लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधायकों के वेतन और उनके क्षेत्र के विकास के लिए मिलने वाली निधि में इजाफा करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. बुधवार को विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कई वरिष्ठ सदस्यों ने विधायक निधि और वेतन बढ़ाने की मांग उठाई. इसपर पर सत्ता पक्ष और विपक्ष सब एकमत दिखे.
विधायकों के वेतन और निधि बढ़ाने की मांग पर पक्ष और विपक्ष हुआ एकमत-
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि जिस प्रकार से इस मुद्दे को उठाया गया है इससे स्पष्ट है कि पूरा सदन इस मुद्दे पर एकमत है. इस मांग पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन को आश्वस्त किया कि इस पर विचार किया जाएगा. वहीं विधानसभा अध्यक्ष से उन्होंने आग्रह किया कि इस मुद्दे पर सर्वदलीय कमेटी गठित की जाए. इसमें चर्चा और परिचर्चा के उपरांत निर्णय लिया जाएगा.
बीजेपी के विधायक सुरेश श्रीवास्तव ने बुधवार को मुख्यमंत्री के बजट पर भाषण के बाद विधायकों के वेतन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि विधायकों का प्रोटोकॉल मुख्य सचिव से ऊपर है. लिहाजा उनका वेतन भी उनसे अधिक होना चाहिए. भले ही एक रुपये ही क्यों ना अधिक हो.
इससे पहले नितिन अग्रवाल ने विधायक निधि बढ़ाए जाने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि क्षेत्र का विकास कराने के लिए विधायकों को दो करोड़ रुपये मिलते हैं. जो कि काफी कम है. इसलिए विधायकों की निधि कम से कम पांच करोड़ की जानी चाहिए.
सबकी बातें सुनने के बाद नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे सदन को आश्वस्त किया. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष जी इस मुद्दे पर एक सर्वदलीय कमेटी गठित की जाए. वह कमेटी विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करे. चर्चा के उपरांत एक ऐसे निष्कर्ष पर आए जिसे सर्वसम्मति से माना जाए.
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