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IAS अभिषेक प्रकाश के खिलाफ सीएम योगी ने दिए जांच के आदेश

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने IAS अभिषेक प्रकाश के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. उन पर 700 बीघे जमीन खरीदने, अवैध संपत्ति, स्टाम्प ड्यूटी चोरी का आरोप है. पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह ने IAS अभिषेक प्रकाश के खिलाफ साक्ष्यों सहित शिकायत भारत सरकार के डीओपीटी में की थी.

IAS अभिषेक प्रकाश
IAS अभिषेक प्रकाश
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Published : Apr 12, 2021, 10:37 PM IST

Updated : Apr 15, 2021, 5:30 PM IST

लखनऊ: जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ अवैध संपत्ति, स्टांप ड्यूटी चोरी करने का आरोप लगाते हुए पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग से जांच कराने की मांग की थी. डीओपीटी ने अभिषेक प्रकाश के खिलाफ जांच का पत्र राज्य सरकार को भेजा. पत्र आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.

पूर्व सांसद ने लगाए आरोप

पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह ने IAS अभिषेक प्रकाश के खिलाफ साक्ष्यों सहित शिकायत भारत सरकार के डीओपीटी में की थी. शिकायत में उन्होंने कहा था कि IAS अभिषेक प्रकाश ने जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी रहते हुए लगभग 300 बीघे ज़मीन की ख़रीदारी की थी. यह जमीन आईएएस अभिषेक ने अपने परिजन (माता, पिता व भाई के अलावा कुछ अन्य व्यक्तियों) सहित फ़र्ज़ी कम्पनियां बनाकर उनके नाम पर की थीं.

डीएम बरेली रहते खरीदी थी 400 बीघे जमीन

इसके अलावा बरेली में जिलाधिकारी रहने के दौरान भी आईएएस अभिषेक प्रकाश ने करीब 400 बीघे ज़मीन ख़रीदी थी. यह ज़मीन बरेली-शाहजहांपुर हाइवे पर कीमती बताई जा रही है. इसके अलावा यह आरोप भी लगे थे कि इन दोनों ज़मीनों की ख़रीद में इनके द्वारा अपने डीएम होने का लाभ उठाते हुए स्टाम्प ड्यूटी की भी चोरी की गयी, जिसके बाद अब जांच कराने के आदेश दिए गए हैं.

DOPT ने लिखा पत्र

DOPT ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए पत्र लिखा था. भारत सरकार से पत्र आने के बाद काफी दिनों तक यूपी के नियुक्ति विभाग में यह पत्र पड़ा रहा. इसके बाद नियुक्ति विभाग ने वर्तमान डीएम लखीमपुर खीरी और बरेली से आख्या मांगा, जिसमें लखीमपुर खीरी डीएम ने मामले का गोलमोल जवाब शासन को भेज दिया, जबकि बरेली डीएम ने शासन को पत्र लिखते हुए कहा कि मामला अति गम्भीर है, जो स्टाम्प चोरी के साथ-साथ राजस्व से भी जुड़ा हुआ है. आरोपी विशेष सचिव स्तर का है. अतः पूरे मामले की जांच अपर मुख्य सचिव रैंक से कराने के लिए अनुरोध किया.

अपर मुख्य सचिव ने सीएम कार्यालय भेजी फाइल तो सीएम ने दिए जांच के आदेश

इसके बाद इस पूरे मामले में नियुक्ति विभाग द्वारा एसीएस राजस्व रेणुका कुमार से जांच कराने के लिए अनुमोदन के लिए फ़ाइल मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी गयी थी, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकृत कर दिया. लेकिन वहां से फ़ाइल लौटने के बाद अभी भी ठंडे बस्ते में पड़ी है. अब तक नियुक्ति विभाग ने इस प्रकरण में कोई भी आदेश जारी नहीं किया है.

नियुक्ति विभाग के ACS ने कहा, मुझे तो जानकारी ही नहीं

नियुक्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल ने इस बारे में पूछे जाने पर सीएम द्वारा जांच के आदेश दिए जाने की जानकारी से इनकार किया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है.

इसे भी पढ़ें - अवध क्षेत्र के बीजेपी महामंत्री ने की DM और CMO को जेल भेजने की मांग

लखनऊ: जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ अवैध संपत्ति, स्टांप ड्यूटी चोरी करने का आरोप लगाते हुए पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग से जांच कराने की मांग की थी. डीओपीटी ने अभिषेक प्रकाश के खिलाफ जांच का पत्र राज्य सरकार को भेजा. पत्र आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.

पूर्व सांसद ने लगाए आरोप

पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह ने IAS अभिषेक प्रकाश के खिलाफ साक्ष्यों सहित शिकायत भारत सरकार के डीओपीटी में की थी. शिकायत में उन्होंने कहा था कि IAS अभिषेक प्रकाश ने जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी रहते हुए लगभग 300 बीघे ज़मीन की ख़रीदारी की थी. यह जमीन आईएएस अभिषेक ने अपने परिजन (माता, पिता व भाई के अलावा कुछ अन्य व्यक्तियों) सहित फ़र्ज़ी कम्पनियां बनाकर उनके नाम पर की थीं.

डीएम बरेली रहते खरीदी थी 400 बीघे जमीन

इसके अलावा बरेली में जिलाधिकारी रहने के दौरान भी आईएएस अभिषेक प्रकाश ने करीब 400 बीघे ज़मीन ख़रीदी थी. यह ज़मीन बरेली-शाहजहांपुर हाइवे पर कीमती बताई जा रही है. इसके अलावा यह आरोप भी लगे थे कि इन दोनों ज़मीनों की ख़रीद में इनके द्वारा अपने डीएम होने का लाभ उठाते हुए स्टाम्प ड्यूटी की भी चोरी की गयी, जिसके बाद अब जांच कराने के आदेश दिए गए हैं.

DOPT ने लिखा पत्र

DOPT ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए पत्र लिखा था. भारत सरकार से पत्र आने के बाद काफी दिनों तक यूपी के नियुक्ति विभाग में यह पत्र पड़ा रहा. इसके बाद नियुक्ति विभाग ने वर्तमान डीएम लखीमपुर खीरी और बरेली से आख्या मांगा, जिसमें लखीमपुर खीरी डीएम ने मामले का गोलमोल जवाब शासन को भेज दिया, जबकि बरेली डीएम ने शासन को पत्र लिखते हुए कहा कि मामला अति गम्भीर है, जो स्टाम्प चोरी के साथ-साथ राजस्व से भी जुड़ा हुआ है. आरोपी विशेष सचिव स्तर का है. अतः पूरे मामले की जांच अपर मुख्य सचिव रैंक से कराने के लिए अनुरोध किया.

अपर मुख्य सचिव ने सीएम कार्यालय भेजी फाइल तो सीएम ने दिए जांच के आदेश

इसके बाद इस पूरे मामले में नियुक्ति विभाग द्वारा एसीएस राजस्व रेणुका कुमार से जांच कराने के लिए अनुमोदन के लिए फ़ाइल मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी गयी थी, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकृत कर दिया. लेकिन वहां से फ़ाइल लौटने के बाद अभी भी ठंडे बस्ते में पड़ी है. अब तक नियुक्ति विभाग ने इस प्रकरण में कोई भी आदेश जारी नहीं किया है.

नियुक्ति विभाग के ACS ने कहा, मुझे तो जानकारी ही नहीं

नियुक्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल ने इस बारे में पूछे जाने पर सीएम द्वारा जांच के आदेश दिए जाने की जानकारी से इनकार किया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है.

इसे भी पढ़ें - अवध क्षेत्र के बीजेपी महामंत्री ने की DM और CMO को जेल भेजने की मांग

Last Updated : Apr 15, 2021, 5:30 PM IST
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