लखनऊः प्रदेश में व्याप्त बिजली संकट और निर्बाध बिजली आपूर्ति के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अफसरों को दिशा निर्देश दिये हैं. सीएम योगी ने कहा कि सभी 75 जिलों में रोस्टर के अनुरूप निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करायें. केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद मिल रही है. खदानों से पावर प्लांट तक कोयले की ढुलाई के लिए रेल के साथ-साथ सड़क मार्ग का इस्तेमाल भी किया जाना चाहिए.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में सुधार की व्यापक आवश्यकता है. भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए कार्य योजना तैयार की जाये. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (power minister ak sharma) द्वारा विभाग की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा करते हुए हर स्तर पर व्यापक बदलाव के प्रयास किये जायें.
इसी के साथ उन्होंने कहा कि बिजली के समयबद्ध भुगतान के लिए उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. इसके लिए ये जरूरी है कि लोगों को सही बिल मिले और समय पर मिले. ओवरबिलिंग, फाल्स बिलिंग और विलंब से बिल दिया जाना उपभोक्ता को परेशान करती है. इस व्यवस्था में सुधार के लिए बिलिंग और कलेक्शन एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए ऊर्जा विभाग को ठोस कार्य योजना बनानी होगी. ग्रामीण इलाकों में विशेष प्रयास की जरूरत है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली बिल बकाये के भुगतान के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) लाई जाये. योजना ऐसी हो, जिसमें लोगों को बकाये पर ब्याज से छूट मिले. किस्त में भुगतान की सुविधा हो. इस संबंध में यथाशीघ्र कार्रवाई अपेक्षित है.
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हालांकि अन्य दिनों की तुलना में सोमवार के दिन बिजली विभाग कुछ राहत लेकर जरूर आई. मौसम ने अंगड़ाई ली तो बिजली विभाग को इससे कुछ हद तक राहत भी मिली है. मौसम ठीक होने से बिजली की मांग में ज्यादा तो नहीं लेकिन इतनी कमी जरूर आई है, जिससे बिजली विभाग के अधिकारियों को पसीने न छूटें. हालांकि अभी भी बिजली विभाग 2500 मेगावाट के करीब मांग और आपूर्ति में अंतर को कम कर पाने में विफल है. जबकि पावर कारपोरेशन ने 1686 मेगावाट बिजली की व्यवस्था करने के साथ ही कोयला भी मुहैया कराया है.