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सीएम योगी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिए स्मार्टफोन, मानदेय बढ़ाने का दिया आश्वासन - लखनऊ खबर

राजधानी लखनऊ में मंगलवार को लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक लाख 23 हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्टफोन वितरण करने के कार्यक्रम की शुरुआत की. सीएम ने अपने हाथ से 20 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्टफोन भेंट किया. इसके साथ नवजात बच्चों की वृद्धि का स्तर मापने के लिए प्रदेश के हर आंगनबाड़ी केंद्र को नवजात वृद्धि निगरानी यंत्र (इंफेंटोमीटर) भी दिया.

सीएम योगी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को आज सौंपेंगे स्मार्टफोन
सीएम योगी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को आज सौंपेंगे स्मार्टफोन
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Published : Sep 28, 2021, 9:11 AM IST

Updated : Sep 28, 2021, 1:31 PM IST

लखनऊ: यूपी की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अब स्मार्टफोन से लैस होकर काम करेंगी. लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक लाख 23 हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्टफोन वितरण करने के कार्यक्रम की शुरुआत की. सीएम ने अपने हाथ से 20 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्टफोन भेंट किया. साथ ही नवजात बच्चों की वृद्धि का स्तर मापने के लिए प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्र को नवजात वृद्धि निगरानी यंत्र (इंफेंटोमीटर) भी वितरित किए गए. इस अवसर पर सीएम ने एक मोबाइल एप को भी लांच किया. सीएम ने कहा कि स्मार्ट फोन में इंटरनेट के लिए 200 रुपये की राशि भी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन आपको और स्मार्ट बनाएगा, और स्मार्टनेस ही आपकी पहचान होनी चाहिए.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज से चार साल पहले क्या स्थिति थी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मन में भय होता था, पहले इनको गलत तरीके से देखा जाता था, लेकिन आज इनका सम्मान बढ़ा है. प्रधानमंत्री का संकल्प था कि एक पारदर्शी और ईमानदार सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तकनीक का सहारा लेंगे. तकनीक के लिए संसाधन उन लोगों तक पहुंचाना जरूरी है जो योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाते हैं. आज यूपी के बारे में लोगों की धारणा बदली है, हर विभाग ने कुछ न कुछ नया किया है.

सीएम योगी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिए स्मार्टफोन
सीएम योगी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिए स्मार्टफोन

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं हमेशा कहता था कि हम तकनीकी के माध्यम से शासन की योजनाओं को हर नागरिक तक पहुंचाने का कार्य करें, तकनीकी के लिए आवश्यक संसाधन उन लोगों को पहुंचाने का कार्य करें जो समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का कार्य करते हैं. सीएम ने कहा कि आज का कार्यक्रम महत्वपूर्ण है, यह स्मार्टफोन वितरण या डिवाइस वितरण का कार्यक्रम ही नहीं है, बल्कि ये सुशासन को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का है. 4 साल पहले हम भय खाते थे कि आंगनबाड़ी बहने न जाने कब धरना प्रदर्शन पर बैठ जाएं. जबकि अब धारणाएं बदली हैं, आपत्ति आने पर यही बहनें आगे आई थीं. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति कितना भी बुद्धिमान हो, जबतक उसका काम लोककल्याण के लिए न आए तब तक कोई अस्तित्व नहीं है.

सीएम ने कहा कि एक समय यूपी को फोकस करके मीडिया ट्रायल शुरू हो गया था, जबकि कोरोना अन्य राज्यों में भी था, लेकिन हम पर हर ओर से हमले करके और कठघरे में खड़ा करने की कोशिश हुई थी. तब हमने तय किया कि निगरानी समिति का गठन किया जाए, हमने दूसरी लहर में अप्रैल के महीने में निगरानी समिति का गठन कर दिया था, इसमें सभी विभागों ग्रामीण विकास, पंचायती राज़ आदि के लोग थे, 10 से 12 लोगों की ये टीम यही आंगनबाड़ी की बहनें लोगों के बीच जाकर पड़ताल, जांच करने जाती थी, फिर ये रिपोर्ट शाम तक मेरे पास आती थी. देखते ही देखते ये कोरोना जो एक महामारी था, उस पर नियंत्रण हुआ, और यूपी देश के लिए मॉडल बना.

  • मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज आज लोक भवन सभागार, लखनऊ में पोषण अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को तकनीक से जोड़ने व उनकी कार्य सुविधा हेतु 1.23 लाख स्मार्टफोन तथा बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु 1.87 लाख इन्फैंटोमीटर का वितरण करेंगे।

    — Yogi Adityanath Office (@myogioffice) September 28, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इसे भी पढ़ें-योगी सरकार का किसानों को तोहफा, गन्‍ने के समर्थन मूल्‍य में ₹25 की बढ़ोतरी

सीएम योगी ने कहा कि मैं जानता था पहले से इनकी ताकत क्या होती है, एएनएम, आंगनबाड़ी बहनों की ताकत मैं समझता था, लेकिन पता नहीं ये समझती थीं या नहीं. सीएम ने कहा कि 1977 से पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफ्लाइटिस का कहर था, 1977 से 1997 तक इसकी सूचना सरकारों तक नही पहुंची थी, किंतनी सरकारें आई, लेकिन उन तक इसकी जानकारी गोरखपुर से लखनऊ नहीं पहुंच सकी, उन्होंने कहा कि 1998 में मैं सांसद बना तो मैंने अस्पताल जाकर देखा, डॉक्टरों से पूछा उनका कहना था कि ये बीमारी 20 वर्षों से है, इसकी कोई दवा नहीं है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इस बात का विश्वास था कि हम लोग मिलकर कोरोना को परास्त करेंगे, आशा वर्कर्स, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को कहा कि आप लोग डोर टू डोर सर्वे करें. उस समय कुछ दिक्कतें आई. सूची तैयार करने में तकनीकी की कुछ दिक्कतें आई, तभी हमने सोचा कि एक स्मार्टफोन की तकनीकी यही आंगनबाड़ी बहने मौके से ही जानकारियां भर के अपलोड कर दें तो तत्काल इसकी जानकारी शासन को मिल सकेगी, यही स्मार्टफोन आज जो मिल रहा है, यही तकनीकी है, जिसपर समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा जा सकता है.

सीएम ने कहा कि हमने निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को उनके मानदेय को बढ़ाया जाए, आगे और भी बढ़ाएंगे. सर्वांगीण विकास की नींव आप ही लोग रख रहे है, आगे आंगनबाड़ी केंद्र को कैसे प्री-प्राइमरी स्कूल के लिए विकसित किया जाए, आगे चलकर इसपर भी कार्य करने जा रहे हैं. इस कार्यक्रम में राज्य मंत्री स्वाति सिंह सहित सरकार के कई बड़े वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

लखनऊ: यूपी की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अब स्मार्टफोन से लैस होकर काम करेंगी. लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक लाख 23 हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्टफोन वितरण करने के कार्यक्रम की शुरुआत की. सीएम ने अपने हाथ से 20 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्टफोन भेंट किया. साथ ही नवजात बच्चों की वृद्धि का स्तर मापने के लिए प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्र को नवजात वृद्धि निगरानी यंत्र (इंफेंटोमीटर) भी वितरित किए गए. इस अवसर पर सीएम ने एक मोबाइल एप को भी लांच किया. सीएम ने कहा कि स्मार्ट फोन में इंटरनेट के लिए 200 रुपये की राशि भी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन आपको और स्मार्ट बनाएगा, और स्मार्टनेस ही आपकी पहचान होनी चाहिए.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज से चार साल पहले क्या स्थिति थी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मन में भय होता था, पहले इनको गलत तरीके से देखा जाता था, लेकिन आज इनका सम्मान बढ़ा है. प्रधानमंत्री का संकल्प था कि एक पारदर्शी और ईमानदार सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तकनीक का सहारा लेंगे. तकनीक के लिए संसाधन उन लोगों तक पहुंचाना जरूरी है जो योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाते हैं. आज यूपी के बारे में लोगों की धारणा बदली है, हर विभाग ने कुछ न कुछ नया किया है.

सीएम योगी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिए स्मार्टफोन
सीएम योगी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिए स्मार्टफोन

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं हमेशा कहता था कि हम तकनीकी के माध्यम से शासन की योजनाओं को हर नागरिक तक पहुंचाने का कार्य करें, तकनीकी के लिए आवश्यक संसाधन उन लोगों को पहुंचाने का कार्य करें जो समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का कार्य करते हैं. सीएम ने कहा कि आज का कार्यक्रम महत्वपूर्ण है, यह स्मार्टफोन वितरण या डिवाइस वितरण का कार्यक्रम ही नहीं है, बल्कि ये सुशासन को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का है. 4 साल पहले हम भय खाते थे कि आंगनबाड़ी बहने न जाने कब धरना प्रदर्शन पर बैठ जाएं. जबकि अब धारणाएं बदली हैं, आपत्ति आने पर यही बहनें आगे आई थीं. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति कितना भी बुद्धिमान हो, जबतक उसका काम लोककल्याण के लिए न आए तब तक कोई अस्तित्व नहीं है.

सीएम ने कहा कि एक समय यूपी को फोकस करके मीडिया ट्रायल शुरू हो गया था, जबकि कोरोना अन्य राज्यों में भी था, लेकिन हम पर हर ओर से हमले करके और कठघरे में खड़ा करने की कोशिश हुई थी. तब हमने तय किया कि निगरानी समिति का गठन किया जाए, हमने दूसरी लहर में अप्रैल के महीने में निगरानी समिति का गठन कर दिया था, इसमें सभी विभागों ग्रामीण विकास, पंचायती राज़ आदि के लोग थे, 10 से 12 लोगों की ये टीम यही आंगनबाड़ी की बहनें लोगों के बीच जाकर पड़ताल, जांच करने जाती थी, फिर ये रिपोर्ट शाम तक मेरे पास आती थी. देखते ही देखते ये कोरोना जो एक महामारी था, उस पर नियंत्रण हुआ, और यूपी देश के लिए मॉडल बना.

  • मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज आज लोक भवन सभागार, लखनऊ में पोषण अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को तकनीक से जोड़ने व उनकी कार्य सुविधा हेतु 1.23 लाख स्मार्टफोन तथा बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु 1.87 लाख इन्फैंटोमीटर का वितरण करेंगे।

    — Yogi Adityanath Office (@myogioffice) September 28, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इसे भी पढ़ें-योगी सरकार का किसानों को तोहफा, गन्‍ने के समर्थन मूल्‍य में ₹25 की बढ़ोतरी

सीएम योगी ने कहा कि मैं जानता था पहले से इनकी ताकत क्या होती है, एएनएम, आंगनबाड़ी बहनों की ताकत मैं समझता था, लेकिन पता नहीं ये समझती थीं या नहीं. सीएम ने कहा कि 1977 से पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफ्लाइटिस का कहर था, 1977 से 1997 तक इसकी सूचना सरकारों तक नही पहुंची थी, किंतनी सरकारें आई, लेकिन उन तक इसकी जानकारी गोरखपुर से लखनऊ नहीं पहुंच सकी, उन्होंने कहा कि 1998 में मैं सांसद बना तो मैंने अस्पताल जाकर देखा, डॉक्टरों से पूछा उनका कहना था कि ये बीमारी 20 वर्षों से है, इसकी कोई दवा नहीं है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इस बात का विश्वास था कि हम लोग मिलकर कोरोना को परास्त करेंगे, आशा वर्कर्स, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को कहा कि आप लोग डोर टू डोर सर्वे करें. उस समय कुछ दिक्कतें आई. सूची तैयार करने में तकनीकी की कुछ दिक्कतें आई, तभी हमने सोचा कि एक स्मार्टफोन की तकनीकी यही आंगनबाड़ी बहने मौके से ही जानकारियां भर के अपलोड कर दें तो तत्काल इसकी जानकारी शासन को मिल सकेगी, यही स्मार्टफोन आज जो मिल रहा है, यही तकनीकी है, जिसपर समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा जा सकता है.

सीएम ने कहा कि हमने निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को उनके मानदेय को बढ़ाया जाए, आगे और भी बढ़ाएंगे. सर्वांगीण विकास की नींव आप ही लोग रख रहे है, आगे आंगनबाड़ी केंद्र को कैसे प्री-प्राइमरी स्कूल के लिए विकसित किया जाए, आगे चलकर इसपर भी कार्य करने जा रहे हैं. इस कार्यक्रम में राज्य मंत्री स्वाति सिंह सहित सरकार के कई बड़े वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

Last Updated : Sep 28, 2021, 1:31 PM IST

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