लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लोक भवन में UP@$1Trillion economy प्रेजेंटेशन का अवलोकन किया. साथ ही विकास योजनाओं को लेकर अफसरों को दिशा निर्देश दिए. इस अवसर पर सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में यह लक्ष्य हासिल करने की पूरी क्षमता मौजूद है. उत्तर प्रदेश में दक्ष एवं कुशल जनशक्ति उपलब्ध है. हमारा राज्य प्राकृतिक संसाधनों से भी परिपूर्ण है. उन्होंने कहा कि पिछले 2 सालों से कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने में सफलता मिली है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित करना होगा. उन्होंने कहा कि निवेश ऐसा होना चाहिए ताकि व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित हों. उत्तर प्रदेश को अगले पांच साल में एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए एक टीम गठित कर समन्वित प्रयास करने होंगे. साथ ही, आगामी 5 वर्षों में 5 करोड़ रोजगार के अवसर भी सृजित करने होंगे ताकि उपलब्ध जनशक्ति का उपयोग इस लक्ष्य को हासिल करने में किया जा सके. इस कार्य के लिए सभी को टीम भावना के साथ अपने-अपने दायित्वों का निर्वाह करना होगा.
कृषि निभा सकती है महत्वपूर्ण भूमिका : सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए सेक्टर्स को चिह्नित करते हुए तदनुसार मैनपावर तैयार करनी होगी. इस लक्ष्य की प्राप्ति में कृषि महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. यह उत्तर प्रदेश की ताकत भी है. इसलिए कृषि को लोगों के आर्थिक स्वावलंबन का आधार बनाना होगा. फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पर फोकस करना होगा. परंपरागत खेती को तकनीक से जोड़ते हुए उत्पादकता बढ़ानी होगी. इसके लिए किसानों की कृषि संबंधी गतिविधियों को विज्ञान से जोड़ना होगा. उन्होंने कहा कि कृषि से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा बड़ी संख्या में एफपीओ का गठन किया गया है. कृषि उत्पादों की स्टोरेज के लिए पूरे प्रदेश में कोल्ड चेन स्थापित की जा रही है.
हर्बल प्रोडक्ट की बढ़ रही मांग : मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में हर्बल प्रोडक्ट्स की काफी मांग है. ऐसे में आयुष डॉक्टर कृषकों के साथ मिलकर जड़ी-बूटियों की खेती को वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ाते हुए इसे लाभप्रद बना सकते हैं. इनसे बने उत्पादों का उपयोग वे स्वयं द्वारा स्थापित वेलनेस सेंटरों में कर सकते हैं. इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित हो सकता है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लागू की गई प्रोक्योरमेण्ट पॉलिसी का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2017 से पहले राज्य में ऐसी कोई पॉलिसी नहीं थी परंतु राज्य सरकार द्वारा विगत पांच वर्षों में यह पॉलिसी लागू कर इस समस्या का समाधान किया जा चुका है. आज प्रदेश के दलहन, तिलहन, गन्ना, गेहूं, धान तथा आलू किसानों को एमएसपी का लाभ मिल रहा है. इस कारण आज उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी हुई है.
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टेक्सटाइल सेक्टर दे सकता है महत्वपूर्ण योगदान : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को अच्छी सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. विगत पांच वर्षों में 22 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित की गई. सरकार के प्रयासों से बुंदेलखंड क्षेत्र के लोगों की सिंचाई समस्याओं का समाधान तो हुआ ही है, साथ ही पेयजल की भी सुविधा उपलब्ध हो रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की इकोनॉमी को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में कृषि के साथ-साथ टेक्सटाइल सेक्टर महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है. इस सेक्टर में भी रोजगार की अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए असेम्बली और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस करते हुए प्रदेश को इनका हब बनाना होगा. इस कार्य में प्रदेश में मौजूद वॉटर वेज़, एयरवेज़, सड़कों और एक्सप्रेस-वेज़ का नेटवर्क बहुत मददगार साबित होगा.
प्रयागराज कुम्भ-2019 ने दिया बड़ा योगदान : सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में प्रयागराज कुम्भ-2019 ने बड़ा योगदान दिया है. प्रदेश में धार्मिक पर्यटन, ईको टूरिज्म, हेरिटेज टूरिज्म, वाइल्ड लाइफ टूरिज्म इत्यादि की असीमित सम्भावनाएं मौजूद हैं. इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित हो सकता है. बिहार तथा झारखण्ड राज्यों एवं पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से बड़ी संख्या पर लोग पर्यटन के अलावा खरीदारी और इलाज के सिलसिले में उत्तर प्रदेश आते हैं. इस तथ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए पर्यटक सुविधाएं सृजित करते हुए बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन किया जा सकता है.
कृषि, मैन्युफैक्चरिंग तथा सेवा क्षेत्र पर देना होगा विशेष ध्यान : मुख्यमंत्री के समक्ष यह प्रेजेंटेशन इण्डियन स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर तथा भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रामण्यम ने किया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियर डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए कृषि, मैन्युफैक्चरिंग तथा सेवा क्षेत्र पर विशेष ध्यान देना होगा. उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने में निजी क्षेत्र के योगदान को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ हासिल करने के लिए निवेश, निर्यात और उत्पादकता पर विशेष ध्यान देना होगा. उन्होंने उत्तर प्रदेश की विभिन्न नीतियों की समीक्षा करने और उन्हें इन्वेस्टर फ्रेण्डली बनाने का सुझाव दिया. मुख्यमंत्री ने UP@$1Trillion economy के सम्बन्ध में एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.
इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव वित्त एस राधा चौहान, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार तथा सूचना निदेशक शिशिर व कई मंत्री उपस्थित रहे.
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