लखनऊ: सीएम योगी ने रविवार को लखनऊ के वीरांगना अवंती बाई महिला हॉस्पिटल से पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ किया. इस मौके पर सीएम ने कहा कि भारत में पोलियो का आखिरी मामला साल 2010 में आया था. इसके बाद एक भी केस नहीं आया. वजह है कि पोलियो अभियान को सुचारु रूप से चलाया जा रहा है.
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हमें पोलियो मुक्ति अभियान के लक्ष्य को सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 31, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि हम लोग रूढ़िवाद एवं अंधविश्वास से ऊपर उठकर इस राष्ट्रीय अभियान में भागीदार बनें।
आज के इस अभियान के लिए सभी को हृदय से बधाई।
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— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 31, 2021
अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि हम लोग रूढ़िवाद एवं अंधविश्वास से ऊपर उठकर इस राष्ट्रीय अभियान में भागीदार बनें।
आज के इस अभियान के लिए सभी को हृदय से बधाई।हमें पोलियो मुक्ति अभियान के लक्ष्य को सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 31, 2021
अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि हम लोग रूढ़िवाद एवं अंधविश्वास से ऊपर उठकर इस राष्ट्रीय अभियान में भागीदार बनें।
आज के इस अभियान के लिए सभी को हृदय से बधाई।
पोलियो मुक्त है भारत देश
सीएम योगी ने कहा कि भारत को 2014 में पोलियो मुक्त घोषित किया जा चुका है. अफगानिस्तान, नाइजीरिया और पाकिस्तान में अभी भी पोलियो के मामले सामने आ रहे हैं. देश और उत्तर प्रदेश के शिशुओं को पोलियो के संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए इस अभियान को लगातार चलाने की आवश्यकता है. इसी उद्देश्य के साथ फिर से एक बार पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की गई है.
69 हजार टीमों का गठन
उत्तर प्रदेश में पल्स पोलियो अभियान के तहत पांच साल तक के तकरीबन तीन करोड़ 40 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी. प्रदेश में पोलियो बूथों की संख्या 1,10,000 है. घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने के लिए 69 हजार टीमों का गठन किया गया है. प्रदेश में वैक्सीनेटर की संख्या तीन लाख 30 हजार है. पल्स पोलियो खुराक के लिए 23,000 सुपरवाइजर्स, 6,500 ट्रांजिट टीम और 1700 मोबाइल टीम गठित की गई हैं.
दिल्ली से कम हैं प्रदेश में कोरोना से मौत
सीएम योगी ने कहा कि दिल्ली 1.75 करोड़ आबादी वाला राज्य है. वहां कोरोना से 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. उत्तर प्रदेश में 24 करोड़ की जनसंख्या है, फिर भी यहां मौतों का आंकड़ा दिल्ली से कम है. यहां पर आठ हजार लोगों की कोरोना से मौत हुई है.