लखनऊ : 'फौजी कॉलिंग' फिल्म की कहानी उन परिवारों की है, जिनका एक सदस्य आर्मी में रहते हुए शहीद हो गया. उसके दुनिया से चले जाने के बाद कैसे उसके घरवाले अपनी पारिवारिक परिस्थितियों से युद्ध करते हैं. यह फिल्म ऐसी ही फौजियों (महिलाओं) पर आधारित है, जो सरहद पर नहीं, बल्कि घर पर हर दिन युद्ध (संघर्ष) का सामना कर रही हैं.
फौजी कॉलिंग उस पत्नी, मां, बेटी की कहानी है, जिनके पति, बेटा और पिता देश के लिए कुर्बान हो गए. ये महिलाएं अपने घर-परिवार को संभालने में लगी रहती हैं. ये कहना था फौजी कॉलिंग फिल्म के स्टार कलाकार शरमन जोशी का. इस फिल्म के प्रमोशन के लिए पूरी टीम मंगलवार को लखनऊ के फ़ीनिक्स प्लासिओ मॉल स्थिति आइनॉक्स पहुंचीं. ओवेज प्रोडक्शंस और रनिंग हॉर्सेज फिल्म्स की फिल्म 'फौजी कॉलिंग' का ट्रेलर हाल ही में रिलीज़ हुआ है. यह दर्शकों को बहुत पसंद आया है.
'फौजी कॉलिंग' है फौजी के परिवार की जंग की कहानी
25 मार्च को रिलीज होने वाली 'फौजी कॉलिंग' फिल्म की स्टार कास्ट प्रमोशन के लिए लखनऊ आई. इस दौरान ETV भारत ने एक्टर शरमन जोशी, बिदिता बाग और रांझा विक्रम सिंह से बातचीत की. फिल्म के राइटर और डायरेक्टर आर्यन सक्सेना ने बताया कि यह फिल्म हर फौजी के परिवार की जंग की कहानी बयां करती है. एक फौजी के घर में होली और दीवाली की खुशियां तो उसके घर लौटने पर ही मनाई जाती हैं. यह फौजी पिता और उसकी बेटी के रिश्तों की भावनात्मक कहानी है.
हिम्मत और संघर्ष की कहानी लोगों तक पहुंचाएगी यह फिल्म
फिल्म में मुख्य किरदार निभा रहे प्रख्यात अभिनेता शरमन जोशी ने मीडिया से कहा कि एक फौजी हर पल मौत के साये में खड़े रहकर भी अपनी जिम्मेदारी पूरी शिद्दत से निभाते हैं. उन्हें ये हिम्मत उनके परिवार से ही मिलती है. यदि फौजी के परिवार ही हिम्मत हार जाए तो फौजी की हिम्मत भी टूट सकती है. यह फिल्म फौजी के परिवार की हिम्मत और संघर्ष की कहानी को बखूबी लोगों तक पहुंचाएगी. मुझे पूरी उम्मीद है कि यह फिल्म लोगों के दिल को छू लेगी. इस फिल्म को देखने के बाद हर व्यक्ति में मन में हमारे देश की रक्षा करने वाले हर सिपाही के लिए इज्जत और बढ़ जाएगी.
'मेरे दिल के बहुत करीब है यह फिल्म'
व्हाइट वेगन एंटरटेनमेंट और ग्लैमर विजन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान फिल्म में लीड रोड निभा रही एक्ट्रेस बिदिता बाग ने कहा, 'मैं केंद्रीय विद्यालय की स्टूडेंट रही हूं. उस दौरान मेरे साथ कई ऐसे बच्चे भी पढ़ते थे, जिनके पिता फौज में थे. इसलिए मैंने एक फौजी के परिवार और बच्चों की भावनाओं को बहुत करीब से महसूस किया है. इस फिल्म के लिए भी मैंने कई फौजियों के परिवार के इंटरव्यू पढ़े और उन्हें जानने की कोशिश की है. यह फिल्म मेरे लिए बेहद खास है और मेरे दिल के बहुत करीब है.'
'भावनात्मक पहलुओं को लोगों तक पहुंचाएगी यह फिल्म'
एक्टर विक्रम सिंह कहते हैं कि अब तक हम सैनिकों की बहादुरी की कहानियां ही देखते और सुनते आएं है. किस तरह एक फौजी का परिवार उसके घर लौटने की राह देखता है और एक दिन जब उसके कभी भी घर न लौटकर आने की खबर आती है तो उसके परिवार पर क्या बीतती है, यह फिल्म उसी भावनात्मक पहलु को बहुत सशक्त तरीके से लोगों तक पहुंचाएगी. अब देखना ये है कि 25 मार्च को रिलीज होने जा रही फिल्म 'फौजी कॉलिंग' को दर्शक कितना पसंद करते हैं. हालांकि हाल ही में रिलीज हुए फिल्म के ट्रेलर को दर्शकों ने खूब पसंद किया.