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केजीएमयू में कोबाल्ट थैरेपी से कैंसर सेल पर होगा सटीक वार

केजीएमयू में अब कैंसर के मरिजों को कोबाल्ट थैरेपी से इलाज मिलेगा. इस थैरेपी का काम लगभग पूरा हो चुका है. जल्द ही यह सुविधा मरीजों को मिलना शुरू हो जाएगी.

केजीएमयू में कोबाल्ट थैरेपी से कैंसर सेल पर होगा सटीक वार
केजीएमयू में कोबाल्ट थैरेपी से कैंसर सेल पर होगा सटीक वार
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Published : Nov 7, 2020, 4:30 PM IST

लखनऊ: केजीएमयू में मरीजों की स्वास्थ्य सेवाओं का हमेशा ही ध्यान रखा जाता है. इसी कड़ी में केजीएमयू में अब कैंसर के मरीजों के लिए एक विशेष थैरेपी की शुरूआत की गई है. केजीएमयू में अब कैंसर से पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज के लिए कोबाल्ट थैरेपी भी दी जाएगी, जिससे कि कैंसर के गंभीर मरीजों को बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं केजीएमयू में मिल सकें.

समय पर मिलेगा मरीजों को इलाज

केजीएमयू में कैंसर के मरीजों को लंबा इंतजार न करना पड़े और समय पर कैंसर के इलाज की चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर तरीके से मिल पाएं, इस बात को ध्यान में रखते हुए केजीएमयू में कैंसर मरीजों का इलाज अब कोबाल्ट थैरेपी से होगा. इस थैरेपी से कैंसर सेल पर अचूक प्रहार किया जा सकेगा. केजीएमयू में अभी कैंसर के मरीजों को इरीडियम किरणों से थेरेपी दी जाती है. इस थैरेपी में किरणों का सोर्स 3 महीनों में खत्म हो जाता है, और इसे बार-बार बदलना पड़ता है. वहीं कोबाल्ट का रेडिएशन 5 साल तक चलता है. ऐसे में कैंसर के इलाज में दी जाने वाली थेरेपी को बार-बार देने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे कि मरीज के शरीर की इम्यूनिटी भी मजबूत बनी रहेगी और बार-बार मरीज को अस्पताल के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे. इसके साथ ही समय पर सटीक इलाज भी कैंसर के गंभीर मरीजों को मिल पाएगा.

ब्रेक थेरेपी यूनिट को मिली स्वीकृति

केजीएमयू में कैंसर के गंभीर मरीजों को सही समय पर सटीक इलाज देने के लिए ब्रेक थेरेपी यूनिट के लिए शासन द्वारा बजट को स्वीकार लिया गया है. केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि कोबाल्ट का काम केजीएमयू में लगभग पूरा कर लिया गया है और आने वाले दिनों में इससे इलाज भी शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही केजीएमयू के रेडियोथैरेपी विभाग में थेरेपी लेने वाले मरीजों की संख्या जो 500 रहती थी. वह आने वाले दिनों में इस यूनिट के लग जाने के बाद दोगुनी हो सकती है. इस थैरेपी से कैंसर के मरीजों को आने वाले दिनों में बेहतर इलाज मिल पाएगा.

पीड़ादायक है कैंसर का इलाज

कैंसर अपने आप में एक ऐसी बीमारी है, जिसका इजाल बहुत कष्टदायक है. इस बीमारी का वास्तविक आचरण ऐसा होता है कि कैंसर होने और उसके इलाज शुरू होने पर दोनों ही प्रक्रियाओं में मरीज को बहुत ज्यादा दर्द होता है. कैंसर अपने आप में एक काफी पीड़ादायक बीमारी है, लेकिन जब इस मर्ज का इलाज चिकित्सकों द्वारा शुरू किया जाता है तो इलाज की प्रक्रिया कैंसर से भी ज्यादा पीड़ादायक है. इसकी वजह से कई बार कैंसर के मरीजों को इलाज देने से पहले उनकी काउंसलिंग तक की जाती है, जिससे कि कैंसर के इलाज के दौरान कहीं मरीज हिम्मत न खो बैठे.

लखनऊ: केजीएमयू में मरीजों की स्वास्थ्य सेवाओं का हमेशा ही ध्यान रखा जाता है. इसी कड़ी में केजीएमयू में अब कैंसर के मरीजों के लिए एक विशेष थैरेपी की शुरूआत की गई है. केजीएमयू में अब कैंसर से पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज के लिए कोबाल्ट थैरेपी भी दी जाएगी, जिससे कि कैंसर के गंभीर मरीजों को बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं केजीएमयू में मिल सकें.

समय पर मिलेगा मरीजों को इलाज

केजीएमयू में कैंसर के मरीजों को लंबा इंतजार न करना पड़े और समय पर कैंसर के इलाज की चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर तरीके से मिल पाएं, इस बात को ध्यान में रखते हुए केजीएमयू में कैंसर मरीजों का इलाज अब कोबाल्ट थैरेपी से होगा. इस थैरेपी से कैंसर सेल पर अचूक प्रहार किया जा सकेगा. केजीएमयू में अभी कैंसर के मरीजों को इरीडियम किरणों से थेरेपी दी जाती है. इस थैरेपी में किरणों का सोर्स 3 महीनों में खत्म हो जाता है, और इसे बार-बार बदलना पड़ता है. वहीं कोबाल्ट का रेडिएशन 5 साल तक चलता है. ऐसे में कैंसर के इलाज में दी जाने वाली थेरेपी को बार-बार देने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे कि मरीज के शरीर की इम्यूनिटी भी मजबूत बनी रहेगी और बार-बार मरीज को अस्पताल के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे. इसके साथ ही समय पर सटीक इलाज भी कैंसर के गंभीर मरीजों को मिल पाएगा.

ब्रेक थेरेपी यूनिट को मिली स्वीकृति

केजीएमयू में कैंसर के गंभीर मरीजों को सही समय पर सटीक इलाज देने के लिए ब्रेक थेरेपी यूनिट के लिए शासन द्वारा बजट को स्वीकार लिया गया है. केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि कोबाल्ट का काम केजीएमयू में लगभग पूरा कर लिया गया है और आने वाले दिनों में इससे इलाज भी शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही केजीएमयू के रेडियोथैरेपी विभाग में थेरेपी लेने वाले मरीजों की संख्या जो 500 रहती थी. वह आने वाले दिनों में इस यूनिट के लग जाने के बाद दोगुनी हो सकती है. इस थैरेपी से कैंसर के मरीजों को आने वाले दिनों में बेहतर इलाज मिल पाएगा.

पीड़ादायक है कैंसर का इलाज

कैंसर अपने आप में एक ऐसी बीमारी है, जिसका इजाल बहुत कष्टदायक है. इस बीमारी का वास्तविक आचरण ऐसा होता है कि कैंसर होने और उसके इलाज शुरू होने पर दोनों ही प्रक्रियाओं में मरीज को बहुत ज्यादा दर्द होता है. कैंसर अपने आप में एक काफी पीड़ादायक बीमारी है, लेकिन जब इस मर्ज का इलाज चिकित्सकों द्वारा शुरू किया जाता है तो इलाज की प्रक्रिया कैंसर से भी ज्यादा पीड़ादायक है. इसकी वजह से कई बार कैंसर के मरीजों को इलाज देने से पहले उनकी काउंसलिंग तक की जाती है, जिससे कि कैंसर के इलाज के दौरान कहीं मरीज हिम्मत न खो बैठे.

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