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चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खोलने की योजना बनाएं: मुख्यमंत्री योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा है कि लॉकडाउन खत्म होते ही अचानक भीड़ सड़कों पर निकल सकती है. इससे सोशल डिस्टेंसिंग के प्रयास बाधित हो सकते हैं, लिहाजा अधिकारी अभी से पूरी कार्य योजना तैयार करें.

बैठक करते सीएम योगी आदित्यनाथ
बैठक करते सीएम योगी आदित्यनाथ
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Published : Apr 4, 2020, 8:37 AM IST

लखनऊ: प्रदेश सरकार 15 अप्रैल से लॉकडाउन खत्म होने के बाद पैदा होने वाली परिस्थितियों से निपटने की तैयारी में अभी से जुट गयी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा है कि लॉकडाउन खत्म होते ही अचानक भीड़ सड़क पर निकल सकती है. इससे सोशल डिस्टेंसिंग के प्रयास बाधित हो सकते हैं. लिहाजा अधिकारी अभी से पूरी कार्य योजना तैयार करें. स्कूल, कॉलेज, अलग-अलग तरह के बाजार और मॉल कब और कैसे खुलेंगे इसकी पूरी रणनीति तैयार की जाए. वाहनों के आवागमन के तौर-तरीकों पर गंभीरता से विचार करके कार्ययोजना को अंतिम रूप दे दिया जाए.


शुक्रवार को सरकारी आवास पर अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जरूरतमंद तक समय से खाद्य सामग्री पहुंचाना सुनिश्चित करें. स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जाए. डीएम से समन्वय कर आंगनबाड़ी के जरिये वितिरित होने वाला पौष्टिक आहार भी घर-घर तक पहुंचाया जाए. सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें दो स्तर पर तैयारी करनी है. मौजूदा हालात और भविष्य. इसके लिए जिलों में कम्यूनिटी किचन चलाया जाये. इस कार्य में जो भी नागरिक मदद देना चाहें, उसकी मदद लें. हर कोई भोजन बांटने न निकले. कुछ कलेक्शन सेंटर बनाए जाएं. जहां भोजन एकत्र किया जाए और फिर वितरण की व्य़वस्था सुनिश्चित हो. एनएसएस, एनसीसी, स्काउट्स और युवक मंगल दल से वालंटियर तैयार करें. इनको कोरोना संक्रमण रोकने और संक्रमित व्यक्ति की कैसे मदद करनी है, इसका प्रशिक्षण दिया जाए.

इलाज के लिए तैयार करें चिकित्सकों की सूची
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सीएम का मानना है कि संक्रमण रोकने के लिए एनेस्थीसिया, सामान्य फीजिशियन, बाल एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत होती है. निजी क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ डॉक्टरों की सूची तैयार करें. इनको प्रशिक्षित करें ताकि जरूरत पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके. इसके साथ ही पैरामेडिकल, आयुष चिकित्सकों और उनके स्टॉफ को प्रशिक्षण दिया जाए. निजी चिकित्सालयों में कितने बिस्तर और वेंटीलेटर उपलब्ध हो सकते हैं इसका ब्यौरा तैयार कर लिया जाए.

एक हजार करोड़ का कोरोना केयर फंड तैयार करेंगे
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एक हजार करोड़ रुपये का कोरोना केयर फंड बनाया जाएगा. इससे परीक्षण लैब, वेंटीलेटर, मास्क, सेनिटाइजर, पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) आदि की व्यवस्था होगी. इस फंड में सरकार मदद देगी ही, कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलटी के तहत औद्योगिक घरानों से भी मदद मांगी जाएगी. प्रयास होगा कि हर मंडल और सभी 24 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जांच की सुविधा हो.

एसएचजी की मदद से तैयार कराएं खादी के मास्क
मुख्यमंत्री के प्रवक्ता शिशिर ने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग यह सुनिश्चित कराएगा कि कोरोना में इस्तेमाल होने वाले जीवन रक्षक मास्क व अन्य जरूरी सामानों का उत्पादन प्रदेश में ही हो. खादी के कपड़े से ऐसा मास्क तैयार कराएं जिसका दोबारा उपयोग किया जा सके. इसके लिए महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप की मदद लें. ऐसा करने से खादी का प्रचार भी होगा, स्थानीय स्तर पर महिलाओं को रोजगार मिलेगा और मास्क सस्ता होने पर लोग इसे अपनी आदत का हिस्सा बना सकेंगे.

लखनऊ: प्रदेश सरकार 15 अप्रैल से लॉकडाउन खत्म होने के बाद पैदा होने वाली परिस्थितियों से निपटने की तैयारी में अभी से जुट गयी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा है कि लॉकडाउन खत्म होते ही अचानक भीड़ सड़क पर निकल सकती है. इससे सोशल डिस्टेंसिंग के प्रयास बाधित हो सकते हैं. लिहाजा अधिकारी अभी से पूरी कार्य योजना तैयार करें. स्कूल, कॉलेज, अलग-अलग तरह के बाजार और मॉल कब और कैसे खुलेंगे इसकी पूरी रणनीति तैयार की जाए. वाहनों के आवागमन के तौर-तरीकों पर गंभीरता से विचार करके कार्ययोजना को अंतिम रूप दे दिया जाए.


शुक्रवार को सरकारी आवास पर अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जरूरतमंद तक समय से खाद्य सामग्री पहुंचाना सुनिश्चित करें. स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जाए. डीएम से समन्वय कर आंगनबाड़ी के जरिये वितिरित होने वाला पौष्टिक आहार भी घर-घर तक पहुंचाया जाए. सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें दो स्तर पर तैयारी करनी है. मौजूदा हालात और भविष्य. इसके लिए जिलों में कम्यूनिटी किचन चलाया जाये. इस कार्य में जो भी नागरिक मदद देना चाहें, उसकी मदद लें. हर कोई भोजन बांटने न निकले. कुछ कलेक्शन सेंटर बनाए जाएं. जहां भोजन एकत्र किया जाए और फिर वितरण की व्य़वस्था सुनिश्चित हो. एनएसएस, एनसीसी, स्काउट्स और युवक मंगल दल से वालंटियर तैयार करें. इनको कोरोना संक्रमण रोकने और संक्रमित व्यक्ति की कैसे मदद करनी है, इसका प्रशिक्षण दिया जाए.

इलाज के लिए तैयार करें चिकित्सकों की सूची
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सीएम का मानना है कि संक्रमण रोकने के लिए एनेस्थीसिया, सामान्य फीजिशियन, बाल एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत होती है. निजी क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ डॉक्टरों की सूची तैयार करें. इनको प्रशिक्षित करें ताकि जरूरत पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके. इसके साथ ही पैरामेडिकल, आयुष चिकित्सकों और उनके स्टॉफ को प्रशिक्षण दिया जाए. निजी चिकित्सालयों में कितने बिस्तर और वेंटीलेटर उपलब्ध हो सकते हैं इसका ब्यौरा तैयार कर लिया जाए.

एक हजार करोड़ का कोरोना केयर फंड तैयार करेंगे
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एक हजार करोड़ रुपये का कोरोना केयर फंड बनाया जाएगा. इससे परीक्षण लैब, वेंटीलेटर, मास्क, सेनिटाइजर, पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) आदि की व्यवस्था होगी. इस फंड में सरकार मदद देगी ही, कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलटी के तहत औद्योगिक घरानों से भी मदद मांगी जाएगी. प्रयास होगा कि हर मंडल और सभी 24 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जांच की सुविधा हो.

एसएचजी की मदद से तैयार कराएं खादी के मास्क
मुख्यमंत्री के प्रवक्ता शिशिर ने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग यह सुनिश्चित कराएगा कि कोरोना में इस्तेमाल होने वाले जीवन रक्षक मास्क व अन्य जरूरी सामानों का उत्पादन प्रदेश में ही हो. खादी के कपड़े से ऐसा मास्क तैयार कराएं जिसका दोबारा उपयोग किया जा सके. इसके लिए महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप की मदद लें. ऐसा करने से खादी का प्रचार भी होगा, स्थानीय स्तर पर महिलाओं को रोजगार मिलेगा और मास्क सस्ता होने पर लोग इसे अपनी आदत का हिस्सा बना सकेंगे.

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