ETV Bharat / state

कोआपरेटिव बैंक भर्ती मामले में दो एमडी समेत 7 के खिलाफ FIR के निर्देश

author img

By

Published : Oct 23, 2020, 7:05 PM IST

सपा सरकार में सहकारिता विभाग में हुई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार सख्त नजर आ रही है. इस मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी की सरकार में सहकारिता विभाग में हुई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में आरोपित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए. उक्त प्रकरण के मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को ट्वीट कर कार्रवाई की जानकारी दी है.

  • CM श्री @myogiadityanath जी ने उ.प्र. को-ऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक (सामान्य) एवं सहायक प्रबंधक (कम्प्यूटर) की वर्ष 2015-16 तथा प्रबंधक व सहायक/कैशियर पद पर 2016-17 में की गई भर्ती में भ्रष्टाचार के प्रकरण में सम्बंधित आरोपियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत करने का आदेश दिया है। pic.twitter.com/c187K46Izt

    — CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) October 23, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
इन भर्तियों में हुई गड़बड़ी
सीएम योगी के आदेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक (सामान्य) एवं सहायक प्रबंधक कंप्यूटर की वर्ष 2015-16, प्रबंधक व सहायक कैशियर पद पर 2016-17 में की गई भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोपों में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल, लखनऊ की तत्कालीन प्रबंध समिति के अधिकारियों व कर्मचारियों समेत सात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया जाना है.

इन अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
एसआईटी जांच में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के तत्कालीन दो प्रबंध निदेशकों हीरालाल यादव और रवि कांत सिंह, उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव, सचिव राकेश मिश्र, सदस्य संतोष कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ कार्रवाई होगी. इसके साथ-साथ संबंधित भर्ती कंप्यूटर एजेंसी में एक्सिस डिजिनेट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल की प्रबंध समिति के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ 420, 467, 468, 471 और 120 बी धारा के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किए जाने की संस्तुति की गई थी, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है.

यूपी में नौकरी का एक मात्र मानक मेरिट: सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम में वर्ष 2013 व उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड में वर्ष 2015-16 में हुई भर्तियों के संबंध में चल रही एसआईटी जांच को एक माह के भीतर पूरी कर जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के भी आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में नौकरी का एकमात्र मानक मेरिट है. पूरी सुचिता और पारदर्शिता के साथ योग्य उम्मीदवार को ही नौकरी मिलेगी, जिसमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश ही नहीं है. इसके बावजूद नियुक्तियों में भ्रष्टाचार हुआ तो दोषियों को जेल में ही ठिकाना मिलेगा. ज्ञात हो कि सहायक प्रबंधकों की भर्ती में धांधली सामने के बाद योगी सरकार इस भर्ती को रद्द कर चुकी है.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी की सरकार में सहकारिता विभाग में हुई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में आरोपित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए. उक्त प्रकरण के मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को ट्वीट कर कार्रवाई की जानकारी दी है.

  • CM श्री @myogiadityanath जी ने उ.प्र. को-ऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक (सामान्य) एवं सहायक प्रबंधक (कम्प्यूटर) की वर्ष 2015-16 तथा प्रबंधक व सहायक/कैशियर पद पर 2016-17 में की गई भर्ती में भ्रष्टाचार के प्रकरण में सम्बंधित आरोपियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत करने का आदेश दिया है। pic.twitter.com/c187K46Izt

    — CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) October 23, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
इन भर्तियों में हुई गड़बड़ी
सीएम योगी के आदेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक (सामान्य) एवं सहायक प्रबंधक कंप्यूटर की वर्ष 2015-16, प्रबंधक व सहायक कैशियर पद पर 2016-17 में की गई भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोपों में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल, लखनऊ की तत्कालीन प्रबंध समिति के अधिकारियों व कर्मचारियों समेत सात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया जाना है.

इन अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
एसआईटी जांच में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के तत्कालीन दो प्रबंध निदेशकों हीरालाल यादव और रवि कांत सिंह, उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव, सचिव राकेश मिश्र, सदस्य संतोष कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ कार्रवाई होगी. इसके साथ-साथ संबंधित भर्ती कंप्यूटर एजेंसी में एक्सिस डिजिनेट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल की प्रबंध समिति के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ 420, 467, 468, 471 और 120 बी धारा के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किए जाने की संस्तुति की गई थी, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है.

यूपी में नौकरी का एक मात्र मानक मेरिट: सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम में वर्ष 2013 व उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड में वर्ष 2015-16 में हुई भर्तियों के संबंध में चल रही एसआईटी जांच को एक माह के भीतर पूरी कर जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के भी आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में नौकरी का एकमात्र मानक मेरिट है. पूरी सुचिता और पारदर्शिता के साथ योग्य उम्मीदवार को ही नौकरी मिलेगी, जिसमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश ही नहीं है. इसके बावजूद नियुक्तियों में भ्रष्टाचार हुआ तो दोषियों को जेल में ही ठिकाना मिलेगा. ज्ञात हो कि सहायक प्रबंधकों की भर्ती में धांधली सामने के बाद योगी सरकार इस भर्ती को रद्द कर चुकी है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.