ETV Bharat / state

यूपी से बिहार तक योगी का धमाका, विपक्षी हुए बेदम

यूपी-बिहार के चुनावों में बीजेपी की जीत के पीछे उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है. इन चुनावों में जीत के बाद सीएम योगी का एक बार फिर चेहरा चमका है.

सीएम योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ
author img

By

Published : Nov 10, 2020, 10:51 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश के उपचुनाव और बिहार विधानसभा के आम चुनाव परिणामों में पीएम मोदी के बाद यदि कोई एक चेहरा ठीक से चमका है, तो वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में मझे हुए राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर उपचुनाव जीतने के लिए पूरा ताना-बाना बुना. बिहार की भूमि पर जाकर NDA प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी सभाएं कीं.

विपक्ष की परवाह किए बगैर उपचुनाव में की रैलियां
सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लेकर बसपा सुप्रीमों मायावती तक, किसी ने उपचुनाव को छोटा मानकर सभाएं नहीं कीं. दूसरी तरफ सीएम योगी ने किसी की परवाह किए बगैर ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं कीं. सीएम योगी ने उस मल्हनी सीट पर भी सभा की, जिसे पहले से ही सपा के खाते में माना जा रहा था. योगी चाहते तो चुनावी सभाएं नहीं करते. इस चुनाव का असर उनकी सरकार पर पड़ने वाला नहीं था.

वर्चुअल मीटिंग कर भरा था जोश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सातों विधानसभा सीटों पर रैलियां करने से पहले विधानसभा वार वर्चुअल मीटिंग की थी. इन वर्चुअल बैठकों में उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल मौजूद रहे. सीएम योगी के साथ संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारी, सेक्टर प्रभारी, जिलाध्यक्ष, स्थानीय जनप्रतिनिधि समेत अन्य महत्वपूर्ण लोग जुड़े और योगी ने उनमें जोश भरा.

बिहार में दिखा योगी का स्टारडम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्टारडम बिहार विधान सभा चुनाव में भी देखने को मिला. उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की जिम्मेदारी पूरी तरीके से योगी आदित्यनाथ के कंधे पर थी. विपक्षी दल उपचुनाव को योगी सरकार के कामकाज के आकलन के तौर पर प्रचारित कर रहे थे. परिणाम बता रहे हैं कि योगी सरकार जनता के आकलन पर खरी उतरी.

बिहार में सीएम योगी ने कीं 19 रैलियां
वहीं बिहार विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सर्वाधिक डिमांड मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सभाओं की थी. यूपी में उपचुनाव होने के कारण योगी बिहार में ज्यादा समय नहीं दे पाए. फिर भी उन्होंने एनडीए के पक्ष में ताबड़तोड़ 19 रैलियां की. जिस जगह पर उन्होंने रैलियां की उनमें ज्यादातर सीटों पर एनडीए के प्रत्याशियों की जीत हुई है.

केंद्रीय नेतृत्व की पहली पसंद सीएम योगी
भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे चर्चित चेहरों में से एक हैं. कोरोना काल में जिस प्रकार से उन्होंने काम किया. अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाइयां कीं. इससे उन्होंने प्रदेश की जनता के बीच अपने प्रति भरोसे को कायम ही नहीं किया बल्कि और बढ़ाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सीएम योगी के कार्यों की जमकर सराहना कर चुके हैं. पीएम मोदी ने सीएम योगी के मुख्यमंत्री के रूप में किये गए कार्यों को नमन भी किया था.

लखनऊः उत्तर प्रदेश के उपचुनाव और बिहार विधानसभा के आम चुनाव परिणामों में पीएम मोदी के बाद यदि कोई एक चेहरा ठीक से चमका है, तो वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में मझे हुए राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर उपचुनाव जीतने के लिए पूरा ताना-बाना बुना. बिहार की भूमि पर जाकर NDA प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी सभाएं कीं.

विपक्ष की परवाह किए बगैर उपचुनाव में की रैलियां
सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लेकर बसपा सुप्रीमों मायावती तक, किसी ने उपचुनाव को छोटा मानकर सभाएं नहीं कीं. दूसरी तरफ सीएम योगी ने किसी की परवाह किए बगैर ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं कीं. सीएम योगी ने उस मल्हनी सीट पर भी सभा की, जिसे पहले से ही सपा के खाते में माना जा रहा था. योगी चाहते तो चुनावी सभाएं नहीं करते. इस चुनाव का असर उनकी सरकार पर पड़ने वाला नहीं था.

वर्चुअल मीटिंग कर भरा था जोश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सातों विधानसभा सीटों पर रैलियां करने से पहले विधानसभा वार वर्चुअल मीटिंग की थी. इन वर्चुअल बैठकों में उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल मौजूद रहे. सीएम योगी के साथ संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारी, सेक्टर प्रभारी, जिलाध्यक्ष, स्थानीय जनप्रतिनिधि समेत अन्य महत्वपूर्ण लोग जुड़े और योगी ने उनमें जोश भरा.

बिहार में दिखा योगी का स्टारडम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्टारडम बिहार विधान सभा चुनाव में भी देखने को मिला. उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की जिम्मेदारी पूरी तरीके से योगी आदित्यनाथ के कंधे पर थी. विपक्षी दल उपचुनाव को योगी सरकार के कामकाज के आकलन के तौर पर प्रचारित कर रहे थे. परिणाम बता रहे हैं कि योगी सरकार जनता के आकलन पर खरी उतरी.

बिहार में सीएम योगी ने कीं 19 रैलियां
वहीं बिहार विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सर्वाधिक डिमांड मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सभाओं की थी. यूपी में उपचुनाव होने के कारण योगी बिहार में ज्यादा समय नहीं दे पाए. फिर भी उन्होंने एनडीए के पक्ष में ताबड़तोड़ 19 रैलियां की. जिस जगह पर उन्होंने रैलियां की उनमें ज्यादातर सीटों पर एनडीए के प्रत्याशियों की जीत हुई है.

केंद्रीय नेतृत्व की पहली पसंद सीएम योगी
भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे चर्चित चेहरों में से एक हैं. कोरोना काल में जिस प्रकार से उन्होंने काम किया. अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाइयां कीं. इससे उन्होंने प्रदेश की जनता के बीच अपने प्रति भरोसे को कायम ही नहीं किया बल्कि और बढ़ाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सीएम योगी के कार्यों की जमकर सराहना कर चुके हैं. पीएम मोदी ने सीएम योगी के मुख्यमंत्री के रूप में किये गए कार्यों को नमन भी किया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.