लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में मंगलवार को 13 प्रस्तावों को मंजूरी मिली है. इसमें यूपी स्टेट सेफ्टेज मैनेजमेंट पॉलिसी समेत कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. सेफ्टेज पॉलिसी के तहत तीन फेज में शहरों में कार्य होना है. पहला फेज 2019-20, दूसरा फेज 2021 और तीसरा फेज 2023 में पूरा किया जाएगा. सेफ्टेज पॉलिसी के तहत विकसित नए सीवेज सिस्टम स्थायी तौर पर शहर में कार्य करने लगेंगे. इसके बाद का खर्च उपभोक्ता उठाएगा. यानी कि शहर के लोगों से टैक्स के रूप में चार्ज लिया जाएगा.
योगी सरकार के मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि प्रदेश के 652 नगर निकायों में पांच करोड़ आबादी है. अपशिष्ट जल प्रबंधन की 3,300 एमएलडी क्षमता अभी है और 1,280 एमएलडी की क्षमता विकसित की जा रही है. इन निकायों के भीतर 72 लाख ऑन साइट कलेक्शन होता है, जिसमें 5,560 एमएलडी कलेक्शन आता है. इसके लिये ट्रेनिंग, सुरक्षा आदि व्यवस्था की जाएगी. सफाईकर्मियों की सुरक्षा के सभी कदम उठाए जाएंगे.
इन बिंदुओं पर लिए गए फैसले-
- साल 2019 की सभी प्रारंभिक व्यवस्थाओं को 2021 तक सभी निकाय पॉलिसी से जोड़ेंगे और 2023 तक इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा. केंद्र, राज्य, निकाय और सीएसआर से व्यवस्था फंड की जाएगी. वहीं साल 2023 के बाद उपभोक्ताओं पर सरचार्ज लगाकर सभी खर्च निकाले जाएंगे
- अमृत योजना के तहत रायबरेली में सीवेज और अन्य कार्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी. इसके लिए उत्तर प्रदेश के सात शहर लिए गए हैं. फेज 3 के अंतर्गत 187.17 करोड़ के अनुमोदन का प्रस्ताव आया था. फेज वन की योजना के लिए 49.83 करोड़ और फेज दो के लिए 62.052 करोड़ का कार्य चल रहा है.
- प्राविधिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत अशासकीय सहायता प्राप्त डिग्री स्तरीय अभियंत्रण संस्थाओं के शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के आधार पर वेतनमानों का निरीक्षण किए जाने के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ. एचआरडी मंत्रालय की ओर से 18 जन 2019 में पत्र आया था कि पूर्ण कालिक शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग में लेना है. इसके लिए 47 करोड़ खर्च होगा, जिसकी मंजूरी मिल गई है.
- यूपी एडेड टेक्निकल इंस्टिट्यूट नियमावली में बदलाव किया गया है. चयन समिति में परिवर्तन किया गया है. प्रधानाचार्य की चयन समिति में उप शिक्षा सलाहकार की जगह एआईसीटीई का प्रतिनिधि शामिल होगा.
- यूपी के विधानसभा के सत्रावसान का प्रस्ताव पास हुआ. दो अक्टूबर से लगातार 36 घंटे सत्र चला था. संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित सतत विकास के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे. यूएन के 16 गोल्स पर चर्चा हुई.
- काशी विश्वनाथ के सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव पास हुआ. इसके अलावा तमाम कार्य किया जा चुका है. मंदिर परिसर के अंदर कॉरिडोर में लाहौरी टोला में निर्मल मठ आता है. निर्मल मठ अपनी भूमि देने को राजी हो गए हैं. उन्हें सरकार अलग से भूमि देगी, जिनके भवन हैं उन्हें उसका पैसा दिया जाएगा.
- मत्स्य पालकों के कल्याण के लिए मत्स्य पालक कल्याण कोष की स्थापना की गई. नियामवली 1954 में संशोधन किया गया. सरकार की मंशा है कि उनका विकास हो. मत्स्य पालन के माध्यम से रोजगार को बढ़ावा दिया जाना है. कृषि उत्पादन आयुक्त इसके अध्यक्ष होंगे. 100 करोड़ कोष के साथ एक मत्स्यपालक कोष की स्थापना होगी. इसके लिए 25 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है.
- खनिकर्म सेवा नियमावली में संसोधन किया गया है. इसके तहत खनन विभाग के समूह क और ख की नियमावली आएगी, जिसमें आरक्षण, आयु सीमा, प्रमोशन, वरिष्ठता समेत अन्य संदर्भों को शामिल किया गया है.
- उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण निगम कोष में वित्त मंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी 15 दिन में उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण निगम की दिक्कतों, परेशानियां और इसमें काम करने वाले समायोजन वीआरएस या उसके आगे की प्रक्रिया पर अपनी स्टडी करके रिपोर्ट देगी. यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष पेश की जाएगी.
- फिल्म 'सांड़ की आंख' बागपत की चंद्रा तोमर, प्रकाशी तोमर पर आधारित फिल्म है. दोनों महिलाएं तमाम पाबंदियों को तोड़कर 60 की उम्र में शूटिंग सीखती हैं. यह फिल्म महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. इस फिल्म की एसजीएसटी माफ कर दी है.
- यूपी पुलिस विभाग की खाली खोखा की नीलामी की प्रक्रिया को समाप्त कर ई नीलामी कराने का निर्णय लिया गया.
- अयोध्या के दीपोत्सव का प्रांतीयकरण किए जाने का निर्णय लिया गया. यह मेला 26 अक्टूबर को होने वाला है. वर्तमान समय में भी दीपोत्सव का कार्यक्रम पर्यटन विभाग द्वारा किया जाता है. इसकी समुचित व्यवस्था एवं सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री ने प्रांतीयकरण किए जाने की घोषणा की है. उक्त मेला का प्रांतीय करण हो जाने के बाद इसका प्रबंधन जिलाधिकारी द्वारा किया जाएगा. वर्ष 2019 में आयोजन पर करीब 135 करोड़ के व्यय होने का अनुमान है.
- सोनभद्र में जेपी सीमेंट के खनन क्षेत्र के लिये वन भूमि 586.178 हेक्टयर की अधिसूचना निरस्त कर 470.304 हेक्टयर गैर वन भूमि कृषि के लिए दी जाएगी.इसके लिए मड़िहान से भूमि अधिग्रहीत की जाएगी.