लखनऊ : धरती हमारी माता है, इसके लिए हमारे दायित्व क्या हैं, इस बात को लोगों को समझना होगा. पहले 15 जून के बाद मानसून आता था. इस बार जुलाई में एक-दो बार बारिश हुई, पूरा जुलाई माह सूखा बीत गया, अगस्त भी सूखा बीत गया. यहां पर मानसून अक्टूबर में आया. यूपी के कई जिलों को अक्टूबर के महीने में बाढ़ की त्रासदी का सामना करना पड़ा. मैं सार्वजनिक जीवन में बीते 25 साल से हूं. मैंने अपनी जिंदगी में अक्टूबर के महीने में कभी भी बारिश होते नहीं देखी. इस बार अक्टूबर के महीने में उत्तर प्रदेश से कई जनपद में बारिश हुई. कई जनपद बुरी तरह प्रभावित रहे.
यह बातें सोमवार को नेशनल क्लाइमेट कान्क्लेव के दौरान सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही. उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के तमाम राज्यों में भी बगैर मौसम बारिश हुई. नवंबर में बारिश नहीं, दिसंबर, जनवरी और फरवरी में भी बारिश नहीं हुई. मार्च के अंत से बारिश शुरू हुई. मौजूदा महीने में किसान की पूरी फसल पककर तैयार हो चुकी होती है, लेकिन इसी महीने में लगातार बारिश होने के चलते किसान की मेहनत पूरी बेकार हो जाती है. कहीं न कहीं यह क्लाइमेट चेंज की ओर हम सबका ध्यान आकर्षित करता है. अपने स्वार्थ के लिए पर्यावरण को अति दोहित करके उसके साथ खिलवाड़ किया जाता है. इसके जिम्मेदार भी हम ही हैं. हमने कभी अपने पर्यावरण को सुरक्षित और हरा-भरा करने की ओर ध्यान नहीं दिया. चुनौती के बीच में रास्ता भी निकालना होगा.
सीएम ने कहा कि यह गौरव का विषय है कि दुनिया की नजर में भारत ऊंचाई पर पहुंच रहा है. भारत बाकी देशों का नेतृत्व कर रहा है. दुनियाभर के अंदर भी इन मुद्दों के ऊपर चर्चा हो रही है. हमारी लाइफ स्टाइल पर्यावरण के अनुरूप होनी चाहिए. उत्तर प्रदेश भारत की आबादी का सबसे बड़ा राज्य है. देश के अंदर कुल क्षेत्रफल का जितना भाग उत्तर प्रदेश के पास है, उससे कई गुना ज्यादा उत्तर प्रदेश की आबादी है. उत्तर प्रदेश में सब कुछ है. उपजाऊ भूमि है, पर्याप्त जल संसाधन हैं.
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री वन एवं जलवायु परिवर्तन, श्रम एंव रोजगार भूपेंद्र यादव ने कहा कि मौजूदा समय में लगातार जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के कारण मौसम में परिवर्तन हो रहा है. उत्तर प्रदेश सबसे घनी आबादी वाला राज्य है. सर्वाधिक वाहन उत्तर प्रदेश राज्य में चलते हैं. प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज के कारण ही पर्यावरण प्रदूषित हुआ है. इसके लिए हमें और आपको साथ में मिलकर पर्यावरण को बचाना है. ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे. मौजूदा समय में बगैर मौसम के बारिश हो रही है. बारिश के महीने में बारिश नहीं हो रही है. सर्दी का महीना पूरा निकल जाने के बाद आखिर के 10 दिनों में सर्दी पड़ रही है. यह सब जलवायु परिवर्तन के कारण ही हो रहा है. जलवायु परिवर्तन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. मार्च के महीने में कभी बारिश नहीं होती थी, लेकिन इस बार मार्च के महीने में बारिश होने से किसानों की फसल बर्बाद हुई है. जरूरी है कि हमें अपने पर्यावरण को हरा-भरा करने की जरूरत है, जितना संभव हो सके लोग पेड़ पौधे लगाएं, बेवजह वाहनों को न चलाएं.
यह भी पढ़ें : भाजपा ने मंत्रियों के जिला प्रभार में किया संशोधन, जानिए किसको मिला दायित्व