूची में है, इसलिए उत्पादन, वितरण और विनियमन में राज्यों का बराबर का अधिकार है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में राज्यों की अलग-अलग परिस्थितियां हैं, जिसके अनुरूप राज्य बिजली के सम्बन्ध में अभी तक निर्णय लेते रहे हैं.

राज्यों के अधिकार समाप्त हो जाएंगे
उन्होंने कहा कि कई राज्यों में कृषि क्षेत्र के लिए बिजली मुफ्त है. कुछ राज्य अपने यहां किसानों और लघु उद्यमियों को रियायती बिजली देते हैं. बिजली संशोधन बिल 2020 लागू होने पर राज्यों के अधिकार समाप्त हो जाएंगे और राज्य बिजली कारपोरेशन निरर्थक हो जाएंगे.

कृषि संकट बढ़ेगा
सीपीआईएम नेता ने कहा कि यह बिल कृषि संकट को और बढ़ाएगा और बड़ी संख्या में रोजगार देने वाले सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों एवं अनौपचारिक क्षेत्र को बर्बाद कर देगा. यह घोर जनविरोधी बिल पूरी तरह अस्वीकार्य है, इसे फौरन वापस लिया जाए. केंद्र सरकार कोरोना महामारी को खत्म करने से ज्यादा ध्यान सार्वजनिक क्षेत्रों को खत्म करने में लगा रही है.

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