लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज मुख्यमंत्री आवास में ऑनलाइन माध्यम से स्वरोजगार संगम कार्यक्रम के तहत 5,06,995 लाभार्थियों को 4,314 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आप अगर किसी एक को नौकरी देते हैं, तो वो सिर्फ एक को नहीं उससे जुड़े एक परिवार के जीवन यापन का माध्यम बनते हैं. एक जीवन एक उत्पाद के माध्यम से हर जिले की एक पहचान थी. लेकिन बीच की सरकारों ने उन पहचानों को खत्म कर दिया.
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने उन को पहचान दी है. विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से हमने परंपरागत हस्तशिल्पियों को आगे बढ़ाने के कार्य किये. महिलाओं के स्वावलंबन के लिए भी कार्य किये. बैंकिंग सखी के माध्यम से उन्हें स्वावलंबी बनाया गया है.
उन्होंने कहा कि हमने बहुत सारे कार्य शुरु किये. जिसके माध्यम से मिशन शक्ति के जरिए नारी सम्मान और स्वावलंबन हो रहा है. आज प्रदेश के 75 हजार महिलाओं के जिलों में प्रशिक्षण देते हुए उन्हें ऋण भी दे रहे हैं. आज 25 हजार कारीगरों को प्रधानमंत्री श्रम योजना के माध्यम से निशुल्क ऋण दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में एमएसएमई द्वारा हमारे रोजगार अभियानों ने प्रदेश में व्यापक रोजगार उपलब्ध करवाए गए. 40 लाख कामगार जो कोरोना में वापस आये उन्हें रोजगार के माध्यम से जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि ये सतत चलने वाला अभियान है. अगर किसी व्यक्ति के हुनर को रोजगार के साथ जोड़ते हैं, तो समाज स्वावलंबी बनता है, उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की पिछले 5 सालों में प्रगति का ये एक कारक है.
MSME सेक्टर को निवेश के माध्यम से गति मिली. 5 लाख 6 हजार 995 लाभार्थियों को आज 4 हजार करोड़ से अधिक का ऋण दिया गया है. उन्होंने कहा कि जिन्हें आज लोन मिला उनसे एक अपील है कि बैंकों के साथ सतत सम्पर्क बनाये रखें. हम नया प्रयास कर रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि हम तीसरी कोरोना की लहर को देखते हुए कम आय वर्ग के लोगों को अगले 4 महीने में भरण पोषण भत्ता देने का कार्य कर रहे हैं. जिससे उन्हें पलायन को मजबूर न होना पड़े. पिछले 5 सालों में हुए प्रगति का असर है कि आज 5 लाख से अधिक लोग स्वतः रोजगार के लिए लाभान्वित हुये हैं.