लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ बहाली को लेकर विद्यार्थियों ने सोमवार को छात्रसंघ भवन पर बुद्धि-शुद्धि हवन पूजन का आयोजन रखा था. जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर में धारा 144 लागू होने व परीक्षा का आधार बनाकर विद्यार्थियों को रोक दिया. इस दौरान धरने पर बैठे विद्यार्थियों व प्रॉक्टोरियल बोर्ड के बीच में जमकर नोकझोंक हुई.
ज्ञात हो कि छात्र संघ बहाली अभियान के 121वें दिन लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र संघ बहाली मोर्चा की ओर से हवन पूजन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. सुबह जैसे ही हवन पूजन की सामग्री लेकर विद्यार्थी विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे, प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने पुलिस की मदद से सारा सामान छीन लिया और उन्हें आयोजन करने से रोक दिया. विद्यार्थी विश्वविद्यालय के गेट नंबर एक पर स्थित सरस्वती प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए. धरने पर बैठे विद्यार्थियों व प्रॉक्टोरियल बोर्ड के बीच में जमकर नोकझोंक हुई. प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों का आरोप है कि जबरदस्ती उन्हें रोकने के अलावा उनके पूजन सामग्री को जब्त कर लिया गया.
हवन पूजन का आयोजन कर रहे विद्यार्थियों का कहना था कि 'वह शांतिपूर्ण तरीके से शासन भवन के बाहर हवन पूजन करना चाहते थे.' छात्र नेताओं का कहना है कि 'बीते दिनों से वह छात्र संघ बहाली को लेकर हस्ताक्षर अभियान, जागरूकता अभियान तक विश्वविद्यालय सहित विभिन्न डिग्री कॉलेजों में चला रहे हैं. विद्यालय प्रशासन न तो इस पर विचार कर रहा है और न ही शासन की ओर से ही कोई रुचि दिखाई जा रही है. इसे लेकर छात्र नेताओं में काफी नाराजगी है. विद्यार्थी विश्वविद्यालय प्रशासन से अपनी मांगों पर विचार करने के लिए हवन पूजन का आयोजन कर रहे थे.' छात्रों का कहना है कि 'विश्वविद्यालय प्रशासन को जैसे ही कार्यक्रम की जानकारी हुई. उन्होंने पहले तो छात्र संघ भवन पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी, फिर उसके बाद जैसे ही छात्र वहां पर पूजन की सामग्री लेकर पहुंचे तो उनसे सामग्री छीन कर उन्हें वहां से भगा दिया. छात्र नेताओं का कहना था कि 'छात्र संघ न होने के कारण विश्वविद्यालयों में कुलपतियों का मनमाना रवैया सामने आ रहा है.' कुलपति जब चाहे फीस बढ़ा देते हैं और जब इसका विरोध किया जाता है तो वह उस पर निर्णय लेने के बजाय उसे टालते रहते हैं, वहीं मौके पर मौजूद चीफ प्रॉक्टर प्रो. राकेश द्विवेदी व छात्र नेताओं के बीच कार्यक्रम करने को लेकर तीखी बहस हुई. मामला इस हद तक पहुंच गया कि प्रॉक्टर को पुलिस प्रशासन को आगे करना पड़ा. काफी देर चले हंगामे के बाद पुलिस प्रशासन ने विद्यार्थियों को काफी समझाया. इसके बाद छात्र नेताओं ने कार्यक्रम की मंजूरी दिलाने की मांग की, जिस पर पुलिस प्रशासन ने प्रॉक्टोरियल टीम से कार्यक्रम की मंजूरी दिलाने की सहमति प्रदान करा दी.
प्रदर्शन कर रहे छात्र नेता आर्यन मिश्रा ने बताया कि 'विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षाओं के बाद हवन पूजन कार्यक्रम करने की अनुमति प्रदान कर दी है. इसके अलावा पूजन सामग्री जो पुलिस द्वारा जब्त की गई थी वह भी वापस दिला दी गई है. छात्र संघ बहाली पर कोई रोक नहीं लगी है, फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन जानबूझकर छात्र संघ चुनाव नहीं करा रहा है, जबकि हाईकोर्ट में चल रहा मामला भी अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है और कोर्ट ने विश्वविद्यालय को छात्र संघ चुनाव कराने की अनुमति दे रखी. इसके बाद कुलपति जानबूझकर चुनाव नहीं कराना चाह रहे हैं. इस प्रदर्शन में विंध्यवासिनी शुक्ला, विपुल यादव, सिद्धार्थ मिश्र, प्रिंस कुमार, आकाश अवस्थी, उत्तम मिश्रा, उत्कर्ष, नितिन, शिवाजी व रुपिंदर सहित भारी संख्या में छात्र शामिल हुए.
यह भी पढ़ें : Minister Kapil Dev Aggarwal ने कहा, एक करोड़ नए रोजगार मुहैया कराने के वायदे को पूरा करेगी सरकार