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एलयूः प्रवेश परीक्षा की जांच में कमेटी को मिला ये, चौंक गए सदस्य

लखनऊ विश्वविद्यालय की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसमें पीजी कोर्सेज के लिए हुई प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ी सामने आयी है.

लखनऊ यूनिवर्सिटी
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Published : Nov 12, 2020, 3:54 PM IST

लखनऊः लखनऊ यूनिवर्सिटी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में धांधली का खुलासा हुआ है. पीजी कोर्सेज के लिए प्रवेश परीक्षा ली गयी थी. इसमें गड़बड़ी की बात सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक कमेटी की रिपोर्ट लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय को सौंप दी गई है. एलयू की ओर से पहले जारी पीजी एंट्रेंस एग्जाम की मेरिट को कुछ दिन बाद संशोधित किया गया था.

4 कोर्सेज में किया गया था बदलाव
दूसरी मेरिट लिस्ट में लॉ सहित 4 कोर्सेज की मेरिट में भारी बदलाव किया गया था. यह देख पीजी एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स ने गड़बड़ी और चहेतों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था. इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रोफेसर डीएनएच यादव की अध्यक्षता में एक फैक्ट फाइंडिंग कमिटी का गठन किया था.

कैसे हुई धांधली

सूत्रों के मुताबिक एंट्रेंस एग्जाम कराने के लिए बनाये गए पेपर की आंसर की अलग-अलग बनाई गई थी. सेट सीरीज ए से सेट सीरीज सी की ओएमआर शीट का मूल्यांकन किया गया. ऐसा कई सेटों में हुआ. जब एडमिशन से जुड़े अधिकारियों को इसका पता लगा, तो दोबारा मूल्यांकन किया गया. इससे लॉ, बॉटनी, जूलॉजी और मैथ कोर्सेज की पहले जारी मेरिट लिस्ट में काफी बदलाव हो गया. जो स्टूडेंट्स पहले 15 सौ रैंक पर थे, वो टॉपर निकले. हालांकि, फैक्ट फाइंडिंग कमिटी ने रिपोर्ट में कहा है कि एडमिशन कमेटी के अधिकारियों को गलती का बिल्कुल भी एहसास नहीं था. जब आंसर की जारी की गयी और स्टूडेंट ने उसका मिलान किया तो मामला सामने आया. इसके बाद एडमिशन सेल ने दोबारा मेरिट लिस्ट जारी की.

लखनऊः लखनऊ यूनिवर्सिटी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में धांधली का खुलासा हुआ है. पीजी कोर्सेज के लिए प्रवेश परीक्षा ली गयी थी. इसमें गड़बड़ी की बात सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक कमेटी की रिपोर्ट लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय को सौंप दी गई है. एलयू की ओर से पहले जारी पीजी एंट्रेंस एग्जाम की मेरिट को कुछ दिन बाद संशोधित किया गया था.

4 कोर्सेज में किया गया था बदलाव
दूसरी मेरिट लिस्ट में लॉ सहित 4 कोर्सेज की मेरिट में भारी बदलाव किया गया था. यह देख पीजी एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स ने गड़बड़ी और चहेतों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था. इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रोफेसर डीएनएच यादव की अध्यक्षता में एक फैक्ट फाइंडिंग कमिटी का गठन किया था.

कैसे हुई धांधली

सूत्रों के मुताबिक एंट्रेंस एग्जाम कराने के लिए बनाये गए पेपर की आंसर की अलग-अलग बनाई गई थी. सेट सीरीज ए से सेट सीरीज सी की ओएमआर शीट का मूल्यांकन किया गया. ऐसा कई सेटों में हुआ. जब एडमिशन से जुड़े अधिकारियों को इसका पता लगा, तो दोबारा मूल्यांकन किया गया. इससे लॉ, बॉटनी, जूलॉजी और मैथ कोर्सेज की पहले जारी मेरिट लिस्ट में काफी बदलाव हो गया. जो स्टूडेंट्स पहले 15 सौ रैंक पर थे, वो टॉपर निकले. हालांकि, फैक्ट फाइंडिंग कमिटी ने रिपोर्ट में कहा है कि एडमिशन कमेटी के अधिकारियों को गलती का बिल्कुल भी एहसास नहीं था. जब आंसर की जारी की गयी और स्टूडेंट ने उसका मिलान किया तो मामला सामने आया. इसके बाद एडमिशन सेल ने दोबारा मेरिट लिस्ट जारी की.

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