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लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने लांच किया प्रवासी राहत मित्र ऐप

सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में प्रवासी राहत मित्र ऐप का लोकार्पण किया. इस ऐप के जरिए अन्य प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में आने वाले प्रवासी नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ, उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने से लेकर नौकरी प्रदान करने में सहायता की जाएगी.

सीएम योगी ने प्रवासी राहत मित्र एप का लोकार्पण  किया.
सीएम योगी ने प्रवासी राहत मित्र एप का लोकार्पण किया.
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Published : May 8, 2020, 4:17 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में प्रवासी राहत मित्र ऐप का लोकार्पण किया. यह ऐप राजस्व विभाग राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से तैयार कराया गया है. इस ऐप का उद्देश्य अन्य प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में आने वाले प्रवासी नागरिकों को सरकारी योजना का लाभ, उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने से लेकर उनके कौशल के लायक भविष्य में नौकरी और आजीविका प्रदान करने में सहयोग देना है.

लखनऊ न्यूज
सीएम योगी आदित्यनाथ

इस ऐप के जरिए प्रवासी नागरिकों का डेटा एकत्र किया जाएगा. सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा आपस में सूचना का आदान प्रदान कर इन प्रवासी नागरिकों के रोजगार और आजीविका के लिए नियोजन एवं कार्यक्रम बनाने में मदद मिलेगी. इस ऐप के द्वारा आश्रय केंद्र में रूके हुए व्यक्तियों और किसी भी कारणवश अन्य प्रदेशों से सीधे अपने घरों को पहुंचने वाले प्रवासी नागरिकों का पूरा विवरण लिया जाएगा. ताकि उत्तर प्रदेश में आने वाला कोई भी प्रवासी छूट न जाए.

ऐप में व्यक्ति की मूलभूत जानकारी रखी जाएगी. इसमें नाम, शैक्षिक योगिता, अस्थाई और स्थाई पता, बैंक अकाउंट विवरण कोविड-19 संबंधित स्क्रीनिंग की स्थिति, शैक्षिक योग्यता और अनुभव शामिल किया जायेगा. इसमे 65 से भी ज्यादा प्रकार के कौशल का विवरण एकत्र किया जाएगा. अन्य राज्यों से प्रदेश में आ रहे प्रवासी नागरिकों को दिए जाने वाली राशन कार्ड के वितरण की स्थिति भी दर्ज की जाएगी.

ऑफलाइन भी किया जा सकता है काम
इस ऐप में डेटा डुप्लीकेशन न हो इसके लिए यूनिक मोबाइल नंबर को आधार बनाया जाएगा. इस ऐप की एक विशेषता यह भी है कि इसमें ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी काम किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त प्रभावी निर्णय लेने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों के डेटा को भी ऐप में अलग-अलग किया जा सकता है. डेटा संग्रह का कार्य शीघ्र संपादित हो, इसके लिए विकेंद्रीकृत स्तर पर आश्रय स्थल, ट्रांजिट प्वाइंट, व्यक्ति के निवास स्थान पर डेटा संग्रह किया जाएगा.

डीएम के नेतृत्व में होगा डेटा संग्रह
डीएम के नेतृत्व में डेटा संग्रह की जिम्मेदारी शहरी क्षेत्र में नगर विकास विभाग, नगर निकाय की होगी और ग्रामीण क्षेत्र में सीडीओ पंचायती राज विभाग की होगी. ऐप के माध्यम से संग्रहित डेटा को राज्य स्तर पर स्थापित इंटीग्रेटेड इनफॉरमेशन मैनेजमेंट सिस्टम www.up.in पर स्टोर किया जाएगा. इसका विश्लेषण कर प्रवासी नागरिकों को सरकारी योजना का लाभ, उनके स्वास्थ्य की निगरानी और विशेषकर भविष्य में उनके कौशल के लायक नौकरी प्रदान करने में सहायता की जाएगी.

ये भी पढ़ें- CM योगी ने ट्वीट कर औरंगाबाद रेल दुर्घटना पर जताया दुख

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में प्रवासी राहत मित्र ऐप का लोकार्पण किया. यह ऐप राजस्व विभाग राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से तैयार कराया गया है. इस ऐप का उद्देश्य अन्य प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में आने वाले प्रवासी नागरिकों को सरकारी योजना का लाभ, उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने से लेकर उनके कौशल के लायक भविष्य में नौकरी और आजीविका प्रदान करने में सहयोग देना है.

लखनऊ न्यूज
सीएम योगी आदित्यनाथ

इस ऐप के जरिए प्रवासी नागरिकों का डेटा एकत्र किया जाएगा. सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा आपस में सूचना का आदान प्रदान कर इन प्रवासी नागरिकों के रोजगार और आजीविका के लिए नियोजन एवं कार्यक्रम बनाने में मदद मिलेगी. इस ऐप के द्वारा आश्रय केंद्र में रूके हुए व्यक्तियों और किसी भी कारणवश अन्य प्रदेशों से सीधे अपने घरों को पहुंचने वाले प्रवासी नागरिकों का पूरा विवरण लिया जाएगा. ताकि उत्तर प्रदेश में आने वाला कोई भी प्रवासी छूट न जाए.

ऐप में व्यक्ति की मूलभूत जानकारी रखी जाएगी. इसमें नाम, शैक्षिक योगिता, अस्थाई और स्थाई पता, बैंक अकाउंट विवरण कोविड-19 संबंधित स्क्रीनिंग की स्थिति, शैक्षिक योग्यता और अनुभव शामिल किया जायेगा. इसमे 65 से भी ज्यादा प्रकार के कौशल का विवरण एकत्र किया जाएगा. अन्य राज्यों से प्रदेश में आ रहे प्रवासी नागरिकों को दिए जाने वाली राशन कार्ड के वितरण की स्थिति भी दर्ज की जाएगी.

ऑफलाइन भी किया जा सकता है काम
इस ऐप में डेटा डुप्लीकेशन न हो इसके लिए यूनिक मोबाइल नंबर को आधार बनाया जाएगा. इस ऐप की एक विशेषता यह भी है कि इसमें ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी काम किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त प्रभावी निर्णय लेने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों के डेटा को भी ऐप में अलग-अलग किया जा सकता है. डेटा संग्रह का कार्य शीघ्र संपादित हो, इसके लिए विकेंद्रीकृत स्तर पर आश्रय स्थल, ट्रांजिट प्वाइंट, व्यक्ति के निवास स्थान पर डेटा संग्रह किया जाएगा.

डीएम के नेतृत्व में होगा डेटा संग्रह
डीएम के नेतृत्व में डेटा संग्रह की जिम्मेदारी शहरी क्षेत्र में नगर विकास विभाग, नगर निकाय की होगी और ग्रामीण क्षेत्र में सीडीओ पंचायती राज विभाग की होगी. ऐप के माध्यम से संग्रहित डेटा को राज्य स्तर पर स्थापित इंटीग्रेटेड इनफॉरमेशन मैनेजमेंट सिस्टम www.up.in पर स्टोर किया जाएगा. इसका विश्लेषण कर प्रवासी नागरिकों को सरकारी योजना का लाभ, उनके स्वास्थ्य की निगरानी और विशेषकर भविष्य में उनके कौशल के लायक नौकरी प्रदान करने में सहायता की जाएगी.

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