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पिछले 20 दिनों में कोरोना के एक्टिव केस में 62 फीसदी की कमी: योगी आदित्यनाथ

राजधानी लखनऊ में सीएम योगी ने टीम-9 के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति के बाद नए केस लगातार कम हो रहे हैं. सीएम ने कहा कि 20 दिनों में प्रदेश के एक्टिव केस में 62.5 फीसदी की कमी आई है.

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Published : May 20, 2021, 3:45 PM IST

सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ बैठक की.
सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ बैठक की.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के साथ प्रदेश वासियों के जीवन और जीविका की सुरक्षा हेतु किए जा रहे प्रयासों के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं. एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति के बाद भी नए केस लगातार कम हो रहे हैं, जबकि स्वस्थ होने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है. 20 दिनों में प्रदेश के एक्टिव केस में 62.5 फीसदी की कमी आई है, जबकि वर्तमान में रिकवरी दर 91.8 फीसदी हो गई है.

अब तक 1 करोड़ 56 लाख वैक्सीन की डोज
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को यहां टीम-9 के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कहा कि कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया प्रदेश में सुचारु रूप से चल रही है. 45 वर्ष से अधिक और 18-44 आयु वर्ग के लोगों को कोविड सुरक्षा कवर प्रदान करने में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है. अब तक एक करोड़ 56 लाख 46 हजार 459 कोविड वैक्सीन एडमिनिस्टर हुए हैं. प्रदेश के 23 जिलों में 18-44 आयु वर्ग के 1 लाख 7 हजार 234 लोगों के बुधवार को हुए टीकाकरण के साथ अब तक इस आयु वर्ग के 7 लाख 46 हजार 875 लोगों का टीकाकरण हो चुका है.

कॉमन सर्विस सेंटर पर वैक्सीनेशन का निशुल्क पंजीकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन निःशुल्क है. कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन हो, इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था लागू की गई है. निरक्षर, दिव्यांग, निराश्रित, श्रमिक अथवा अन्य जरूरतमंद लोगों के टीकाकरण के लिए कॉमन सर्विस सेंटर पर पंजीकरण की सुविधा दी गई है. यह कार्य प्रारंभ हो गया है. कॉमन सर्विस सेंटर पर वैक्सीन पंजीकरण निःशुल्क है, इसकी दैनिक मॉनीटरिंग की जाए.

मेडिकल कॉलेजों में 48 घंटे का ऑक्सीजन बैकअप
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन की मांग, आपूर्ति और खर्च में संतुलन बनाने के लिए कराए जा रहे ऑक्सीजन ऑडिट के अच्छे परिणाम मिले हैं. प्रदेश में अपनाई गई ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग प्रणाली को 'नीति आयोग' द्वारा सराहा गया है. यह हमारे लिए उत्साहवर्धक है. सतत नियोजित प्रयासों का ही परिणाम है कि आज अधिकांश मेडिकल कॉलेजों और रिफिलर्स के पास में 48 घंटे से अधिक का ऑक्सीजन बैकअप हो गया है. यही नहीं बुधवार को होम आइसोलेशन के मरीजों को 3600 से अधिक ऑक्सीजन के भरे सिलेंडर उपलब्ध कराए गए. बीते 24 घंटों में 886 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया है.

गांव-गांव टेस्टिंग को और मजबूत किया जाए
सीएम योगी ने कहा कि गांवों और शहरी वार्डों में गठित निगरानी समितियों का प्रदर्शन सराहनीय है. घर-घर स्क्रीनिंग से लेकर मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराने, उनकी टेस्टिंग कराने सहित सभी जरूरी कार्य कुशलतापूर्वक किए जा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गांव-गांव टेस्टिंग की हमारी नीति को सराहा है. कुछ जिलों में मेडिकल किट वितरण में देरी की जानकारी मिली है. स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर से ऐसे जिलाधिकारियों से संवाद कर आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए.

ब्लैक फंगस के मरीजों का ठीक से हो इलाज
सीएम ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में ब्लैक फंगस के इलाज की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहनी चाहिए. मेरठ और लखनऊ सहित जिन भी जिलों में इस संक्रमण के मरीज हैं, उन्हें प्रॉपर मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जाए. ब्लैक फंगस के कारण एवं उपचार की विधि के संबंध में स्वास्थ्य विशेषज्ञों से संवाद करते हुए सभी जरूरी दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए. इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार को पत्र भेजकर आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया जाए. सीएम ने कहा कि मांगपत्र भेजते समय प्रदेश की कुल आबादी और मरीजों की संख्या को दृष्टिगत रखा जाए.

वेंटिलेटर नहीं चलने पर हो कार्रवाई
सभी जिलों में उपलब्ध सभी वेंटिलेटर्स और ऑक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर क्रियाशील अवस्था में रहने चाहिए. पीलीभीत जिले से इस संबंध में लापरवाही की शिकायत मिली है. इस प्रकरण में जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाए. सभी जिलों में वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सकीय उपकरण तत्काल क्रियाशील कराए जाएं. वेंटिलेटर्स के संचालन के लिए एनेस्थेटिक्स और टेक्नीशियन भी उपलब्ध रहने चाहिए.

इसे भी पढ़ें- चुनाव ड्यूटी के दौरान मृतक कर्मचारियों के परिजनों को आर्थिक मदद के साथ मिलेगी नौकरी

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के साथ प्रदेश वासियों के जीवन और जीविका की सुरक्षा हेतु किए जा रहे प्रयासों के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं. एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति के बाद भी नए केस लगातार कम हो रहे हैं, जबकि स्वस्थ होने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है. 20 दिनों में प्रदेश के एक्टिव केस में 62.5 फीसदी की कमी आई है, जबकि वर्तमान में रिकवरी दर 91.8 फीसदी हो गई है.

अब तक 1 करोड़ 56 लाख वैक्सीन की डोज
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को यहां टीम-9 के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कहा कि कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया प्रदेश में सुचारु रूप से चल रही है. 45 वर्ष से अधिक और 18-44 आयु वर्ग के लोगों को कोविड सुरक्षा कवर प्रदान करने में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है. अब तक एक करोड़ 56 लाख 46 हजार 459 कोविड वैक्सीन एडमिनिस्टर हुए हैं. प्रदेश के 23 जिलों में 18-44 आयु वर्ग के 1 लाख 7 हजार 234 लोगों के बुधवार को हुए टीकाकरण के साथ अब तक इस आयु वर्ग के 7 लाख 46 हजार 875 लोगों का टीकाकरण हो चुका है.

कॉमन सर्विस सेंटर पर वैक्सीनेशन का निशुल्क पंजीकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन निःशुल्क है. कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन हो, इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था लागू की गई है. निरक्षर, दिव्यांग, निराश्रित, श्रमिक अथवा अन्य जरूरतमंद लोगों के टीकाकरण के लिए कॉमन सर्विस सेंटर पर पंजीकरण की सुविधा दी गई है. यह कार्य प्रारंभ हो गया है. कॉमन सर्विस सेंटर पर वैक्सीन पंजीकरण निःशुल्क है, इसकी दैनिक मॉनीटरिंग की जाए.

मेडिकल कॉलेजों में 48 घंटे का ऑक्सीजन बैकअप
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन की मांग, आपूर्ति और खर्च में संतुलन बनाने के लिए कराए जा रहे ऑक्सीजन ऑडिट के अच्छे परिणाम मिले हैं. प्रदेश में अपनाई गई ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग प्रणाली को 'नीति आयोग' द्वारा सराहा गया है. यह हमारे लिए उत्साहवर्धक है. सतत नियोजित प्रयासों का ही परिणाम है कि आज अधिकांश मेडिकल कॉलेजों और रिफिलर्स के पास में 48 घंटे से अधिक का ऑक्सीजन बैकअप हो गया है. यही नहीं बुधवार को होम आइसोलेशन के मरीजों को 3600 से अधिक ऑक्सीजन के भरे सिलेंडर उपलब्ध कराए गए. बीते 24 घंटों में 886 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया है.

गांव-गांव टेस्टिंग को और मजबूत किया जाए
सीएम योगी ने कहा कि गांवों और शहरी वार्डों में गठित निगरानी समितियों का प्रदर्शन सराहनीय है. घर-घर स्क्रीनिंग से लेकर मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराने, उनकी टेस्टिंग कराने सहित सभी जरूरी कार्य कुशलतापूर्वक किए जा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गांव-गांव टेस्टिंग की हमारी नीति को सराहा है. कुछ जिलों में मेडिकल किट वितरण में देरी की जानकारी मिली है. स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर से ऐसे जिलाधिकारियों से संवाद कर आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए.

ब्लैक फंगस के मरीजों का ठीक से हो इलाज
सीएम ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में ब्लैक फंगस के इलाज की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहनी चाहिए. मेरठ और लखनऊ सहित जिन भी जिलों में इस संक्रमण के मरीज हैं, उन्हें प्रॉपर मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जाए. ब्लैक फंगस के कारण एवं उपचार की विधि के संबंध में स्वास्थ्य विशेषज्ञों से संवाद करते हुए सभी जरूरी दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए. इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार को पत्र भेजकर आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया जाए. सीएम ने कहा कि मांगपत्र भेजते समय प्रदेश की कुल आबादी और मरीजों की संख्या को दृष्टिगत रखा जाए.

वेंटिलेटर नहीं चलने पर हो कार्रवाई
सभी जिलों में उपलब्ध सभी वेंटिलेटर्स और ऑक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर क्रियाशील अवस्था में रहने चाहिए. पीलीभीत जिले से इस संबंध में लापरवाही की शिकायत मिली है. इस प्रकरण में जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाए. सभी जिलों में वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सकीय उपकरण तत्काल क्रियाशील कराए जाएं. वेंटिलेटर्स के संचालन के लिए एनेस्थेटिक्स और टेक्नीशियन भी उपलब्ध रहने चाहिए.

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