लखनऊ: कोरोना महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई के बीच ही 'ब्लैक फंगस' नामक बीमारी का असर भी देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को राज्य स्तर पर गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाहकार समिति से विमर्श करने के निर्देश दिए हैं. इससे बचाव के लिए सावधानियां, इलाज और तैयारियों के बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय को विस्तृत रिपोर्ट देने को भी कहा गया है.
'चिकित्सा शिक्षा मंत्री प्रदेश में बेड बढ़ाने पर करें काम'
मुख्यमंत्री ने उच्चाधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कहा कि कोविड मरीजों के लिए बेड बढ़ोतरी की दिशा में प्रयास और तेज किए जाएं. बीते 24 घंटों में चिकित्सा शिक्षा विभाग के विभिन्न अस्पतालों में 115 बेड, वाराणसी में डीआरडीओ अस्पताल में आईसीयू के 250 और लखनऊ के हज हाउस में एचएएल हॉस्पिटल में आईसीयू के 100 बेड की बढ़ोतरी हुई है. जिलास्तर पर भी लगातार प्रयास हो रहे हैं. भविष्य की जरूरत को देखते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री को बेड बढ़ोतरी के लिए किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा करने को कहा है.
सीएम योगी ने बैठक के दौरान कहा कि राज्य स्तर पर गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाहकार समिति के आकलन, अनुशंसाओं संबंधी रिपोर्ट पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एसीएस स्वास्थ्य, एसीएस ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज व प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा की समिति प्राथमिकता के साथ विचार मंथन करे.
'अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने के सीएम के निर्देश'
मुख्यमंत्री ने अवैध शराब की बिक्री पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने अधिकारियों को कड़े शब्दों में निर्देश दिए हैं कि अवैध शराब की बिक्री पर हर हाल में रोक लगाई जाए. ऐसे शराब कारोबारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ जिलों में अवैध शराब के सेवन से मृत्यु की घटनाएं हुई हैं. अवैध शराब की बिक्री पूरी तरह समाप्त करने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए.
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'श्रमिकों के भरण पोषण का हो प्रबंध'
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंशिक कोरोना कर्फ्यू को देखते हुए रेहड़ी, पटरी, ठेला व्यवसायी, निर्माण श्रमिक, पल्लेदार आदि के भरण-पोषण की समुचित व्यवस्था की जाए. नगरीय क्षेत्रों में अनिवार्य रूप से इनका संचालन किया जाए. अधिकांश जिलों में कम्युनिटी किचन प्रारम्भ हो चुके हैं. इनकी संख्या और बढ़ाये जाने की जरूरत है. सीएम योगी ने बैठक के दौरान कहा कि इस महामारी में निजी स्वयंसेवी संस्थाओं से भी सहयोग प्राप्त करना उचित होगा.
'ऊर्जा के नए केंद्र के रूप में विकसित होंगे गो आश्रय स्थल'
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने की जरूरत है. कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए. निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में भूसा-चारा के पर्याप्त प्रबंध रखे जाएं. 500 से अधिक गो-वंश वाले गो-आश्रय स्थलों को गोबर गैस उत्पादन सहित ऊर्जा के नवीन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है. वाराणसी में एक मॉडल खड़ा किया गया है.गोरखपुर में भी इसके प्रयास किए जा रहे हैं. भारत सरकार से भी इस संबंध में आवश्यक सहयोग मिलेगा.