लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर पुलिस विभाग के साइबर क्राइम, सतर्कता अधिष्ठान एवं राज्य विशेष अनुसंधान दल के कार्यों की बुधवार को समीक्षा बैठक की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि साइबर अपराध के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए जोन एवं जनपद स्तर पर गठित की गई साइबर सेल का प्रभावी उपयोग किया जाए. सभी थानों पर साइबर हेल्प डेस्क की मदद से साइबर अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई की जाए. गृह मंत्रालय, भारत सरकार के साथ समन्वय स्थापित करते हुए विभिन्न पोर्टल्स CYTRAIN, CCPWC इत्यादि का उपयोग किया जाए, जिससे हर स्तर पर निगरानी की जा सके. साथ ही इन पोर्टल्स के प्रभावी उपयोग के लिए पुलिस विभाग के कार्मिकों को दिए जा रहे प्रशिक्षण की गति को तेज किया जाए. इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाए.
साइबर अपराधों एवं उनसे बचाव के तरीकों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेन्स की नीति के तहत लगातार कार्य किया जा रहा है. उन्होंने राज्य विशेष अनुसंधान दल एवं सतर्कता अधिष्ठान को निर्देश देते हुए कहा कि लम्बित जांच, विवेचनाओं को समयबद्ध ढंग से गुणवत्ता एवं गोपनीयता के साथ पूरा किया जाए. सतर्कता अधिष्ठान प्रत्येक माह मुख्यमंत्री कार्यालय को इन जांच और विवेचनाओं से अवगत कराए. भ्रष्टाचार में संलिप्त रहे लोगों की जांच कर उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए. उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि जांच एजेंसियों के कर्मचारियों को आधुनिक तकनीकी ज्ञान से दक्ष किया जाए तथा उनकी इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं लॉजिस्टिक्स की जरूरतों को पूरा किया जाए.
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार का दावा है कि विगत 6 वर्षों से प्रदेश में मजबूत कानून-व्यवस्था एवं सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. वर्ष 2017 से पूर्व साइबर क्राइम की विवेचना के लिए प्रदेश में मात्र 2 साइबर क्राइम पुलिस थाने क्रियाशील थे. प्रदेश सरकार ने साइबर अपराध पर प्रभावी रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए परिक्षेत्र स्तर पर साइबर क्राइम थानों का गठन किया है. सरकार का यह भी दावा है कि थानों पर महिला साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की गई है. 24X7 साइबर हेल्पलाइन क्रियाशील है. साइबर सेफ पोर्टल के माध्यम से साइबर अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई की जा रही है.
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