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चिकित्सा क्षेत्र में व्यवसाय नहीं चैरिटी का भाव होना जरूरी: सीएम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेशवासियों के लिए सरकार ने चिकित्सा क्षेत्र में तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं. चिकित्सा क्षेत्र में रोज नए प्रयोग व आविष्कार हो रहे हैं. ऐसे में शासन के साथ-साथ अब प्राइवेट अस्पताल भी अपनी भागीदारी देने के लिए आगे आ रहे हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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Published : May 16, 2022, 11:05 AM IST

लखनऊ: प्रदेशवासियों की आवश्यकतानुसार चिकित्‍सा क्षेत्र में शासन स्‍तर पर ढेर सारी सुविधाएं दी जा रही हैं. चिकित्‍सा क्षेत्र में रोज नए प्रयोग, आविष्‍कार हो रहे हैं. ऐसे में शासन के साथ-साथ अब प्राइवेट अस्‍पताल भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराने को सामने आ रहे हैं. जिससे स्‍थानीय स्‍तर पर लोगों को काफी मदद मिलेगी. ये बातें रविवार को सूबे के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने राजधानी लखनऊ में एक कैंसर हॉस्पिटल के शुभारंभ के मौके पर कहीं.

उन्‍होंने कहा कि टाटा कैंसर अस्‍पताल में इलाज कराने वाले लोगों में सबसे ज्‍यादा संख्‍या उत्तर भारत के लोगों की है. हर संस्‍थान की अपनी एक क्षमता होती है. यूपी की आबादी और क्षेत्र के अनुसार चिकित्‍सा सुविधाओं की मांग अधिक थी. ऐसे में शासन स्‍तर पर लखनऊ में एसजीपीजीआई के बाद कल्‍याण सिंह जी के नाम पर कैंसर इंस्‍ट‍िट्यूट का निर्माण कराया गया. उन्‍होंने कहा कि इस नए प्राइवेट कैंसर अस्‍पताल में लगभग 200 बेड हैं. अस्‍पताल अत्‍याधुनिक मशीनें, जांच की सुविधा, सीटी स्‍कैन और एमआरआई समेत कई आधुनिक सुविधाओं से लैस है. इस अस्‍पताल के संचालन से एक ही छत के नीचे मरीजों को सभी सहूलियतें मिल सकेंगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

इसे भी पढ़ें - सीएम और डिप्टी सीएम ने बुद्ध पूर्णिमा पर दी बधाई, योगी ने कहा- महात्मा बुद्ध का संदेश सम्पूर्ण मानवता के लिए अमूल्य निधि

उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में कोरोना काल में भी भारत ने दूसरे देशों से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया. जिसका परिणाम है कि कोरोना काल में दूसरे देशों के मुकाबले भारत की मृत्‍यु दर कम रही. दुनिया के बड़े बड़े देशों की सत्‍ता कोरोना काल में हिल गई. चौथी लहर से चीन फिर से एक बार लॉक है पर पीएम के नेतृत्‍व में बेहतर परिणाम सभी ने देखे. उन्‍होंने कहा कि कोरोना काल में जहां यूपी में जान भी जहान के संकल्‍प को पूरा किया गया वहीं चिकित्‍सा सुविधाएं भी तेजी से बेहतर हुईं हैं.

बदली यूपी की तस्‍वीर: उन्‍होंने कहा कि यूपी को पहले खराब चिकित्‍सीय सुविधाओं के लिए जाना जाता था, लेकिन अब वही यूपी एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज पर तेजी से काम कर रहा है. साल 1947 से 2017 तक उत्तर प्रदेश में 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे लेकिन 2017 के बाद महज पांच सालों में 59 मेडिकल कॉलेज बने. केन्‍द्र सरकार की योजनाओं की मदद से यूपी तेजी से आगे बढ़ रहा है। यूपी ने कई मॉडल दिए. इंसेफेलाइटिस उन्‍मूलन के अंतिम चरणों पर है.

उन्‍होंने कहा कि चिकित्‍सा क्षेत्र में व्‍यवसाय नहीं चैरिटी का भाव होना जरूरी है. उन्‍होंने कहा कि प्राइवेट कॉलेज भी आयुष्‍मान और जन आरोग्य से ज्‍यादा से ज्‍यादा जुड़ें जिससे प्रदेशवासियों को बेहतर सुविधाएं व आर्थिक मदद मिलेगी.

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लखनऊ: प्रदेशवासियों की आवश्यकतानुसार चिकित्‍सा क्षेत्र में शासन स्‍तर पर ढेर सारी सुविधाएं दी जा रही हैं. चिकित्‍सा क्षेत्र में रोज नए प्रयोग, आविष्‍कार हो रहे हैं. ऐसे में शासन के साथ-साथ अब प्राइवेट अस्‍पताल भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराने को सामने आ रहे हैं. जिससे स्‍थानीय स्‍तर पर लोगों को काफी मदद मिलेगी. ये बातें रविवार को सूबे के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने राजधानी लखनऊ में एक कैंसर हॉस्पिटल के शुभारंभ के मौके पर कहीं.

उन्‍होंने कहा कि टाटा कैंसर अस्‍पताल में इलाज कराने वाले लोगों में सबसे ज्‍यादा संख्‍या उत्तर भारत के लोगों की है. हर संस्‍थान की अपनी एक क्षमता होती है. यूपी की आबादी और क्षेत्र के अनुसार चिकित्‍सा सुविधाओं की मांग अधिक थी. ऐसे में शासन स्‍तर पर लखनऊ में एसजीपीजीआई के बाद कल्‍याण सिंह जी के नाम पर कैंसर इंस्‍ट‍िट्यूट का निर्माण कराया गया. उन्‍होंने कहा कि इस नए प्राइवेट कैंसर अस्‍पताल में लगभग 200 बेड हैं. अस्‍पताल अत्‍याधुनिक मशीनें, जांच की सुविधा, सीटी स्‍कैन और एमआरआई समेत कई आधुनिक सुविधाओं से लैस है. इस अस्‍पताल के संचालन से एक ही छत के नीचे मरीजों को सभी सहूलियतें मिल सकेंगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में कोरोना काल में भी भारत ने दूसरे देशों से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया. जिसका परिणाम है कि कोरोना काल में दूसरे देशों के मुकाबले भारत की मृत्‍यु दर कम रही. दुनिया के बड़े बड़े देशों की सत्‍ता कोरोना काल में हिल गई. चौथी लहर से चीन फिर से एक बार लॉक है पर पीएम के नेतृत्‍व में बेहतर परिणाम सभी ने देखे. उन्‍होंने कहा कि कोरोना काल में जहां यूपी में जान भी जहान के संकल्‍प को पूरा किया गया वहीं चिकित्‍सा सुविधाएं भी तेजी से बेहतर हुईं हैं.

बदली यूपी की तस्‍वीर: उन्‍होंने कहा कि यूपी को पहले खराब चिकित्‍सीय सुविधाओं के लिए जाना जाता था, लेकिन अब वही यूपी एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज पर तेजी से काम कर रहा है. साल 1947 से 2017 तक उत्तर प्रदेश में 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे लेकिन 2017 के बाद महज पांच सालों में 59 मेडिकल कॉलेज बने. केन्‍द्र सरकार की योजनाओं की मदद से यूपी तेजी से आगे बढ़ रहा है। यूपी ने कई मॉडल दिए. इंसेफेलाइटिस उन्‍मूलन के अंतिम चरणों पर है.

उन्‍होंने कहा कि चिकित्‍सा क्षेत्र में व्‍यवसाय नहीं चैरिटी का भाव होना जरूरी है. उन्‍होंने कहा कि प्राइवेट कॉलेज भी आयुष्‍मान और जन आरोग्य से ज्‍यादा से ज्‍यादा जुड़ें जिससे प्रदेशवासियों को बेहतर सुविधाएं व आर्थिक मदद मिलेगी.

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