लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रदेशवासियों को बड़ी सौगात दी है. मुख्यमंत्री ने लोकभवन में आयोजित बिजली महोत्सव एवं ऊर्जा दिवस के अवसर पर 400/220/132 केवी पारेषण/वितरण 17 उपकेंद्रों का वर्चुअल लोकार्पण और शिलान्यास किया. इन सभी उपकेंद्रों की कुल लागत 2723.20 करोड़ रुपए है. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर के साथ ही पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज और अपर मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग अवनीश कुमार अवस्थी मौजूद रहे.
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2719 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास संपन्न हुआ है. प्रदेश के अंदर जिन परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ है, समयबद्ध ढंग से पावर कारपोरेशन उन सभी परियोजनाओं को पूरा करते हुए जन आकांक्षाओं के अनुरूप बिजली की आपूर्ति करेगा. पिछले पांच साल के दौरान उत्तर प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र ने छलांग लगाई है. 1 लाख 21 हजार से अधिक गांव और मजरे थे, जहां पर आजादी के बाद भी कभी बिजली पहुंच नहीं पाई. उन गांवों और मजरों तक विद्युतीकरण के कार्य को पूरा करने के बाद सौभाग्य योजना लागू होने पर 1 करोड़ 43 लाख परिवारों को निशुल्क बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराए गए. प्रदेश के हर घर बिजली के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है. सरकार ने विद्युत वितरण के भेदभाव को दूर किया है.
पहले चार जनपदों में बिजली मिलती थी, शेष 71 जनपद अंधेरे में डूबे रहते थे. लेकिन पिछले पांच साल के अंदर आज प्रदेश के अंदर कोई भी वीआईपी जनपद नहीं है, बल्कि प्रदेश का हर जनपद वीआईपी जनपद हो गया है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रयास जारी है. वास्तव में लोकतंत्र का सबसे बड़ा आधार यही होता है कि जब बिना भेदभाव के जनता को उसकी सुविधा के अनुरूप, उसकी आवश्यकता के अनुरूप शासन की सुविधा उसे प्राप्त हो जाए. यह कार्य बिजली विभाग के माध्यम से पिछले 5 सालों के अंदर उत्तर प्रदेश के अंदर बखूबी किया गया है. जनपद मुख्यालय में 23 से 24 घंटे बिजली आपूर्ति, तहसील मुख्यालय में 20 से 22 घंटे बिजली आपूर्ति और ग्रामीण क्षेत्र में 16 से 18 घंटे बिजली की आपूर्ति का लक्ष्य पूरा किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे सामने एक चुनौती है कि हमें अगले पांच वर्ष के अंदर क्या कुछ करना है. जो कुछ बचे हुए मजरे हैं वहां तक बिजली की आपूर्ति करना. हर घर तक बिजली पहुंचाने और उसकी आवश्यकता के अनुरूप बिजली आपूर्ति की दिशा में हमें कदम आगे बढ़ाना है, साथ ही साथ बिजली विभाग के सामने यह चुनौती है कि अपनी बिलिंग एफिशिएंसी को बढ़ाना और कनेक्शन एफिशिएंसी को बढ़ाकर प्रदेश के अंदर बिजली विभाग को आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की दिशा में कदम आगे बढ़ाना है. क्योंकि यही हमारी 25 साल की आधारशिला को मजबूत करेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आगे 25 सालों में उज्जवल भारत की तस्वीर को सामने रख सकेंगे. हम इतना बिजली उत्पादन करें कि हमें हाथ फैलाने की नौबत न आए. हम सभी आवश्यकताओं के अनुरूप आगे कदम बढ़ाएं. 27 सौ करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हो रहा है, इसके लिए सभी जनपदवासियों को बधाई. इस विश्वास के साथ कि पावर कारपोरेशन राज्य की 25 करोड़ जनता की भावनाओं के अनुरूप प्रत्येक व्यक्ति को बिना भेदभाव के बिजली उपलब्ध कराएगा. राज्य सरकार पूरी मजबूती के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ेगी.
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इस मौके पर ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि पिछले छह दिन से देश में ऊर्जा महोत्सव मनाया जा रहा है. केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा थी कि अमृत महोत्सव के अवसर पर हमने जो भी अच्छा किया है या करने वाले हैं उन सबकी जानकारी हमारी जनता को होनी चाहिए. अन्न से भी ज्यादा बिजली का महत्व हुआ करता है. लोगों की मांग बिजली, सड़क और पानी रहती है. इनमें भी बिजली प्रमुख मांग है. डबल इंजन की सरकार ने खूब कमाल किया है जो दो करोड़ 86 लाख सौभाग्य योजना के अंदर पूरे देश में कनेक्शन दिए गए उसमें लगभग आधे कनेक्शन उत्तर प्रदेश में दिए गए.
उत्तर प्रदेश में लगभग 1.43 करोड़ कनेक्शन दिए गए. अब तक उत्तर प्रदेश में कुल तीन करोड़ से कुछ ज्यादा कनेक्शन हैं, उसमें से अकेले योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में आधे कनेक्शन दिए गए. हमारे राज्य में लगभग 6000 मेगावाट उत्पादन क्षमता बिजली की थी. पिछले पांच साल में हमने 5800 मेगावाट क्षमता और बढ़ाई है. 100 दिनों में हमने जो भी काम निर्धारित किए वह हमने पूरे किए. जिन 12 वितरण उपकेंद्रों का लोकार्पण हो रहा है उनमें से छह उपकेंद्र 100 दिन में शामिल थे. 11 जुलाई को हमने 26,504 मेगावाट बिजली की सप्लाई की, जो रिकॉर्ड बना. ट्रांसफार्मरों के जलने में कमी लाने के लिए भी प्रयास हुए हैं.
इस बार अभी तक की सबसे सफल एकमुश्त समाधान योजना पूरी हुई है. ऐसा कम ही होता है कि कोई चीज महंगी हो जाए फिर सस्ती हो सके, खासकर बिजली, लेकिन हमारी सरकार ने पहली बार बिजली दरों में बढ़ोतरी के बजाय कमी की है जिसका जनता को सीधे तौर पर फायदा मिल रहा है. 80 स्लैब से घटाकर 59 स्लैब कर दिए. सात रुपए 500 यूनिट से ऊपर खर्च वाला स्लैब ही खत्म कर दिया.
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