लखनऊ : 'मिशन शक्ति 3.0' के तहत उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने बुधवार को महिला बीट पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि महिलाओं से संवाद स्थापित कर छोटी से छोटी घटनाओं को भी गंभीरता से लें. साथ ही जल्द से जल्द उसका निस्तारण कराएं.
डीजीपी ने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों की उपलब्धता के अनुरूप जिले में तीन से चार बीटों में एक महिला बीट बनाई जाएं. यही नहीं, महिला बीट अधिकारी किसी भी तरह की हिंसा के मामले में या अन्य कोई अपराध होने पर तत्काल थाने को सूचना देंगी और कार्रवाई सुनिश्चित कराएंगी.
डीजीपी ने यूपी में पहली बार महिला बीट अधिकारियों की तैनाती की और उनकी जिम्मेदारियां निर्धारित करते हुए इस प्रणाली की सफलता के लिए वरिष्ठ अफसरों की जवाबदेही भी तय की है. डीजीपी की मानें तो प्रदेश में 10 हजार महिला बीट स्थापित किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
डीजीपी ने कहा है कि महिला हेल्पडेस्क की तरह मिशन शक्ति कक्ष में भी सभी हेल्पलाइनों के नंबर प्रदर्शित किए जाएंगे. सीओ हर माह महिला बीट की बीट बुक का निरीक्षण करेंगे और महिला बीट पुलिस अधिकारियों का पर्यवेक्षण करेंगे.
थाना स्तरीय महिला सुरक्षा समिति व ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों से समन्वय बनाकर महिला बीट अधिकारी संवाद के जरिए समाधान कराने का प्रयास करेंगी. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी थानों व गांवों का भ्रमण कर महिला बीट पुलिस अधिकारियों के कार्यों का निरीक्षण करेंगे. एसपी/एएसपी पुलिस लाइन में महिला पुलिस कर्मियों का प्रशिक्षण सुनिश्चित कराएंगे.
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महिला पुलिसकर्मियों को खासकर महिला बीट के औचित्य, गांवों में भ्रमण के दौरान महिलाओं को प्रोत्साहित करने, समस्याओं के प्रकार तथा उसमें अपेक्षित कार्यवाही की बीट बुक बनाने समेत अन्य बिंदुओं पर प्रशिक्षित किया जाएगा.
डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि महिला बीट पुलिस अधिकारी हर छोटी शिकायतों का भी पूरी गंभीरता से संज्ञान लेंगी. साथ ही महिला बीट अधिकारी सप्ताह में दो से तीन दिन में एक बीट का भ्रमण करेंगी.
ग्राम पंचायत भवन या नवसृजित ग्राम सचिवालय में स्थापित मिशन शक्ति कक्ष में सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक बैठकर महिलाओं की समस्याएं सुनेंगी. महिलाओं को उनके लिए संचालित विभिन्न योजनाओं व विभिन्न हेल्पलाइन यूपी 112, 1090, 1076, 181, 108 के प्रति जागरूक भी करेंगी.
कहा, जिले में महिला उपनिरीक्षक व महिला आरक्षियों की संख्या के अनुरूप पुलिस थानों की तीन से चार बीटों पर एक-एक महिला बीट बनाई जाए और उसमें दो-दो महिला बीट पुलिस अधिकारी नियुक्त की जाएं.
महिला निरीक्षक, उपनिरीक्षक, मुख्य आरक्षी व आरक्षी को मिलाकर टीम बनाई जाए और महिला बीट पुलिस अधिकारी की नियुक्त की जाए.