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बुंदेलखंड की पेयजल परियोजनाओं की समीक्षा के लिए ग्राउंड पर उतरेंगे सीएम योगी

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Published : Apr 13, 2022, 10:32 PM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बैठक में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्याें की समीक्षा की. इस दौरान सीएम ने बुन्देलखण्ड एवं विंध्य क्षेत्र की पेयजल परियोजनाओं को तय समय में पूरा करने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ बुंदेलखंड क्षेत्र में पेयजल परियोजनाओं की समीक्षा करने को लेकर ग्राउंड पर उतरकर हाल जानेंगें. यह बात सीएम योगी ने अफसरों के साथ पेयजल परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान खुद कही. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार वर्ष 2024 तक जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के हर घर को नल से स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. सीएम ने बैठक में अधिकारियों को इस सम्बन्ध में कार्ययोजना बनाकर समयबद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा है कि बुन्देलखण्ड एवं विंध्य क्षेत्र की पेयजल परियोजनाओं को तय समय में पूरा किया जाए.


पेयजल परियोजनाओं की भौतिक समीक्षा करेंः मुख्यमंत्री बुधवार को लोक भवन में आयोजित बैठक में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्याें की समीक्षा की. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि जल शक्ति मंत्री एवं राज्य मंत्री, विभागीय अधिकारी एवं जल निगम के वरिष्ठ अभियन्ता इस सप्ताह से बुन्देलखण्ड क्षेत्र एवं विंध्य क्षेत्र में संचालित पेयजल परियोजनाओं के कार्याें की भौतिक समीक्षा करें. ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, नगर विकास विभाग एवं ग्राम्य विकास विभाग के साथ अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से पेयजल एवं स्वच्छता सम्बन्धी कार्याें को सम्पादित करें. गर्मी के मौसम में लोगों को कोई दिक्कत न हो, इसके दृष्टिगत जलापूर्ति सम्बन्धी कार्याें की नियमित ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जाए. उन्होंने सभी परिषदीय विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये.

बुन्देलखण्ड के लिए अर्जुन सहायक परियोजना वरदानः मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के विगत 05 वर्षाें के प्रयासों से सूखे से ग्रस्त रहे बुन्देलखण्ड और विंध्य क्षेत्र के प्रत्येक घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ रही है. जल जीवन मिशन के अन्तर्गत हर घर नल योजना द्वारा लोगों के घरों में पाइप द्वारा शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है. यह बदलते उत्तर प्रदेश की बेहतर तस्वीर है. निर्धारित समय में अधिक से अधिक घरों में जल कनेक्शन के कार्य को पूर्ण किया जाए. सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन से प्रदेश सरकार ने राज्य में 40 वर्षाें से अधूरी पड़ी सिंचाई एवं पेयजल परियोजनाओं को विगत 05 वर्षाें में तय समय से पहले पूरा करके दिखाया है. बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए अर्जुन सहायक परियोजना वरदान साबित हो रही है.

ग्राम पंचायतों की जवाबदेही तय की जाएः मुख्यमंत्री ने कहा कि शुद्ध पेयजल उत्तम स्वास्थ्य का आधार है. इसलिए लोगों में जल प्रबन्धन एवं संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जाएं. विशेष रूप से दिमागी बुखार, आर्सेनिक एवं फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में प्रशिक्षण एवं जागरूकता के कार्यक्रम संचालित किये जाएं. ग्राम पंचायत स्तर पर गठित जल समिति को सक्रिय करते हुए जलापूर्ति कार्याें के लिए ग्राम पंचायतों की जवाबदेही तय की जाए. पानी की एक-एक बूंद को बचाने के लिए तकनीक के उपयोग पर बल दिया जाए. जल को बचाना एवं उसे संरक्षित रखना प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है.

इसे भी पढ़ें-प्रदेश में सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा: सीएम योगी

तय समय में कार्य पूरा कराएंः मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल परियोजनाओं की निर्माण इकाइयों-ओवर हेड टैंक, पाइप लाइन बिछाने जैसे विभिन्न कार्याें को तय समय में पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए. लोगों को सतत पेयजल की आपूर्ति कराने के लिए जलापूर्ति से सम्बन्धित सभी कार्याें का बेहतर प्रबन्धन किया जाए तथा क्षतिपूर्ति से सम्बन्धित कार्याें को निष्पादित करने के लिए स्थानीय स्तर के ही किसी प्रशिक्षित व्यक्ति (फिटर) का चयन किया जाए. इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ बुंदेलखंड क्षेत्र में पेयजल परियोजनाओं की समीक्षा करने को लेकर ग्राउंड पर उतरकर हाल जानेंगें. यह बात सीएम योगी ने अफसरों के साथ पेयजल परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान खुद कही. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार वर्ष 2024 तक जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के हर घर को नल से स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. सीएम ने बैठक में अधिकारियों को इस सम्बन्ध में कार्ययोजना बनाकर समयबद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा है कि बुन्देलखण्ड एवं विंध्य क्षेत्र की पेयजल परियोजनाओं को तय समय में पूरा किया जाए.


पेयजल परियोजनाओं की भौतिक समीक्षा करेंः मुख्यमंत्री बुधवार को लोक भवन में आयोजित बैठक में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्याें की समीक्षा की. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि जल शक्ति मंत्री एवं राज्य मंत्री, विभागीय अधिकारी एवं जल निगम के वरिष्ठ अभियन्ता इस सप्ताह से बुन्देलखण्ड क्षेत्र एवं विंध्य क्षेत्र में संचालित पेयजल परियोजनाओं के कार्याें की भौतिक समीक्षा करें. ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, नगर विकास विभाग एवं ग्राम्य विकास विभाग के साथ अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से पेयजल एवं स्वच्छता सम्बन्धी कार्याें को सम्पादित करें. गर्मी के मौसम में लोगों को कोई दिक्कत न हो, इसके दृष्टिगत जलापूर्ति सम्बन्धी कार्याें की नियमित ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जाए. उन्होंने सभी परिषदीय विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये.

बुन्देलखण्ड के लिए अर्जुन सहायक परियोजना वरदानः मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के विगत 05 वर्षाें के प्रयासों से सूखे से ग्रस्त रहे बुन्देलखण्ड और विंध्य क्षेत्र के प्रत्येक घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ रही है. जल जीवन मिशन के अन्तर्गत हर घर नल योजना द्वारा लोगों के घरों में पाइप द्वारा शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है. यह बदलते उत्तर प्रदेश की बेहतर तस्वीर है. निर्धारित समय में अधिक से अधिक घरों में जल कनेक्शन के कार्य को पूर्ण किया जाए. सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन से प्रदेश सरकार ने राज्य में 40 वर्षाें से अधूरी पड़ी सिंचाई एवं पेयजल परियोजनाओं को विगत 05 वर्षाें में तय समय से पहले पूरा करके दिखाया है. बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए अर्जुन सहायक परियोजना वरदान साबित हो रही है.

ग्राम पंचायतों की जवाबदेही तय की जाएः मुख्यमंत्री ने कहा कि शुद्ध पेयजल उत्तम स्वास्थ्य का आधार है. इसलिए लोगों में जल प्रबन्धन एवं संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जाएं. विशेष रूप से दिमागी बुखार, आर्सेनिक एवं फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में प्रशिक्षण एवं जागरूकता के कार्यक्रम संचालित किये जाएं. ग्राम पंचायत स्तर पर गठित जल समिति को सक्रिय करते हुए जलापूर्ति कार्याें के लिए ग्राम पंचायतों की जवाबदेही तय की जाए. पानी की एक-एक बूंद को बचाने के लिए तकनीक के उपयोग पर बल दिया जाए. जल को बचाना एवं उसे संरक्षित रखना प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है.

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तय समय में कार्य पूरा कराएंः मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल परियोजनाओं की निर्माण इकाइयों-ओवर हेड टैंक, पाइप लाइन बिछाने जैसे विभिन्न कार्याें को तय समय में पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए. लोगों को सतत पेयजल की आपूर्ति कराने के लिए जलापूर्ति से सम्बन्धित सभी कार्याें का बेहतर प्रबन्धन किया जाए तथा क्षतिपूर्ति से सम्बन्धित कार्याें को निष्पादित करने के लिए स्थानीय स्तर के ही किसी प्रशिक्षित व्यक्ति (फिटर) का चयन किया जाए. इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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