ETV Bharat / state

विपक्ष तय करे कि जिन्ना की सोच का साथ देना है या महात्मा गांधी की: सीएम योगी - विधानसभा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के चर्चा के दौरान धन्यवाद भाषण दिया. मुख्यमंत्री ने अपने करीब दो घंटे पांच मिनट के भाषण के दौरान विपक्ष पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि विपक्ष तय करे कि उन्हें जिन्ना की सोच का साथ देना है या महात्मा गांधी की सोच का साथ देना है.

etv bharat
सीएम योगी (फाइल फोटो).
author img

By

Published : Feb 19, 2020, 7:15 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान धन्यवाद भाषण दिया. मुख्यमंत्री अपने करीब दो घंटे पांच मिनट के भाषण के दौरान नागरिकता कानून पर हुए प्रदर्शनों के दौरान विपक्ष की भूमिका, आरक्षण पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों, प्रदेश के विकास, विपक्ष की भूमिका जैसे मुद्दों पर खुलकर बोले और विपक्ष को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने सदन की कार्यवाही को गरिमापूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने के लिए सदन के प्रत्येक सदस्य के प्रति आभार प्रकट करने के साथ ही राज्यपाल को भी धन्यवाद दिया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोग कहते थे कि अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा. फिर भी लाखों राम भक्त अयोध्या में मौजूद रहे. आज सर्वोच्च अदालत ने राम भक्तों की आकांक्षा पर मुहर लगाई. नौ नवंबर 2019 ने स्थापित किया कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज कायम है. कोई दुर्घटना नहीं हुई. जो लोग राम भक्तों पर गोली चलाना उचित मानते हैं और आतंकवादियों का मुकदमा लड़ते हैं. उनसे पूछा जाना चाहिए. लोकतांत्रिक तरीके से होने वाले सभी आंदोलन को हम लोग समर्थन देंगे.

विपक्ष प्रदेश के गरीबों के हित की बात नहीं करना चाहता

यह बात पहले से ही स्पष्ट कर दी गई थी, जो लोग बहन-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करेंगे. संपत्तियों को नुकसान पहुंचाएंगे. उन्हें वह जिस भाषा में समझना चाहेंगे उस भाषा में समझाया जाएगा. दिसंबर में कांग्रेस, सपा समेत अन्य लोग इस महाबंदी में शामिल थे. ऐसे लोग भारत के संविधान में विश्वास नहीं रखते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेताओं की प्रदेश के किसान के प्रति, युवा के प्रति, गरीब के प्रति अगर सहानुभूति होती तो मुझे खुशी होती. गांधी जयंती पर आयोजित विशेष सत्र में विपक्ष ने हिस्सा नहीं लिया, इसलिए यह साबित होता है कि विपक्ष प्रदेश के गरीबों के हित की बात नहीं करना चाहता.

हम सत्ता को साध्य नहीं मानते

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता के प्रति सहानुभूति होता, तो सदन से बहिर्गमन नहीं करते. 36 घंटों तक सदन चर्चा करता रहा. उस वक्त सदन में बहुत अच्छी चर्चा हुई थी. सदन की सार्थकता दो अक्टूबर 2019 और तीन अक्टूबर 2019 को देखने को मिला, जब विस्तार से प्रदेश की समस्याओं और प्रदेश के विकास को लेकर भविष्य की रणनीति पर चर्चा की गई. सीएम योगी ने कहा कि हम लोग सत्ता को साध्य नहीं मानने वाले हैं. सत्ता को साधन मानते हैं. लोक कल्याण के लिए साधन. सत्ता हमारे लिए आखिरी लक्ष्य नहीं है.

ये भी पढ़ें- सियाराम के जयघोष संग बृज की होली से हुआ ताज महोत्सव का आगाज

सीएम ने सदन में विपक्ष को दी चुनौती

मुख्यमंत्री ने सदन में विपक्ष को खुली चुनौती दी. उन्होंने कहा कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं. बहस तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए, लेकिन यह चर्चा मर्यादित होनी चाहिए. नागरिकता कानून भारतीय जनता पार्टी ने नहीं बनाया है. यह कानून 1955 में बना था. नेहरू लियाकत पैक्ट के अनुसार बाद में कानून बनाया गया. देश की दुखद विभाजनकारी त्रासदी से लोग पीड़ित थे. कौन ऐसा भारतीय है, जिसके मन में पीड़ा नहीं है. कौन ऐसा सच्चा भारतीय होगा जिसको विभाजन की त्रासदी की पीड़ा न हो.

आंबेडकर ने किया पाकिस्तान बनाने का पुरजोर विरोध

आंबेडकर ने पाकिस्तान बनाने का पुरजोर विरोध किया था, लेकिन योगेंद्र नाथ मंडल जिन्ना के बहकावे में आ गए और पाकिस्तान चले गए. आंबेडकर आजाद भारत के कानून मंत्री बने. योगेंद्र नाथ मंडल पाकिस्तान के कानून मंत्री बने. भारत मे आंबेडकर संविधान के शिल्पी बने. योगेंद्र नाथ मंडल ने 1950 आने तक दलितों पर अत्याचार को लेकर आवाज उठाई. अंततः उन्हें पाकिस्तान छोड़कर भारत आना पड़ा. यहां वह शरणार्थी का जीवन जीते रहे. 1956 से लेकर 1966 तक भारत के अंदर योगेंद्र नाथ मंडल गुमनाम जिंदगी जी कर स्वर्गवासी हुए.

ये भी पढ़ें-वाराणसी: महाकाल एक्सप्रेस में शिव मंदिर बनाए जाने पर उठे सवाल

CAA की आड़ में तोड़फोड़ हुई

भारत में किसी भी नेता के इतने स्मारक नहीं बने हैं, जितने बाबासाहेब आंबेडकर के हैं. इसलिए सबको यह तय कर लेना चाहिए कि उसे क्या करना है. नागरिकता कानून को लेकर जिला प्रशासन से लेकर शासन तक के अधिकारियों ने अलग-अलग हिस्सों में लोगों को समझाने का काम किया था. कहा था कि यह कानून उनकी नागरिकता को लेकर कोई खतरा नहीं पैदा करने वाला है. अगर कोई विरोध करना चाहता है तो वह शांतिपूर्वक धरना दे, लेकिन कोई तोड़फोड़ न करें. बावजूद इसके इन लोगों ने तोड़फोड़ की. संविधान को तार-तार किया. जिन्ना के सपनों को साकार करना है या बापू के सपनों को साकार करना है. यह विपक्ष को तय करना है. मुख्यमंत्री के भाषण के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पास हुआ.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान धन्यवाद भाषण दिया. मुख्यमंत्री अपने करीब दो घंटे पांच मिनट के भाषण के दौरान नागरिकता कानून पर हुए प्रदर्शनों के दौरान विपक्ष की भूमिका, आरक्षण पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों, प्रदेश के विकास, विपक्ष की भूमिका जैसे मुद्दों पर खुलकर बोले और विपक्ष को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने सदन की कार्यवाही को गरिमापूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने के लिए सदन के प्रत्येक सदस्य के प्रति आभार प्रकट करने के साथ ही राज्यपाल को भी धन्यवाद दिया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोग कहते थे कि अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा. फिर भी लाखों राम भक्त अयोध्या में मौजूद रहे. आज सर्वोच्च अदालत ने राम भक्तों की आकांक्षा पर मुहर लगाई. नौ नवंबर 2019 ने स्थापित किया कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज कायम है. कोई दुर्घटना नहीं हुई. जो लोग राम भक्तों पर गोली चलाना उचित मानते हैं और आतंकवादियों का मुकदमा लड़ते हैं. उनसे पूछा जाना चाहिए. लोकतांत्रिक तरीके से होने वाले सभी आंदोलन को हम लोग समर्थन देंगे.

विपक्ष प्रदेश के गरीबों के हित की बात नहीं करना चाहता

यह बात पहले से ही स्पष्ट कर दी गई थी, जो लोग बहन-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करेंगे. संपत्तियों को नुकसान पहुंचाएंगे. उन्हें वह जिस भाषा में समझना चाहेंगे उस भाषा में समझाया जाएगा. दिसंबर में कांग्रेस, सपा समेत अन्य लोग इस महाबंदी में शामिल थे. ऐसे लोग भारत के संविधान में विश्वास नहीं रखते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेताओं की प्रदेश के किसान के प्रति, युवा के प्रति, गरीब के प्रति अगर सहानुभूति होती तो मुझे खुशी होती. गांधी जयंती पर आयोजित विशेष सत्र में विपक्ष ने हिस्सा नहीं लिया, इसलिए यह साबित होता है कि विपक्ष प्रदेश के गरीबों के हित की बात नहीं करना चाहता.

हम सत्ता को साध्य नहीं मानते

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता के प्रति सहानुभूति होता, तो सदन से बहिर्गमन नहीं करते. 36 घंटों तक सदन चर्चा करता रहा. उस वक्त सदन में बहुत अच्छी चर्चा हुई थी. सदन की सार्थकता दो अक्टूबर 2019 और तीन अक्टूबर 2019 को देखने को मिला, जब विस्तार से प्रदेश की समस्याओं और प्रदेश के विकास को लेकर भविष्य की रणनीति पर चर्चा की गई. सीएम योगी ने कहा कि हम लोग सत्ता को साध्य नहीं मानने वाले हैं. सत्ता को साधन मानते हैं. लोक कल्याण के लिए साधन. सत्ता हमारे लिए आखिरी लक्ष्य नहीं है.

ये भी पढ़ें- सियाराम के जयघोष संग बृज की होली से हुआ ताज महोत्सव का आगाज

सीएम ने सदन में विपक्ष को दी चुनौती

मुख्यमंत्री ने सदन में विपक्ष को खुली चुनौती दी. उन्होंने कहा कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं. बहस तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए, लेकिन यह चर्चा मर्यादित होनी चाहिए. नागरिकता कानून भारतीय जनता पार्टी ने नहीं बनाया है. यह कानून 1955 में बना था. नेहरू लियाकत पैक्ट के अनुसार बाद में कानून बनाया गया. देश की दुखद विभाजनकारी त्रासदी से लोग पीड़ित थे. कौन ऐसा भारतीय है, जिसके मन में पीड़ा नहीं है. कौन ऐसा सच्चा भारतीय होगा जिसको विभाजन की त्रासदी की पीड़ा न हो.

आंबेडकर ने किया पाकिस्तान बनाने का पुरजोर विरोध

आंबेडकर ने पाकिस्तान बनाने का पुरजोर विरोध किया था, लेकिन योगेंद्र नाथ मंडल जिन्ना के बहकावे में आ गए और पाकिस्तान चले गए. आंबेडकर आजाद भारत के कानून मंत्री बने. योगेंद्र नाथ मंडल पाकिस्तान के कानून मंत्री बने. भारत मे आंबेडकर संविधान के शिल्पी बने. योगेंद्र नाथ मंडल ने 1950 आने तक दलितों पर अत्याचार को लेकर आवाज उठाई. अंततः उन्हें पाकिस्तान छोड़कर भारत आना पड़ा. यहां वह शरणार्थी का जीवन जीते रहे. 1956 से लेकर 1966 तक भारत के अंदर योगेंद्र नाथ मंडल गुमनाम जिंदगी जी कर स्वर्गवासी हुए.

ये भी पढ़ें-वाराणसी: महाकाल एक्सप्रेस में शिव मंदिर बनाए जाने पर उठे सवाल

CAA की आड़ में तोड़फोड़ हुई

भारत में किसी भी नेता के इतने स्मारक नहीं बने हैं, जितने बाबासाहेब आंबेडकर के हैं. इसलिए सबको यह तय कर लेना चाहिए कि उसे क्या करना है. नागरिकता कानून को लेकर जिला प्रशासन से लेकर शासन तक के अधिकारियों ने अलग-अलग हिस्सों में लोगों को समझाने का काम किया था. कहा था कि यह कानून उनकी नागरिकता को लेकर कोई खतरा नहीं पैदा करने वाला है. अगर कोई विरोध करना चाहता है तो वह शांतिपूर्वक धरना दे, लेकिन कोई तोड़फोड़ न करें. बावजूद इसके इन लोगों ने तोड़फोड़ की. संविधान को तार-तार किया. जिन्ना के सपनों को साकार करना है या बापू के सपनों को साकार करना है. यह विपक्ष को तय करना है. मुख्यमंत्री के भाषण के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पास हुआ.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.