लखनऊ : यूपी विधानसभा के बजट सत्र के दौरान नेता सदन सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले चीनी मिलें बिक रही थीं. किसान आत्महत्या कर रहा था. मंडी शुल्क दो फीसदी थी. वर्ष 2017 बाद अन्नदाता किसान सरकार के एजेंडे में आया. हमने 36 हजार करोड़ ऋण माफ किया. 86 लाख किसान लाभान्वित हुए. पीएम किसान निधि में अबतक 12 किस्तों मे 51639.68 करोड़ रुपये अन्नदाता किसानों के खाते में गए हैं.
सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते समय नेता सदन ने कहा कि 70 के दशक में शुरू हुई सरयू नहर परियोजना 2017 तक नहीं बन पाई थी. इस पर बीच में शिवपाल सिंह यादव ने टोका, कहा छह महीने अगर मैं और रह जाता सब हो जाता, मैं तीन साल तक संपर्क में रहा, लेकिन जब जागो तभी सवेरा... शिवपाल जी सच में संघर्षों से निकले हैं. अगर यहां (अखिलेश यादव के स्थान की ओर इशारा) होते तो तस्वीर दूसरी होती. आप (शिवपाल) करना बहुत चाहते थे, लेकिन करने नहीं दिया गया. इस संवाद पर पूरा सदन ठहाका लगाकर हंसा. मुख्यमंत्री ने कहा कि चौधरी साहब की रमाला चीनी मिल हमारी सरकार की ही देन है. बस्ती की मुंडेरवा, गोरखपुर की पिपराईच चीनी मिल भी हमारी सरकार द्वारा बनवाया गया. 1लाख 98 हजार 434.98 करोड़ गन्ना मूल्य भुगतान हुआ है. कुल 5800 से 6000 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य बकाया है. 119 चीनी मिल चल रही हैं. इसमें करीब 100 चीनी मिल 10 दिनों के अंदर भुगतान कर रही हैं.
नेता सदन ने कहा कि आप गोरखपुर गोरक्षपीठ की बात करते है, गोरक्षपीठ विदेशी आक्रांताओं को मुहतोड़ जवाब देने का सबसे बड़ा सेंटर रहा है. हर बार जूझा है, नाको चने चबवाये हैं, फिर उठ खड़ा होकर मजबूती से खड़ा हुआ है. कभी अपने मूल्यों आदर्शों से समझौता नहीं किया, यही रामराज्य है. आप अपनी विरासत को कितना भी कोसें, बात तो उठेगी, तुलसीदास जी की चर्चा तो होगी ही. शिवपाल जी, आप डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के बारे में कम से कम इन लोगों को बता देते. आप कभी कभी सच बोल देते हैं. इसीलिए हम आपका सम्मान करते हैं.
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