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लखनऊ: केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी का होगा क्लीनिकल ट्रायल, ICMR करेगी निगरानी

केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी मिल गई है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की निगरानी में ट्रायल किया जाएगा.

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केजीएमयू
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Published : Apr 29, 2020, 8:18 AM IST

लखनऊ: केजीएमयू प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना संक्रमित मरीज को इलाज देने वाला उत्तर प्रदेश का पहला चिकित्सा संस्थान बन गया है. यहां पर कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से इलाज दिया जा रहा है. अब इसी कड़ी में केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी पर क्लीनिकल ट्रायल भी किया जाएगा.

लखनऊ केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी से इलाज शुरू हो गया है, जिसके बाद अब केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी पर क्लीनिकल ट्रायल भी किया जाएगा. इसके लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने मंजूरी दे दी है.

केजीएमयू ने किया था आवेदन
ऐसे में आईसीएमआर ने अपनी निगरानी में क्लीनिकल ट्रायल कराने का फैसला किया है. इसके लिए देश भर के चिकित्सा संस्थानों से प्रस्ताव मांगा गया था. केजीएमयू ने भी आवेदन किया, जिसे मंजूरी दे दी गई है. ट्रायल के लिए आईसीएमआर की ओर से तय की गई गाइडलाइन्स भी भेजी जा चुकी है, जिसके आधार पर एथिकल कमेटी अपनी संस्तुति देगी.

डॉक्टर ने दी जानकारी
केजीएमयू की ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा ने बताया कि मरीजों में प्लाज्मा थेरेपी कारगर होने के पर्याप्त सबूत मिले हैं. इस आधार पर गंभीर मरीजों में यह शुरू कर दिया गया है, लेकिन अभी इन्हें क्लीनिकल ट्रायल में शामिल नहीं किया गया है. जब क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया जाएगा तो उसके बारे में संबंधित मरीज को जानकारी दी जाएगी.

लखनऊ: केजीएमयू प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना संक्रमित मरीज को इलाज देने वाला उत्तर प्रदेश का पहला चिकित्सा संस्थान बन गया है. यहां पर कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से इलाज दिया जा रहा है. अब इसी कड़ी में केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी पर क्लीनिकल ट्रायल भी किया जाएगा.

लखनऊ केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी से इलाज शुरू हो गया है, जिसके बाद अब केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी पर क्लीनिकल ट्रायल भी किया जाएगा. इसके लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने मंजूरी दे दी है.

केजीएमयू ने किया था आवेदन
ऐसे में आईसीएमआर ने अपनी निगरानी में क्लीनिकल ट्रायल कराने का फैसला किया है. इसके लिए देश भर के चिकित्सा संस्थानों से प्रस्ताव मांगा गया था. केजीएमयू ने भी आवेदन किया, जिसे मंजूरी दे दी गई है. ट्रायल के लिए आईसीएमआर की ओर से तय की गई गाइडलाइन्स भी भेजी जा चुकी है, जिसके आधार पर एथिकल कमेटी अपनी संस्तुति देगी.

डॉक्टर ने दी जानकारी
केजीएमयू की ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा ने बताया कि मरीजों में प्लाज्मा थेरेपी कारगर होने के पर्याप्त सबूत मिले हैं. इस आधार पर गंभीर मरीजों में यह शुरू कर दिया गया है, लेकिन अभी इन्हें क्लीनिकल ट्रायल में शामिल नहीं किया गया है. जब क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया जाएगा तो उसके बारे में संबंधित मरीज को जानकारी दी जाएगी.

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