लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को देर शाम अपने सरकारी आवास पर बैठक में उत्तर प्रदेश की प्रगति के सम्बन्ध में भारत के सतत विकास लक्ष्य इंडेक्स-3 की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि निर्धारित 15 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर प्रदेश तेजी से काम करते हुए आगे बढ़ रहा है. सतत विकास लक्ष्य इण्डेक्स-2020 में उत्तर प्रदेश 60 अंकों के साथ परफॉर्मर स्टेट के रूप में आगे आया है, जबकि वर्ष 2019 व वर्ष 2018 में प्रदेश के क्रमशः 55 एवं 42 अंक थे. सीएम ने मानकों के अनुसार कार्य करते हुए इन लक्ष्यों के सम्बन्ध में और बेहतर स्कोर किए जाने पर बल दिया.
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय बनाकर सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति में तेजी लायी जाए. विकास लक्ष्यों की निरन्तर समीक्षा की जाए. इसके लिए सभी नोडल विभाग और उनके साथ लिंक किए गए विभाग सम्बन्धित फोकस सेक्टरों पर मिलकर काम करें. उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागों को डाटा फीडिंग कराए जाने के निर्देश भी दिए. सीएम ने इस बारे में कहा कि विभागीय स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों के सम्बन्ध में डाटा उपलब्ध रहे. इसके साथ ही नीति आयोग से समन्वय बनाते हुए डाटा में सुधार के प्रयास किए जाएं.
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तथा स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया जाए. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार हमें सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बेहतर परिणाम के साथ आगे बढ़ना है. विभागीय स्तर पर लक्ष्यों का निर्धारण करते हुए उन्हें प्राप्त करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जाएं. उन्होंने नियोजन विभाग को लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रति माह नोडल, सम्बन्धित विभागों से रिपोर्ट लेकर इनकी गहन मॉनीटरिंग किए जाने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि सतत विकास के लक्ष्यों का लाभ वंचित वर्गों तक पहुंचाना राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है. विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति गुणवत्तापरक होनी चाहिए, तभी समाज को इनका लाभ मिलेगा.
ये हैं सतत विकास के लिए 15 लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित 15 एसडीजी लक्ष्यों में नो पॉवर्टी (ग्राम्य विकास विभाग), जीरो हंगर (खाद्य एवं आपूर्ति तथा कृषि विभाग), गुड हेल्थ एण्ड वेल बींग (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग), क्वॉलिटी एजुकेशन (बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग), जेण्डर इक्वॉलिटी (महिला एवं बाल विकास विभाग), क्लीन वॉटर एण्ड सैनीटेशन (सिंचाई, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग), एफोर्डेबल एण्ड क्लीन इनर्जी (ऊर्जा विभाग), डीसेण्ट वर्क एण्ड इकोनॉमिक ग्रोथ (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग), इण्डस्ट्री इनोवेशन एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर (अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग), रिड्यूस्ड इनइक्वॉलिटीज (समाज कल्याण विभाग), सस्टेनेबल सिटीज एण्ड कम्युनिटीज (नगर विकास विभाग), रिस्पॉन्सिबल कन्जम्पशन एण्ड प्रोडक्शन (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग), क्लाइमेट एक्शन (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग), लाइफ ऑन लैण्ड (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग) तथा पीस, जस्टिस एण्ड स्ट्रॉन्ग इंस्टीट्यूशंस (गृह विभाग) की विस्तृत समीक्षा की.
इस बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव नियोजन सुरेश चन्द्रा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल समेत अन्य विभागों के प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे.
इसे भी पढ़ें- थाना दिवस पर मिलने वाले आवेदन पत्रों का तुरंत करें निराकरण : सीएम योगी