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सीएम योगी दी नववर्ष की बधाई, मायावती बोलीं- सरकार नीति में सुधार करे तो आ सकते हैं गरीबों के अच्छे दिन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और बसपा प्रमुख मायावती (BSP chief Mayawati) ने नव वर्ष 2023 की सभी प्रदेशवासियों को ट्वीट कर बधाई दी है.

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सीएम योगी और बसपा प्रमुख मायावती
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Published : Jan 1, 2023, 9:36 AM IST

Updated : Jan 1, 2023, 10:37 AM IST

लखनऊः बहुत सारी उम्मीदों, संभावनाओं से भरे वर्ष 2023 का आगाज हो चुका है. डांस-पार्टी के दौर के बीच लोगों ने नए साल के आगमन का एंज्वॉय किया. वहीं, इस अवसर पर सीएम योगी बसपा प्रमुख मायावती ने ट्टीट कर सभी को नववर्ष शुभकामनाएं दी हैं. वहीं, मायावती ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार अगर अपनी नीति और नीयत में थोड़ा सुधार कर ले तो गरीबों के भी अच्छे दिन आ सकते हैं.

सीएम योगी ने अपने ट्टीट में लिखा कि 'आप सभी को ईसवी सन् -2023 की हार्दिक बधाई! प्रभु श्री राम की कृपा से यह नूतन वर्ष आप सभी के जीवन को सुख, समृद्धि, सौभाग्य, उत्साह और आरोग्यता से अभिसिंचित करे'.

  • आप सभी को ईसवी सन् -2023 की हार्दिक बधाई!

    प्रभु श्री राम की कृपा से यह नूतन वर्ष आप सभी के जीवन को सुख, समृद्धि, सौभाग्य, उत्साह और आरोग्यता से अभिसिंचित करे।

    — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा 'समस्त देशवासियों व खासकर यूपी के सभी भाई-बहनों को नववर्ष सन् 2023 की हार्दिक बधाई (दिली मुबारकबाद) तथा रोजगार-युक्त व महंगाई-मुक्त आत्म-सम्मान के सुख, शान्ति व समृद्धि भरे जीवन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. इनकी प्राप्ति के लिए अपना सतत् संघर्ष जारी रखने की भी अपील'.

  • समस्त देशवासियों व ख़ासकर यूपी के सभी भाई-बहनों को नववर्ष सन् 2023 की हार्दिक बधाई (दिली मुबारकबाद) तथा रोज़गार-युक्त व महंगाई-मुक्त आत्म-सम्मान के सुख, शान्ति व समृद्धि भरे जीवन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। इनकी प्राप्ति के लिए अपना सतत् संघर्ष जारी रखने की भी अपील।

    — Mayawati (@Mayawati) January 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकारों का यह कर्तव्य है लेकिन यही कर्तव्य वे नहीं निभाती हैं. उन्होंने साल के पहले ही दिन आरक्षण को लेकर कांग्रेस, भाजपा और सपा पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की स्थापना ही गरीबों, पिछड़ों की भलाई के लिए हुई है. जनता से सत्ता की मास्टर चाबी बीएसपी के हाथों में सौंपने का अनुरोध भी किया है. कहा है कि सभी का भला बहुजन समाज पार्टी में ही है.

बीएसपी मुखिया ने कहा है कि देश के करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों, व्यापारी वर्ग और अन्य मेहनतकश समाज को बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्ना सेठों की तरह सरकारी दया, कृपादृष्टि पर ही आगे बढ़ने के बजाय हमेशा अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष के बल पर थोड़े में ही गुजारा करने की आदत है, लेकिन अगर सरकार चाहे तो अपनी नीयत और नीति में थोड़ा सुधार करके इन सभी लोगों के जीवन को अच्छे दिन में जरूर बदल सकती है. यही सरकार का कर्तव्य भी है, लेकिन दुख की बात है कि इन सभी के मामले में केंद्र व राज्यों की सरकारें हमें बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आती हैं.

मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की स्थापना बहुजन समाज के करोड़ों लोगों के हित के लिए ही की गई थी, जिससे इसी खराब बीमारी को दूर कर सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके यहां देश में राजनीतिक लोकतंत्र के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की भी स्थापना की जा सके. उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी ने 85% शोषित व पीड़ितों और उपेक्षितों को बहुजन समाज की शक्ति में जोड़कर यह काम काफी पहले शुरू कर दिया, लेकिन आरक्षण को लागू करने को लेकर चुनौती अभी भी बनी हुई है. इस मामले में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी सहित सभी विरोधी पार्टी आरक्षण के साथ इस संवैधानिक उत्तरदायित्व के प्रति ईमानदार नहीं हैं. यह आज तक का कड़वा इतिहास है.

मायावती ने कहा कि एससी एसटी के आरक्षण को लागू करने के मामले में ही नहीं, बल्कि ओबीसी के आरक्षण को लेकर भी इन पार्टियों का रवैया जातिवादी और क्रूर रहा है. कांग्रेस ने केंद्र में रहते हुए पिछड़ों के आरक्षण को निष्प्रभावी बना दिया. बीजेपी भी अब कांग्रेस के रास्ते पर ही चल रही है. आरक्षण के हक को मारने का काम कर रही है. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार रही, लेकिन अति पिछड़ों को पूरा हक न देकर इनके साथ हमेशा छल करने का ही काम किया गया.

सपा ने sc-st की पदोन्नति में आरक्षण को खत्म कर दिया. इससे संबंधित बिल संसद में फाड़कर इसे पास ही नहीं होने दिया. इस पार्टी ने ओबीसी की 17 अति पिछड़ी जातियों को ओबीसी वर्ग की सूची से हटाकर एससी वर्ग में शामिल करने का गैर संवैधानिक कार्य किया. इन वर्गों के साथ लाखों परिवारों को ओबीसी आरक्षण से वंचित कर दिया. सपा सरकार को ऐसा करने का अधिकार भी नहीं था बावजूद इसके इन सभी जातियों को न ओबीसी में ही रहने दिया और न ही एससी में उन्हें शामिल किया. सपा सरकार को कोर्ट की फटकार लगी थी.

बहुजन समाज पार्टी सरकार ने एससी व एसटी के साथ-साथ अति पिछड़ों और पिछड़ों को भी आरक्षण का पूरा हक दिया. इतना ही नहीं समाज के महापुरुषों, संतों को भी आदर सम्मान देने में बीएसपी ने कोई भेदभाव नहीं किया.

पढ़ेंः नए साल 2023 के स्वागत के लिए जश्न शुरू, काशी में हुई विशेष गंगा आरती

लखनऊः बहुत सारी उम्मीदों, संभावनाओं से भरे वर्ष 2023 का आगाज हो चुका है. डांस-पार्टी के दौर के बीच लोगों ने नए साल के आगमन का एंज्वॉय किया. वहीं, इस अवसर पर सीएम योगी बसपा प्रमुख मायावती ने ट्टीट कर सभी को नववर्ष शुभकामनाएं दी हैं. वहीं, मायावती ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार अगर अपनी नीति और नीयत में थोड़ा सुधार कर ले तो गरीबों के भी अच्छे दिन आ सकते हैं.

सीएम योगी ने अपने ट्टीट में लिखा कि 'आप सभी को ईसवी सन् -2023 की हार्दिक बधाई! प्रभु श्री राम की कृपा से यह नूतन वर्ष आप सभी के जीवन को सुख, समृद्धि, सौभाग्य, उत्साह और आरोग्यता से अभिसिंचित करे'.

  • आप सभी को ईसवी सन् -2023 की हार्दिक बधाई!

    प्रभु श्री राम की कृपा से यह नूतन वर्ष आप सभी के जीवन को सुख, समृद्धि, सौभाग्य, उत्साह और आरोग्यता से अभिसिंचित करे।

    — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा 'समस्त देशवासियों व खासकर यूपी के सभी भाई-बहनों को नववर्ष सन् 2023 की हार्दिक बधाई (दिली मुबारकबाद) तथा रोजगार-युक्त व महंगाई-मुक्त आत्म-सम्मान के सुख, शान्ति व समृद्धि भरे जीवन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. इनकी प्राप्ति के लिए अपना सतत् संघर्ष जारी रखने की भी अपील'.

  • समस्त देशवासियों व ख़ासकर यूपी के सभी भाई-बहनों को नववर्ष सन् 2023 की हार्दिक बधाई (दिली मुबारकबाद) तथा रोज़गार-युक्त व महंगाई-मुक्त आत्म-सम्मान के सुख, शान्ति व समृद्धि भरे जीवन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। इनकी प्राप्ति के लिए अपना सतत् संघर्ष जारी रखने की भी अपील।

    — Mayawati (@Mayawati) January 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकारों का यह कर्तव्य है लेकिन यही कर्तव्य वे नहीं निभाती हैं. उन्होंने साल के पहले ही दिन आरक्षण को लेकर कांग्रेस, भाजपा और सपा पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की स्थापना ही गरीबों, पिछड़ों की भलाई के लिए हुई है. जनता से सत्ता की मास्टर चाबी बीएसपी के हाथों में सौंपने का अनुरोध भी किया है. कहा है कि सभी का भला बहुजन समाज पार्टी में ही है.

बीएसपी मुखिया ने कहा है कि देश के करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों, व्यापारी वर्ग और अन्य मेहनतकश समाज को बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्ना सेठों की तरह सरकारी दया, कृपादृष्टि पर ही आगे बढ़ने के बजाय हमेशा अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष के बल पर थोड़े में ही गुजारा करने की आदत है, लेकिन अगर सरकार चाहे तो अपनी नीयत और नीति में थोड़ा सुधार करके इन सभी लोगों के जीवन को अच्छे दिन में जरूर बदल सकती है. यही सरकार का कर्तव्य भी है, लेकिन दुख की बात है कि इन सभी के मामले में केंद्र व राज्यों की सरकारें हमें बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आती हैं.

मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की स्थापना बहुजन समाज के करोड़ों लोगों के हित के लिए ही की गई थी, जिससे इसी खराब बीमारी को दूर कर सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके यहां देश में राजनीतिक लोकतंत्र के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की भी स्थापना की जा सके. उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी ने 85% शोषित व पीड़ितों और उपेक्षितों को बहुजन समाज की शक्ति में जोड़कर यह काम काफी पहले शुरू कर दिया, लेकिन आरक्षण को लागू करने को लेकर चुनौती अभी भी बनी हुई है. इस मामले में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी सहित सभी विरोधी पार्टी आरक्षण के साथ इस संवैधानिक उत्तरदायित्व के प्रति ईमानदार नहीं हैं. यह आज तक का कड़वा इतिहास है.

मायावती ने कहा कि एससी एसटी के आरक्षण को लागू करने के मामले में ही नहीं, बल्कि ओबीसी के आरक्षण को लेकर भी इन पार्टियों का रवैया जातिवादी और क्रूर रहा है. कांग्रेस ने केंद्र में रहते हुए पिछड़ों के आरक्षण को निष्प्रभावी बना दिया. बीजेपी भी अब कांग्रेस के रास्ते पर ही चल रही है. आरक्षण के हक को मारने का काम कर रही है. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार रही, लेकिन अति पिछड़ों को पूरा हक न देकर इनके साथ हमेशा छल करने का ही काम किया गया.

सपा ने sc-st की पदोन्नति में आरक्षण को खत्म कर दिया. इससे संबंधित बिल संसद में फाड़कर इसे पास ही नहीं होने दिया. इस पार्टी ने ओबीसी की 17 अति पिछड़ी जातियों को ओबीसी वर्ग की सूची से हटाकर एससी वर्ग में शामिल करने का गैर संवैधानिक कार्य किया. इन वर्गों के साथ लाखों परिवारों को ओबीसी आरक्षण से वंचित कर दिया. सपा सरकार को ऐसा करने का अधिकार भी नहीं था बावजूद इसके इन सभी जातियों को न ओबीसी में ही रहने दिया और न ही एससी में उन्हें शामिल किया. सपा सरकार को कोर्ट की फटकार लगी थी.

बहुजन समाज पार्टी सरकार ने एससी व एसटी के साथ-साथ अति पिछड़ों और पिछड़ों को भी आरक्षण का पूरा हक दिया. इतना ही नहीं समाज के महापुरुषों, संतों को भी आदर सम्मान देने में बीएसपी ने कोई भेदभाव नहीं किया.

पढ़ेंः नए साल 2023 के स्वागत के लिए जश्न शुरू, काशी में हुई विशेष गंगा आरती

Last Updated : Jan 1, 2023, 10:37 AM IST
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