लखनऊ: राजधानी के मीराबाई मार्ग स्थित वाणिज्य कर मुख्यालय के बाहर भारी कमर्शियल वाहन हमेशा खड़े नजर आते हैं. वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों के द्वारा कर चोरी के मामले में पकड़ कर लाए जाने वाले वाहनों को सड़क पर ही खड़ा कर दिया जाता है, जिससे यहां से गुजरने वाले लोगों को काफी असुविधा का भी सामना करना पड़ता है और जाम का झाम लोगों के लिए मुसीबत बनता है.
मीराबाई मार्ग स्थित वाणिज्य कर मुख्यालय के सामने हर समय बड़ी-बड़ी कमर्शियल ट्रक खड़ी हुई नजर आते हैं. जीएसटी अधिकारी कर चोरी के मामले में इन ट्रकों को समान सहित करके यहां पर लेकर आते हैं. जुर्माना वसूलने के लिए कई दिनों तक गाड़ियों को यहीं पर खड़ी रखते हैं. वाणिज्य कर मुख्यालय के अंदर बड़े कमर्शियल वाहनों के पार्किंग की कोई व्यवस्था न होने से यह समस्या बनी रहती है. पिछले कई साल से शासन स्तर पर ऐसे वाहनों की पार्किंग के लिए स्थान तलाशने का काम जारी है.
वाणिज्य कर विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों के द्वारा राजधानी लखनऊ के तमाम इलाकों में कर चोरी और सामान में पूरा टैक्स ना जमाकर ट्रांसपोर्टेशन करने वाले वाहनों को पकड़कर मीराबाई मार्ग स्थित मुख्यालय लाने का काम किया जाता है. इसके बाद इनके वाहनों और सामान की खरीदारी करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए चालान आदि की प्रक्रिया पूरी की जाती है. जुर्माना और अन्य कार्रवाई के बाद इन्हें छोड़ा दिया जाता है.
नई जमीन तलाशने का काम जारी
वाणिज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर दिलीप श्रीवास्तव ने फोन पर बताया कि सड़कों पर वाहन खड़े होने की वजह से समस्याएं बनी रहती हैं. मजबूरी में इन वाहनों को यहां लाया जाता है. हमारे पास कोई और जगह नहीं है, जहां पर कार्रवाई के बाद लाए जाने वाले इन वाहनों को पार्क कराया जा सके. शासन स्तर पर इसको लेकर पत्रावली चल रही है. नई जमीन तलाश कर वहां पर मुख्यालय बनाकर वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था कराई जाएगी. उम्मीद है कि अगले साल इस पर कोई फैसला होगा और इस समस्या का स्थाई समाधान निकाला जाएगा.