लखनऊ: सीएम योगी ने मंगलवार को लोकभवन में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक में जल निगम के अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जल निगम अंतिम सांस ले रहा है. हम वेंटिलेटर पर रखकर उसे कष्ट दे रहे हैं. सबसे ज्यादा शिकायतें यहीं से प्राप्त हो रही हैं. हमें व्यापक कार्य योजना बनाकर इसका विकल्प तलाशना चाहिए.
क्या बोले सीएम योगी
- सीएम योगी ने कहा कि वाराणसी में पेयजल पाइप लाइन योजना के तहत अब तक एक हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
- इसके बावजूद काशी में पानी की परेशानी है. 2010 से 30 जून 2019 तक जो भी लोग इस योजना से जुड़े रहे हैं, सबकी जवाबदेही तय की जाए.
- जिन लोगों की वजह से यह योजना अभी तक पूरी नहीं हो पाई है, जुलाई के प्रथम सप्ताह में उन पर कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजा जाए.
- गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के लिए बिजनौर से लेकर बलिया तक के 25 जिलों में डिस्ट्रिक्ट गंगा कमेटियों का गठन किया जाएगा.
- इन कमेटियों से सभी जिलों के जनप्रतनिधियों के साथ-साथ सभी 1557 ग्राम प्रधानों को जोड़ा जाएगा.
- योगी ने इस दौरान नदियों की सफाई में जनजागरूकता महत्व दिए जाने पर बल दिया, उन्होंने कहा कि नदियों में मूर्ति विसर्जन एवं शवों के जल प्रवाह को रोका जाए.
कार्य योजना तैयार करने के निर्देश
- जुलाई में प्रस्तावित राष्ट्रीय गंगा परिषद की प्रथम बैठक, जल निगम की समस्या, कानपुर टेनरीज और गंगा सफाई को लेकर अधिकारियों से चर्चा की.
- मुख्यमंत्री ने नगर विकास, वन एवं पर्यावरण, पंचायती राज और सिंचाई विभाग को राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक के लिए गढ़मुक्तेश्वर, कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी में से किसी एक जगह का चयन किया जाए.
- एक दिवसीय इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वान मौजूद रहेंगे.