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गैंगरेप मामला: रुपेश्वर की दूसरी जमानत अर्जी खारिज, गायत्री प्रजापति हैं मुख्य आरोपी

उत्तर प्रदेश की एमपी एमएलए कोर्ट ने गायत्री प्रजापति के साथ गैंगरेप के सह आरोपी रुपेश्वर की दूसरी जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इस मुकदमे में साक्ष्य की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है.

रुपेश्वर की दूसरी जमानत अर्जी खारिज
रुपेश्वर की दूसरी जमानत अर्जी खारिज
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Published : Jul 14, 2021, 9:26 PM IST

लखनऊ: पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को कोर्ट से एक बार फिर झटका लगा है. उनके खिलाफ दर्ज गैंग रेप के मामले में सह-अभियुक्त रुपेश्वर उर्फ रुपेश की दूसरी जमानत अर्जी एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इस मुकदमे में साक्ष्य की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है. इस मामले की पत्रावली अभियुक्तों के बयान के लिए नियत है. ऐसी परिस्थिति व अन्य तथ्यों को देखते हुए, द्वितीय जमानत अर्जी स्वीकार करने का पर्याप्त आधार नहीं है.

इस मामले में 3 जून 2017 को रुपेश्वर के साथ ही प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत अन्य अभियुक्त विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र व चंद्रपाल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ था. 18 जुलाई, 2017 को लखनऊ में पॉक्सो की विशेष अदालत ने सभी अभियुक्तों पर आईपीसी की धारा 376 डी, 354 ए(1), 504, 506 व 509 में आरोप तय किया था. इसके साथ ही गायत्री, विकास, आशीष और अशोक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 5जी/6 के तहत भी आरोप तय किया था.

18 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति और अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में गैंगरेप, जानमाल की धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता की अर्जी पर दिया था. चित्रकूट की रहने वाली पीड़िता ने गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर गैंग रेप का आरोप लगाते हुए अपनी नाबालिग बेटी के साथ भी दुराचार के प्रयास का आरोप लगाया था. विवेचना के दौरान पुलिस ने गायत्री समेत सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

लखनऊ: पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को कोर्ट से एक बार फिर झटका लगा है. उनके खिलाफ दर्ज गैंग रेप के मामले में सह-अभियुक्त रुपेश्वर उर्फ रुपेश की दूसरी जमानत अर्जी एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इस मुकदमे में साक्ष्य की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है. इस मामले की पत्रावली अभियुक्तों के बयान के लिए नियत है. ऐसी परिस्थिति व अन्य तथ्यों को देखते हुए, द्वितीय जमानत अर्जी स्वीकार करने का पर्याप्त आधार नहीं है.

इस मामले में 3 जून 2017 को रुपेश्वर के साथ ही प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत अन्य अभियुक्त विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र व चंद्रपाल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ था. 18 जुलाई, 2017 को लखनऊ में पॉक्सो की विशेष अदालत ने सभी अभियुक्तों पर आईपीसी की धारा 376 डी, 354 ए(1), 504, 506 व 509 में आरोप तय किया था. इसके साथ ही गायत्री, विकास, आशीष और अशोक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 5जी/6 के तहत भी आरोप तय किया था.

18 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति और अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में गैंगरेप, जानमाल की धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता की अर्जी पर दिया था. चित्रकूट की रहने वाली पीड़िता ने गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर गैंग रेप का आरोप लगाते हुए अपनी नाबालिग बेटी के साथ भी दुराचार के प्रयास का आरोप लगाया था. विवेचना के दौरान पुलिस ने गायत्री समेत सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

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