लखनऊ: यूपी में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव है. ऐसे में मानसून सत्र में योगी सरकार के मास्टर स्ट्रोक बाकी है. इसी में से एक जनसंख्या नीति है, जिस पर शासन-प्रशासन में मंथन चल रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने गुरुवार को लोक भवन में उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-30 (Uttar Pradesh Population Policy 2021-30) पर चर्चा की. इस दौरान अफसरों ने गाइड लाइन का प्रस्तुतिकरण दिया.
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए जनसंख्या (Population) को नियंत्रित करना आवश्यक है. साथ ही प्रदेश के विकास के लिये भी जनसंख्या वृद्धि की दर(Population Growth Rate) को संतुलित करना जरूरी है. इससे बेहतर कल की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित नीति में जनसंख्या वृद्धि को लेकर जनसामान्य को जागरूक किये जाने पर विशेष ध्यान दिया जाए. इसके लिए सतत कार्यक्रम चलाए जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को बताया जाए कि छोटा परिवार ही खुशहाली का आधार है. जनसंख्या कम होने से लोगों को बेहतर पर्यावरण मिल सकेगा. इसके अलावा स्वस्थ समाज के लिए भी यह आवश्यक है. बैठक में राज्यमंत्री अतुल गर्ग, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती अर्पणा यू, सूचना निदेशक शिशिर अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
छह करोड़ कोरोना की जांच करने वाला पहला राज्य
वहीं, बैठक में बताया गया कि एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की नीति यूपी में कोरोना नियंत्रण में मददगार रही है. 6 करोड़ से अधिक कोरोना की जांच करने वाला पहला राज्य उत्तर प्रदेश है. प्रदेश में अब तक लगभग छह करोड़ टेस्ट हो चुके हैं. पिछले 24 घंटों में ढाई लाख से अधिक कोविड सैंपल की जांच की गई.