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छठ पूजा 2021: लक्ष्मण मेला घाट पहुंचे सीएम योगी, लोगों को दी शुभकामनाएं - छठ पूजा कब है

डाला छठ के मौके पर बुधवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बड़ी संख्या में घाटों पर लोगों की भीड़ उमड़ी. भगवान भास्कर को श्रद्धा के साथ नमन करते हुए डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर आज महापर्व का पहला अर्घ्य संपन्न हो गया. गुरुवार की सुबह यानि कल उगते हुए सूर्य की उपासना करने के साथ यह व्रत पूर्णं होगा. इस मौके पर राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला घाट पर सीएम योगी भी पहुंचे और लोगों को बधाई दी.

सीएम योगी ने लोगों को दी छठ की शुभकामनाएं.
सीएम योगी ने लोगों को दी छठ की शुभकामनाएं.
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Published : Nov 10, 2021, 9:02 PM IST

लखनऊ: छठ पूजा के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लक्ष्मण मेला घाट पर पहुंचे. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि छठ एक कठिन व्रत है, लेकिन भोजपुरी समाज के लोग जहां-जहां पर हैं, वहां-वहां पर छठ को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. इस दौरान सीएम योगी ने कोरोना को लेकर कहा कि अमेरिका, रूस और चीन में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन भारत में कोरोना के मामले लगातार घटते जा रहे हैं और ये भारत के लिए एक बड़ी जीत है.


छठ महापर्व के तीसरे दिन बुधवार 10 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया. इसके अगले दिन यानि 11 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही इस पर्व का समापन हो जाएगा. इन दोनों ही दिनों में सूर्यदेव की पूजा उपासना का विशेष महत्व होता है. सूर्य पंचदेवों में से एक हैं और रोज सुबह सूर्य को अर्घ्य देने से धर्म लाभ के साथ ही सेहत को भी लाभ मिलता है.

सीएम योगी ने लोगों को दी छठ की शुभकामनाएं.

सूर्य उपासना का महापर्व छठ अब सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि देश के सभी हिस्सों में मनाया जाता है. राजधानी लखनऊ में गोमती के किनारे घाटों पर बड़ी संख्या में छठ का व्रत रखने वाली महिलाओं की भीड़ जुटी है. महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ माता की पूजा की. इस दौरान गाजे बाजे के साथ श्रद्धालु भजन भी गा रहे थे.

इसे भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश के अलग-अलग घाटों से छठ पूजा का अद्भुत नजारा, तस्वीरों में देखिए

कहा जाता है कि डाला छठ का पर्व कलयुग में जीवंत ईश्वर सूर्य देव को समर्पित होता है. पूरी दुनिया में शायद डाला छठ का पर्व ही ऐसा उत्सव है जहां डूबते हुए सूर्य को भी अर्घ्य देने की परंपरा निभाई जाती है. सनातन धर्म में वैसे तो उगते हुए सूर्य को नमन करते हैं और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है, लेकिन छठ के मौके पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर उनसे सुख संपत्ति और समृद्धि की कामना के साथ सुहागिन महिलाएं सुहाग की और बाल बच्चों के स्वास्थ्य के साथ संतान की इच्छा व्यक्त करती हैं.

इसे भी पढ़ें- मालिनी अवस्थी की मधुर आवाज में सुनिए छठ गीत, कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए...

चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व के अंतर्गत यह व्रत बेहद कठिन माना जाता है. अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के समय व्रती महिलाएं पानी में कमर तक डूबकर भगवान भास्कर के अस्त होने और फिर अगले दिन सुबह सूर्य के उदय होने का इंतजार करती हैं. भगवान भास्कर को श्रद्धा के साथ नमन करते हुए आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व का पहला अर्घ्य संपन्न हो गया है.

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लखनऊ: छठ पूजा के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लक्ष्मण मेला घाट पर पहुंचे. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि छठ एक कठिन व्रत है, लेकिन भोजपुरी समाज के लोग जहां-जहां पर हैं, वहां-वहां पर छठ को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. इस दौरान सीएम योगी ने कोरोना को लेकर कहा कि अमेरिका, रूस और चीन में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन भारत में कोरोना के मामले लगातार घटते जा रहे हैं और ये भारत के लिए एक बड़ी जीत है.


छठ महापर्व के तीसरे दिन बुधवार 10 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया. इसके अगले दिन यानि 11 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही इस पर्व का समापन हो जाएगा. इन दोनों ही दिनों में सूर्यदेव की पूजा उपासना का विशेष महत्व होता है. सूर्य पंचदेवों में से एक हैं और रोज सुबह सूर्य को अर्घ्य देने से धर्म लाभ के साथ ही सेहत को भी लाभ मिलता है.

सीएम योगी ने लोगों को दी छठ की शुभकामनाएं.

सूर्य उपासना का महापर्व छठ अब सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि देश के सभी हिस्सों में मनाया जाता है. राजधानी लखनऊ में गोमती के किनारे घाटों पर बड़ी संख्या में छठ का व्रत रखने वाली महिलाओं की भीड़ जुटी है. महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ माता की पूजा की. इस दौरान गाजे बाजे के साथ श्रद्धालु भजन भी गा रहे थे.

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कहा जाता है कि डाला छठ का पर्व कलयुग में जीवंत ईश्वर सूर्य देव को समर्पित होता है. पूरी दुनिया में शायद डाला छठ का पर्व ही ऐसा उत्सव है जहां डूबते हुए सूर्य को भी अर्घ्य देने की परंपरा निभाई जाती है. सनातन धर्म में वैसे तो उगते हुए सूर्य को नमन करते हैं और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है, लेकिन छठ के मौके पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर उनसे सुख संपत्ति और समृद्धि की कामना के साथ सुहागिन महिलाएं सुहाग की और बाल बच्चों के स्वास्थ्य के साथ संतान की इच्छा व्यक्त करती हैं.

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चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व के अंतर्गत यह व्रत बेहद कठिन माना जाता है. अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के समय व्रती महिलाएं पानी में कमर तक डूबकर भगवान भास्कर के अस्त होने और फिर अगले दिन सुबह सूर्य के उदय होने का इंतजार करती हैं. भगवान भास्कर को श्रद्धा के साथ नमन करते हुए आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व का पहला अर्घ्य संपन्न हो गया है.

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