लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए बिजली का बिल आधा करने का एलान कर दिया है. उन्होंने नए साल में किसानों को बड़ी सौगात दी है. चालू माह से ग्रामीण क्षेत्र में मीटर्ड, अनमीटर्ड, एनर्जी एफिशियन्ट पम्प और शहरी क्षेत्रों के मीटर्ड नलकूपों के इस्तेमाल पर बिजली बिल की दरें वर्तमान की तुलना में आधी हो जाएंगी.
अनुमान के मुताबिक बिजली बिल में छूट की इस नई व्यवस्था से उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड पर हर साल लगभग 1000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा. इसके लिए राज्य सरकार ने यूपीपीसीएल को अनुदान देने का फैसला किया है. सरकार से अनुदान मिलने के बाद बिजली की दरों में बदलाव होगा.
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बिजली विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रस्तावित नई दरों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में मीटर्ड कनेक्शन पर अभी जहां 2 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल देना होता है, वहीं अब मात्र 1 रुपये प्रति यूनिट देना होगा. इस कनेक्शन के लिए फिक्स चार्ज 70 रुपये की जगह 35 रुपये प्रति हॉर्स पॉवर लगेगा. इसी तरह अनमीटर्ड कनेक्शन के लिए फिक्स चार्ज 170 रुपये प्रति हॉर्स पावर की जगह 85 रुपये की दर से देय होगा. एनर्जी एफिशियन्ट पम्प के लिए अभी जहां 1.65 रुपये प्रति यूनिट की दर से (फिक्स चार्ज 70 रुपये/हॉर्सपावर) चार्ज लगता है. वहीं किसानों को अब मात्र 0.83 रुपये प्रति यूनिट (फिक्स चार्ज 35 रुपये प्रति हॉर्सपावर) ही देना होगा. शहरी क्षेत्र के मीटर्ड कनेक्शन वाले निजी नलकूपों के लिए छह रुपये प्रति यूनिट की दर (फिक्स चार्ज 130 रुपये प्रति हॉर्सपावर) की जगह किसानों को अब मात्र तीन रुपये प्रति यूनिट (फिक्स चार्ज 65 रुपये प्रति हॉर्सपावर) ही देना होगा. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से निजी नलकूप के लगभग 13 लाख उपभोक्ताओं को सीधा लाभ होगा.
बता दें कि यह साल चुनावी साल है. ऐसे में तमाम राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणा पत्र में 300 यूनिट तक फ्री बिजली देने का वादा कर रहे हैं तो कोई कोरोना काल का बिल माफ आगे का हाफ करने के वादे के साथ मैदान में हैं. इन सब राजनीतिक दलों से आगे निकलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को अलग ही दांव चल दिया. इसका आगामी चुनाव में बीजेपी को फायदा भी मिल सकता है, क्योंकि सरकार के इस कदम से किसानों की नाराजगी काफी हद तक दूर हो सकती है.