लखनऊ: राजधानी के नए मंडलायुक्त रंजन कुमार ने स्मार्ट सिटी में चल रहे अलग-अलग परियोजनाओं की कार्य प्रगति का निरीक्षण किया. मंडलायुक्त ने चल रहे विकास कार्यों की गुणवत्ता और उन्हें समय से पूरा करने पर जोर भी दिया. पूर्व कमिश्नर मुकेश मेश्राम के कार्यकाल में ही स्मार्ट सिटी परियोजना 16 सितम्बर 2016 को शुरू हो गई थी. इस योजना के अधिसंख्य कार्य इस साल यानी 2020 में शुरू हुए हैं. मंडलायुक्त रंजन कुमार ने सबसे पहले हाथी पार्क में पहुंचकर एसटीपी के कार्य को देखा फिर कार्य में गुणवत्ता को लेकर वह नाराज भी हुए. वहीं उन्होंने प्राथमिक विद्यालय में ओवरहेड टैंक न होने पर भी नाराजगी जताई. इसके साथ-साथ पब्लिक लाइब्रेरी और कई स्मार्ट सिटी के कार्य का मूल्यांकन किया.
लखनऊ में पदभार संभालने के तीसरे दिन कमिश्नर रंजन कुमार ने स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत हो रहे कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्हें कई खामियां भी दिखाई दी, जिसको लेकर उन्होंने नाराजगी जताई. उनके पूर्व कमिश्नर मुकेश मेश्राम के कार्यकाल में ही ज्यादातर काम शुरू हुए. कैसरबाग सेवा प्रसाधन केन्द्र के निरीक्षण में डिजाइन, ड्राइंग और निर्माण की कई कमियां मिलीं. इस मामले में कार्य गुणवत्ता की जांच का निर्देश दिया है.
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी, अपर नगर आयुक्त अमित कुमार और स्मार्ट सिटी वित्त नियंत्रक जेपी सिंह को साथ लेकर कमिश्नर पहले हाथी पार्क पहुंचे. यहां उन्होंने 15 एमएलडी एसटीपी निर्माण कार्य देखा. कार्य में ढिलाई पर नाराजगी व्यक्त की. साथ ही कार्य को गुणवत्तापूर्वक समयबद्ध तरीके से कराने के निर्देश दिए.
इसके बाद अमीरूद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी के सामने पार्क का सौन्दर्यीकरण कार्य का निरीक्षण किया. घसियारी मंडी प्राथमिक विद्यालय में ओवरहेड टैंक की व्यवस्था न होने पर नाराजगी जताई. साथ ही रिवर बैंक कालोनी में कुलकर्णी पार्क और श्रीराम मंदिर पार्क का निरीक्षण किया. कैसरबाग में नगर निगम की जमीन से मछली मंडी को हटाकर हरदोई रोड स्थानांतरित कर दिया गया. खाली पड़ी जमीन के बेहतर उपयोग के लिए कमिश्नर ने अधीनस्थ अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं.