लखनऊ: वाणिज्य कर आयुक्त ने सभी जोन के सेल टैक्स अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं कि व्यापारियों की जमा जमानत धनराशि वैट अवधि में ही वापस करना शुरू कर दिया जाए. इसके साथ ही अगर कोई व्यापारी वर्ग की देनदारी का बकायेदार है तो उसे यह लाभ नहीं दिया जाए. हालांकि ऐसे मामलों के निस्तारण के बाद ही उन्हें जमानत राशि के तौर पर जमा सिक्योरिटी एफडीआर लौटा दी जाएगी.
एडिशनल व ज्वाइंट कमिश्नर को दिए गए हैं निर्देश
वाणिज्य कर आयुक्त अमृता सोनी ने इस संबंध में सभी जोन के एडिशनल व ज्वाइंट कमिश्नर को आदेश जारी किया है. सिक्योरिटी राशि वापस लेने को लेकर संबंधित खंड अधिकारी के यहां आवेदन व्यापारियों को करना होगा. जीएसटी लागू होने के बाद से ही सभी जोन में वैट की अवधि में पंजीयन के समय जमा कराई गई सिक्योरिटी राशि वापस लेने के लिए आवेदन किए जा रहे हैं.
जीएसटी लागू होने के बाद सिक्योरिटी जमा करने का प्रावधान नहीं
अब सभी प्रदेशों में जीएसटी लागू हो चुकी है. ऐसी स्थिति में इस एक्ट के तहत किसी भी तरह की सिक्योरिटी जमा कराने का कोई प्रावधान ही नहीं बचा है. लिहाजा अब वाणिज्य कर विभाग का मानना है कि जमा की गई राशि को लौटाने में कोई वैधानिक अड़चन नहीं रहेगी. वाणिज्य कर आयुक्त अमृता सोनी की तरफ से सभी अधिकारियों को भेजे दिशा-निर्देश में कहा गया है कि जिन फर्म या व्यापारियों के वैट से संबंधित सभी मामले का निस्तारण हो चुका है उनकी सिक्योरिटी राशि के रूप में जमा एफडीआर लौटाने की कार्रवाई शुरू की जाए.
पंजीकृत फर्मों की धनराशि वापस करने के निर्देश
इसके अलावा वर्ष 2017-18 के पहले सभी वर्षों के वैट से संबंधित मामलों का निस्तारण हो चुका है. उन पर किसी भी तरह की देनदारी बकाया नहीं है तो इनकी भी सिक्योरिटी राशि वापस किए जाने का आदेश दिया गया है.