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चतुर्थ श्रेणी कर्मी भर्ती घोटाला : आरोपी IAS अधिकारी पर कार्रवाई के लिए CM ने दी अनुमति - आइएएस केदारनाथ सिंह

तहसीलों और कलेक्ट्रेट में तकरीबन चार हजार चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के भर्ती घोटाले में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. भर्ती घोटाले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए आईएएस केदारनाथ सिंह समेत पांच अफसरों को निलंबित किया गया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
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Published : May 10, 2019, 9:58 PM IST

लखनऊ: चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के भर्ती घोटाले में सीएम योगी ने आरोपी आईएएस अधिकारी केदारनाथ सिंह और पीसीएस अधिकारी सुनील कुमार चौधरी को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की अनुमति दे दी है. हालांकि ये दोनों ही अधिकारी लोकसभा चुनाव के लिए प्रेक्षक नामित हैं. लिहाजा शासन कार्रवाई से पहले चुनाव आयोग से अनुमति मांगेगा.

क्यों हुई अफसरों पर कार्रवाई

  • कलेक्ट्रेट और तहसीलों में आउट सोर्सिंग के जरिए चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती में गड़बड़ी का मामला सामने आया था.
  • चतुर्थ श्रेणी के पदों को भरने में नियमों का उल्लंघन कर अभ्यर्थियों से धन उगाही करके नियुक्ति पत्र जारी करने की शिकायत हुई थी.
  • शिकायतों पर सीएम योगी ने कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभात कुमार को जांच सौंपी थी.
  • 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने से पहले प्रभात कुमार ने शासन को जांच रिपोर्ट दे दी थी.
  • एपीसी की जांच में भर्ती घोटाले का खुलासा होने पर सीएम ने दोषी अफसरों और संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए थे.
  • सीएम योगी आरोपी IAS अधिकारी केदारनाथ सिंह और PCS अधिकारी सुनील कुमार चौधरी को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की अनुमति दे दी है.
  • ये दोनों ही अधिकारी लोकसभा चुनाव के लिए प्रेक्षक नामित हैं.
  • भर्ती के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए लघु उद्योग निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक केदारनाथ सिंह हैं.
  • साथ ही राजस्व परिषद के उप भूमि व्यवस्था आयुक्त सुनील कुमार चौधरी, लेखा अधिकारी प्रदीप कुमार, उप प्रबंधक लेखा केएन अवस्थी हैं.
  • प्रबंधक मैन पावर राजीव त्रिपाठी को भी निलंबित करने के आदेश दिए गए थे.
  • सीएम योगी की अनुमति के बाद शासन चुनाव आयोग से अनुमति मांगेगा.
  • अनुमति मिलने के बाद विभागीय कार्रवाई शुरू होगी.

लखनऊ: चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के भर्ती घोटाले में सीएम योगी ने आरोपी आईएएस अधिकारी केदारनाथ सिंह और पीसीएस अधिकारी सुनील कुमार चौधरी को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की अनुमति दे दी है. हालांकि ये दोनों ही अधिकारी लोकसभा चुनाव के लिए प्रेक्षक नामित हैं. लिहाजा शासन कार्रवाई से पहले चुनाव आयोग से अनुमति मांगेगा.

क्यों हुई अफसरों पर कार्रवाई

  • कलेक्ट्रेट और तहसीलों में आउट सोर्सिंग के जरिए चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती में गड़बड़ी का मामला सामने आया था.
  • चतुर्थ श्रेणी के पदों को भरने में नियमों का उल्लंघन कर अभ्यर्थियों से धन उगाही करके नियुक्ति पत्र जारी करने की शिकायत हुई थी.
  • शिकायतों पर सीएम योगी ने कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभात कुमार को जांच सौंपी थी.
  • 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने से पहले प्रभात कुमार ने शासन को जांच रिपोर्ट दे दी थी.
  • एपीसी की जांच में भर्ती घोटाले का खुलासा होने पर सीएम ने दोषी अफसरों और संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए थे.
  • सीएम योगी आरोपी IAS अधिकारी केदारनाथ सिंह और PCS अधिकारी सुनील कुमार चौधरी को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की अनुमति दे दी है.
  • ये दोनों ही अधिकारी लोकसभा चुनाव के लिए प्रेक्षक नामित हैं.
  • भर्ती के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए लघु उद्योग निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक केदारनाथ सिंह हैं.
  • साथ ही राजस्व परिषद के उप भूमि व्यवस्था आयुक्त सुनील कुमार चौधरी, लेखा अधिकारी प्रदीप कुमार, उप प्रबंधक लेखा केएन अवस्थी हैं.
  • प्रबंधक मैन पावर राजीव त्रिपाठी को भी निलंबित करने के आदेश दिए गए थे.
  • सीएम योगी की अनुमति के बाद शासन चुनाव आयोग से अनुमति मांगेगा.
  • अनुमति मिलने के बाद विभागीय कार्रवाई शुरू होगी.

चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती घोटाले में आरोपी आईएएस अधिकारी पर कार्रवाई की योगी की अनुमति

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कलेक्ट्रेट व तहसीलों में आउट सोर्सिंग के जरिए चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती में गड़बड़ियों के मामले में आरोपी आईएएस अधिकारी केदारनाथ सिंह व पीसीएस अफसर सुनील कुमार चौधरी को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की अनुमति दे दी है। हालांकि ये दोनों ही अधिकारी लोकसभा चुनाव के लिए प्रेक्षक नामित हैं। लिहाजा शासन कार्रवाई से पहले चुनाव आयोग से अनुमति मांगने जा रहा है।

तहसील व कलेक्ट्रेट में चतुर्थ श्रेणी के पदों को भरने में नियमों का उल्लंघन कर अभ्यर्थियों से धन उगाही करके नियुक्ति पत्र जारी करने की शिकायतों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभात कुमार को जांच सौंपी थी। 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने से पहले प्रभात कुमार ने शासन को जांच रिपोर्ट दे दी थी। एपीसी की जांच में भर्ती घोटाले का खुलासा होने पर मुख्यमंत्री ने दोषी अफसरों व संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए थे।

भर्ती के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए लघु उद्योग निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक केदारनाथ सिंह के साथ ही राजस्व परिषद के उप भूमि व्यवस्था आयुक्त सुनील कुमार चौधरी, लेखा अधिकारी प्रदीप कुमार, उप प्रबंधक लेखा केएन अवस्थी, प्रबंधक मैन पावर राजीव त्रिपाठी को भी निलंबित करने के आदेश दिए गए थे। सीएम योगी की अनुमति के बाद शासन निर्वाचन आयोग से अनुमति मांगेगा। अनुमति मिलने के बाद विभागीय कार्रवाई शुरू होगी।


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