लखनऊ: हाथरस में गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद जिला प्रशासन और पुलिस ने पीड़िता के शव को परिजनों की मर्जी के बिना ही अंतिम संस्कार कर दिया. सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ सरकार की किरकिरी होने लगी. वहीं राजनीतिक दलों के लोगों ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की और पूरे देश में पीड़िता के पक्ष में कैंडल मार्च निकालने का सिलसिला शुरू हो गया. जिलाधिकारी के द्वारा पीड़ित युवती के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता तुरंत प्रदान कर दी गई थी, लेकिन अब इस मामले में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर परिवार को सहायता की राशि बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है. वहीं कनिष्ठ सहायक के पद पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा भी की गई है.
मृतका के परिवार को सूडा योजना के अंतर्गत शहर में एक घर का आवंटन किया जाएगा. वहीं इस पूरे मामले पर फास्ट ट्रैक कोर्ट सुनवाई करेगी और एसआईटी की तीन सदस्यीय कमेटी सभी बिंदुओं की जांच करेगी.
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बता दें कि हाथरस जिले में नाबालिग किशोरी के साथ गैंगरेप और उसकी जीभ काटने की घटना के बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. अब यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक गलियारों से लेकर मीडिया की सुर्खियों में है. वहीं इस मामले को लेकर अब महिलाओं और लोगों में आक्रोश भी देखने को मिल रहा है तो वहीं सरकार भी इस मामले पर अब बैकफुट पर नजर आ रही है.