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गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए अगले 6 माह में हो 90 फीसदी भूमि अधिग्रहण: CM योगी

अपने सरकारी आवास पर बैठक करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की तैयारियों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बाद छह लेन का गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश को नई पहचान देगा.

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Published : Nov 20, 2020, 10:41 PM IST

CM योगी
CM योगी

लखनऊ: बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के सपने को जमीन पर उतार रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब 'गंगा एक्सप्रेस-वे' के लिए युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए यूपीडा सहित सभी संबंधित विभागों को 'मिशन मोड' में काम करने का निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि एक्सप्रेस-वे के लिए अगले छह महीने में 90 फीसद तक जमीन अधिग्रहीत कर ली जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि अगले साल जून मध्य में इसका शिलान्यास और बरसात के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाए.

शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर 'गंगा एक्सप्रेस-वे' की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बाद छह लेन का गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश को नई पहचान देगा.

सभी 12 जिलों में औद्योगिक क्लस्टर तैयार किए जाएं
इस दौरान सीएम ने कहा कि इसी माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वाराणसी से प्रयागराज के बीच एक छह लेन मार्ग की सौगात मिलने जा रही है. यह एक्सप्रेस-वे विकास के वाहक हैं. इनके बन जाने से उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी की सुविधा बेहतरीन हो जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे से जुड़ रहे सभी 12 जिलों में औद्योगिक क्लस्टर तैयार किए जाएं. उद्योगों के विकास और निवेश के लिए प्रदेश में अनुकूल माहौल है. एक्सप्रेस-वे निर्माण के साथ-साथ क्लस्टर के लिए भी भूमि की व्यवस्था की जाए.

36,410 करोड़ में तैयार होगा गंगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे के बारे में जानकारी देते हुए यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने मुख्यमंत्री को बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए पश्चिमी उत्तरप्रदेश के एक-एक गांव का सर्वे कर विस्तृत कार्ययोजना बना ली गई है. यह छह लेन का एक्सप्रेस-वे मेरठ और प्रयागराज के बीच बनेगा जो 594 किलोमीटर लंबा होगा. यह एक्सप्रेस-वे वर्तमान में ग्राम बिजौली, जिला मेरठ के पास से शुरू होकर प्रयागराज में जुदापुरडांडो के पास एनएच 19 के बाईपास पर समाप्त होगा.

यूपीडा के सीईओ ने बताया कि इस परियोजना की कुल संभावित लागत करीब 36 हजार 410 करोड़ आंकी गई है. इसमें भूमि अधिग्रहण के लिए करीब 9,255 करोड़ रुपये अनुमानित हैं जबकि 22,145 करोड़ रुपये सिविल निर्माण में खर्च होंगे. मार्ग में आने वाले सभी 12 जिलों में ग्राम सभा के स्वामित्व की भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. इस बारे में राजस्व विभाग की सहमति ले ली गई है.

विदेशी निवेश के प्रस्ताव भी आये
मुख्यमंत्री योगी ने यह भी बताया कि वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए सभी विकल्पों पर ध्यान दिया जा रहा है. विदेशी निवेश के प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं. बैंकों की ओर से भी स्वतः प्रस्ताव मिल रहे हैं. इस बारे में शीघ्र ही निर्णय हो जाएगा. मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि किसी भी दिशा में बजट रिवाइज न हो. इसकी अनुमति नहीं मिलेगी.

एक नजर में गंगा एक्सप्रेस-वे

  • 594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे 06 लेन का होगा, जिसे भविष्य में 08 लेन तक किया जा सकेगा.
  • वर्तमान में ग्राम बिजौली, जिला मेरठ के पास से शुरू होकर प्रयागराज में जुदापुरडांडो के पास एनएच 19 के बाईपास पर समाप्त होगा.
  • यह 12 जिलों मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जनपदों से होकर गुजरेगा.
  • एक्सप्रेस-वे की डिजाइन स्पीड 120 किमी प्रति घंटा एवं यातायात हेतु स्पीड 100 किमी प्रति घंटा होगी.
  • एक्सप्रेस-वे पर 17 इंटरचेंज प्रस्तावित है, जो प्रमुख मार्गो एवं शहरों से जुड़ेंगे.
  • 09 यात्री सुविधा केंद्र प्रस्तावित हैं, जो मुख्य मार्ग के दोनों तरफ से जुड़े होंगे.
  • परियोजना की कुल संभावित लागत 36,410 करोड़ रुपये है, जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए करीब 9,255 करोड़ अनुमानित है. जबकि 22,145 करोड सिविल निर्माण के लिए अनुमानित है.

लखनऊ: बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के सपने को जमीन पर उतार रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब 'गंगा एक्सप्रेस-वे' के लिए युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए यूपीडा सहित सभी संबंधित विभागों को 'मिशन मोड' में काम करने का निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि एक्सप्रेस-वे के लिए अगले छह महीने में 90 फीसद तक जमीन अधिग्रहीत कर ली जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि अगले साल जून मध्य में इसका शिलान्यास और बरसात के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाए.

शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर 'गंगा एक्सप्रेस-वे' की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बाद छह लेन का गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश को नई पहचान देगा.

सभी 12 जिलों में औद्योगिक क्लस्टर तैयार किए जाएं
इस दौरान सीएम ने कहा कि इसी माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वाराणसी से प्रयागराज के बीच एक छह लेन मार्ग की सौगात मिलने जा रही है. यह एक्सप्रेस-वे विकास के वाहक हैं. इनके बन जाने से उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी की सुविधा बेहतरीन हो जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे से जुड़ रहे सभी 12 जिलों में औद्योगिक क्लस्टर तैयार किए जाएं. उद्योगों के विकास और निवेश के लिए प्रदेश में अनुकूल माहौल है. एक्सप्रेस-वे निर्माण के साथ-साथ क्लस्टर के लिए भी भूमि की व्यवस्था की जाए.

36,410 करोड़ में तैयार होगा गंगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे के बारे में जानकारी देते हुए यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने मुख्यमंत्री को बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए पश्चिमी उत्तरप्रदेश के एक-एक गांव का सर्वे कर विस्तृत कार्ययोजना बना ली गई है. यह छह लेन का एक्सप्रेस-वे मेरठ और प्रयागराज के बीच बनेगा जो 594 किलोमीटर लंबा होगा. यह एक्सप्रेस-वे वर्तमान में ग्राम बिजौली, जिला मेरठ के पास से शुरू होकर प्रयागराज में जुदापुरडांडो के पास एनएच 19 के बाईपास पर समाप्त होगा.

यूपीडा के सीईओ ने बताया कि इस परियोजना की कुल संभावित लागत करीब 36 हजार 410 करोड़ आंकी गई है. इसमें भूमि अधिग्रहण के लिए करीब 9,255 करोड़ रुपये अनुमानित हैं जबकि 22,145 करोड़ रुपये सिविल निर्माण में खर्च होंगे. मार्ग में आने वाले सभी 12 जिलों में ग्राम सभा के स्वामित्व की भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. इस बारे में राजस्व विभाग की सहमति ले ली गई है.

विदेशी निवेश के प्रस्ताव भी आये
मुख्यमंत्री योगी ने यह भी बताया कि वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए सभी विकल्पों पर ध्यान दिया जा रहा है. विदेशी निवेश के प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं. बैंकों की ओर से भी स्वतः प्रस्ताव मिल रहे हैं. इस बारे में शीघ्र ही निर्णय हो जाएगा. मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि किसी भी दिशा में बजट रिवाइज न हो. इसकी अनुमति नहीं मिलेगी.

एक नजर में गंगा एक्सप्रेस-वे

  • 594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे 06 लेन का होगा, जिसे भविष्य में 08 लेन तक किया जा सकेगा.
  • वर्तमान में ग्राम बिजौली, जिला मेरठ के पास से शुरू होकर प्रयागराज में जुदापुरडांडो के पास एनएच 19 के बाईपास पर समाप्त होगा.
  • यह 12 जिलों मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जनपदों से होकर गुजरेगा.
  • एक्सप्रेस-वे की डिजाइन स्पीड 120 किमी प्रति घंटा एवं यातायात हेतु स्पीड 100 किमी प्रति घंटा होगी.
  • एक्सप्रेस-वे पर 17 इंटरचेंज प्रस्तावित है, जो प्रमुख मार्गो एवं शहरों से जुड़ेंगे.
  • 09 यात्री सुविधा केंद्र प्रस्तावित हैं, जो मुख्य मार्ग के दोनों तरफ से जुड़े होंगे.
  • परियोजना की कुल संभावित लागत 36,410 करोड़ रुपये है, जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए करीब 9,255 करोड़ अनुमानित है. जबकि 22,145 करोड सिविल निर्माण के लिए अनुमानित है.
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