लखनऊ: सरोजनी नगर तहसील क्षेत्र में अलीनगर सुनहरा स्थित मानव धर्म मंदिर में रविवार को मंदिर के अध्यक्ष ने 21 गरीब बच्चों को स्वेटर वितरित किए. मंदिर के संस्थापक स्वामी रामानंद और उपाध्यक्ष ओपी गुप्ता ने गरीब लड़कियों को नए कपड़े और 21 गरीब बच्चों को जाड़े से बचने के लिए नए स्वेटर वितरित किए. नए कपड़े पाकर बच्चों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी.
गरीबों की सेवा ही मेरा परम धर्म
वस्त्र वितरित करते हुए स्वामी रामानंद ने कहा कि गरीबों की सेवा ही मेरा परम धर्म है. मैं न सिर्फ जाड़े में बल्कि 12 महीनों में कोई भी ऐसा दिन नहीं जाता होगा, जब मैं जरूरतमंदों के लिए कोई न कोई कार्य न करता हूं. हमेशा वस्त्र, भोजन, मास्क, साबुन, सैनिटाइजर आदि कुछ न कुछ वितरित करता रहता हूं. उन्होंने कहा कि जिस भी भाई-बहन के पास या जरूरतमंद व्यक्ति के पास कपड़े न हो वह किसी भी समय हमारे मंदिर से अथवा वस्त्र बैंक से अपनी जरूरत के कपड़े प्राप्त कर सकते हैं.
सभी का करें सम्मान
मंदिर स्थापना का उद्देश्य बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य माता-पिता और गुरु के खोए हुए सम्मान को फिर से वापस दिलाना है. हमारी भारतीय संस्कृति में इन तीनों को भगवान का दर्जा दिया गया है. जो आज पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव के कारण समाप्त हो चुका है, इसलिए इस मानव धर्म मंदिर और मानव धर्म समिति के मानवता रूपी प्रचार के माध्यम से माता-पिता और गुरु को भगवान का दर्जा दिलाने के लिए संघर्षरत हूं. आशा करता हूं कि दुनिया का हर प्राणी आस्था के भगवान के साथ-साथ वास्तविक भगवान माता-पिता और गुरु को भी सम्मान देगा, उनकी सेवा करेगा और उनकी पूजा करेगा.
लोगों को किया गया सम्मानित
इस अवसर पर उन्होंने कई लोगों को समाज सेवा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने के लिए सम्मानित किया. मंदिर की कोषाध्यक्ष अधिवक्ता मंजू सैनी ने सभी लोगों को सम्मानित करते हुए कहा कि यह सब लोग सतत समाज सेवा में लगे रहे और मानवता के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान देते रहे. मैं ऐसे सब लोगों से अपेक्षा करती हूं. वहीं, उपाध्यक्ष ओपी गुप्ता ने मानवता के प्रचार-प्रसार में योगदान देने के लिए लोगों से अपील की कि वह अपने से बड़ों का सम्मान करें. अपने अगल-बगल में कोई दुखी हो, परेशान हो तो उसकी मदद करें. गरीबों की सेवा करें और जरूरतमंद लोगों को यथासंभव मदद पहुंचाएं.
मदद करने की घोषणा
डॉ अरुण कुमार भरारी ने माता-पिता के महत्व का वर्णन करते हुए लोगों को उनकी सेवा के लिए प्रेरित किया. सतीश बरनवाल ने भी मानवता के प्रचार-प्रसार में योगदान देने का वादा किया. वहीं, वरिष्ठ शिक्षक नरेंद्र यादव ने मानव धर्म मंदिर में मानव धर्म द्वारा चलाए गए कार्यों में तन, मन, धन से मदद करने की घोषणा की. उन्होंने कई एक किस्से सुनाए जो मानवता के लिए प्रेरणा स्रोत बने. गरीबों की मदद करने के लिए सभी वक्ताओं ने मानव धर्म मंदिर में मदद करने की घोषणा करते हुए स्वामी रामानंद के विचारों को आत्मसात करते हुए मानवीय आधार पर कार्य करने का संकल्प लिया.