लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर प्रदेश में की जा रही धान खरीद की समीक्षा की. उन्होंने बैठक में निर्देश दिए कि पिछले वर्ष जहां-जहां धान खरीद केन्द्र स्थापित किए गए थे, उन्हें इस वर्ष भी चालू कर दिया जाए. उन्होंने कहा अगले एक सप्ताह में पूरे प्रदेश में 4500 धान खरीद केन्द्र स्थापित करते हुए इनके माध्यम से धान की खरीद तेजी से की जाए.
मुख्यमंत्री ने किसानों से धान खरीद की सीमा समाप्त करने का निर्देश देते हुए कहा कि धान खरीद में प्रशिक्षित कर्मियों को लगाया जाए और किसानों को उनसे की गई धान खरीद के सम्बन्ध में जानकारी एसएमएस के माध्यम से दी जाए. साथ ही उन्हें धान की खरीद के लिए आवश्यक गुणवत्ता के सम्बन्ध में भी जानकारी दी जाए और नमी की समस्या को दूर करने से सम्बन्धित उपकरण क्रय केन्द्र पर उपलब्ध कराए जाएं. उन्होंने बटाईदार किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने राइसमिलर्स के साथ संवाद स्थापित करते हुए उनकी समस्याओं का भी समाधान करने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने धान खरीद तथा किसानों को किए जा रहे भुगतान की विभिन्न स्तरों पर मॉनीटरिंग के निर्देश दिए. उन्होंने जनपद स्तर पर जिलाधिकारी, मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्त तथा शासन स्तर पर मुख्य सचिव को प्रतिदिन की जा रही धान खरीद तथा इसके भुगतान के सम्बन्ध में समीक्षा करने के निर्देश देते हुए शासन को इसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा है. उन्होंने खाद्य आयुक्त तथा प्रमुख सचिव खाद्य को भी अपने-अपने स्तर से इस कार्य की मॉनीटरिंग करने के लिए कहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्थापित किए गए धान क्रय केन्द्रों पर किसानों को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. यदि उन्हें कोई समस्या हो तो उसका त्वरित निस्तारण किया जाए. उन्होंने धान खरीद के सम्बन्ध में किसानों को सभी सहूलियत प्रदान करने के दृष्टिगत रणनीति तैयार करने के लिए कहा.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीद के सम्बन्ध में किसान संगठनों से संवाद स्थापित किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक जरूरतमंद किसान का धान हर हाल में खरीदा जाए. धान क्रय केन्द्रों पर बोरों की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था की जाए. धान क्रय केन्द्र पर किसानों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की सभी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए तत्पर है. किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित कराने की दिशा में निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता से किसानों के साथ खड़ी है. मुख्यमंत्री ने कृषि एवं राजस्व विभाग को आपस में समन्वय स्थापित करते हुए अतिवृष्टि से प्रभावित धान किसानों को शीघ्र मुआवजा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने प्रदेश में डीएपी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को प्रमुख सचिव खाद्य ने अवगत कराया कि प्रदेश में अब तक लगभग 4000 धान क्रय केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं, जहां पर धान खरीद हो रही है. उन्होंने कहा कि बचे हुए केन्द्र शीघ्र ही स्थापित करते हुए धान खरीद में तेजी लायी जाएगी. समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव वित्त एस राधा चौहान, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.