लखनऊः प्रदेश की कानून-व्यवस्था व विकास कार्यों की जमीनी हकीकत जानने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर दिखाई दे रहे हैं. कहा जा रहा है कि सीएम योगी अब बिना बताए किसी भी जिले में निरीक्षण करने पहुंच सकते हैं. अधिकारियों को सीएम के आने की भनक तक न लगे, इसके लिए वे हेलिकॉप्टर नहीं बल्कि कार से सफर करेंगे.
सीएम के दौरे को लेकर अक्सर देखा जाता है कि जिले के अधिकारी सिर्फ वही फाइलें मेंटेन करते हैं और मनमुताबिक तस्वीर मुख्यमंत्री दिखाते हैं, जिससे मुख्यमंत्री को लगे कि जिले में या फिर शहर में सबकुछ ठीक है. लेकिन रह-रह कर प्रदेश के जिलों से अपराध और विकास कार्यों की लापरवाही की खबर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सतर्क हो गए हैं. हालात के जमीनी हकीकत जानने खुद निकलने का मन बना लिया है. शनिवार को मुख्यमंत्री ने अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना मुरादाबाद से गाजियाबाद तक कार से जाकर यह संकेत भी दे दिया है.
सीएम योगी को दिखी थी गंदगी
बता दें कि मुरादाबाद से गाजियाबाद जाते हुए मुख्यमंत्री को कई जगहों पर गंदगी दिखी तो उन्हें कई शहरों में तैनात अफसरों के लापरवाह मिजाज का पता चला. इसके चलते सोमवार को मुख्यमंत्री ने लखनऊ में साफ-सफाई का कार्य देखने वाले उच्चाधिकारियों को तलब कर सूबे के कई शहरों की साफ-सफाई की व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने का निर्देश दिया. अब यह चर्चा है कि सूबे की चिकित्सा, शिक्षा और साफ-सफाई की हकीकत जानने के लिए मुख्यमंत्री राज्य के किसी भी जिले में अचानक ही कार से पहुंच सकते हैं.
लापरवाह अधिकारियों का नपना तय
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिलों की व्यवस्था, स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली और पुलिस के कामकाज को जानने के लिए बैठक कर चुके हैं. साथ ही उसे और सुदृढ़ करने के लिए निर्देशित किये थे. सीएम योगी मंडल मुख्यालयों पर जाकर स्थानीय प्रशासन और मंडल स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक करके सभी जिलों का हाल जाना था. वहां चल रही सरकारी परियोजनाओं की रिपोर्ट देखने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उनमें तेजी लाने के भी निर्देश दिए थे.
अब जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अचानक कार से किसी शहर में पहुंचेंगे तो इसकी जानकारी अधिकारियों को पहले से नहीं दी जाएगी. सीएम योगी के कार से कुछ घंटे की यात्रा के दौरान का समय ही अधिकारियों को तैयारी के लिए मिल पाएगा. ऐसे में अधिकारियों के लिए सीएम योगी का दौरा किसी आफत से कम नहीं होगा. इसलिए सीएम योगी के निर्देशों के अनुसार उन्हें काम करना होगा. नहीं करने वाले अधिकारियों का नपना तय है.