लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में अब एक जैसा सिलेबस पढ़ाया जाएगा. उच्च शिक्षा विभाग ने इसके लिए विशेषज्ञों की टीम की मदद से सिलेबस तैयार कर लिया है. यह सिलेबस सभी विश्वविद्यालयों को भेजा भी जा चुका है. विश्वविद्यालयों को अपनी औपचारिकताएं पूरी कर 8 जून तक इसके संबंध में रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है. नए शैक्षिक सत्र से इसे लागू करने की तैयारी है.
70% होगा एक जैसा
शासन की ओर से भेजे गए निर्देशों में सभी विश्वविद्यालयों में 70% एक जैसा सिलेबस पढ़ाई जाने की बात कही गई है. बाकी 30% सिलेबस विश्वविद्यालय के स्तर पर तैयार किया जाएगा. यह 30% सिलेबस विश्वविद्यालय के अपने क्षेत्रीय कला संस्कृति इतिहास समेत अन्य आवश्यकताओं पर आधारित होगा. उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव श्रवण कुमार ने यह पत्र भेजा है.
यह है कार्यक्रम
इसके लिए शासन की ओर से कार्यक्रम भी निर्धारित किया गया है. 26 मई तक सभी विश्वविद्यालयों को अपनी बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक करा कर इसे पास कराने के लिए कहा गया है. 8 जून तक सारी औपचारिकताएं पूरी करके रिपोर्ट शासन को भेज देनी होगी.
शिक्षक कर रहे विरोध
शासन भले ही समान न्यूनतम सिलेबस को छात्र-छात्राओं के हित में बता रहा है लेकिन, शिक्षकों की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है. शिक्षकों का कहना है कि इस नई व्यवस्था से विश्वविद्यालयों की ऑटोनॉमी पर असर पड़ेगा. लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. विनीत वर्मा का कहना है कि विश्वविद्यालयों से अपना पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए छूट वापस लेना गलत होगा.