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लखनऊ : लोहिया में सिटी स्कैन मशीन खराब, मरीजों की बढ़ी मुश्किलें - city scan machine

राजधानी लखनऊ के लोहिया अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन बीते एक हफ्ते से खराब होने से मरीजों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके चलते मरीज महंगे दामों पर निजी केंद्रों से जांच कराने को मजबूर हैं.

लोहिया में सिटी स्कैन मशीन खराब जांच ठप
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Published : Apr 25, 2019, 7:34 AM IST

लखनऊ : लोहिया अस्पताल में बीते एक हफ्ते से सीटी स्कैन मशीन खराब होने से मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. यहां ओपीडी में प्रतिदिन करीब 3 से 4000 मरीज आते हैं, लेकिन मशीन खराब होने की वजह से मरीज महंगे दामों पर निजी केंद्रों से जांच कराने को मजबूर हैं.

लोहिया में सिटी स्कैन मशीन खराब जांच ठप

लोहिया में सिटी स्कैन मशीन खराब जांच ठप

  • लोहिया अस्पताल में बीते एक हफ्ते से सीटी स्कैन मशीन खराब होने से मरीजों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
  • सुविधा संपन्न लोग तो निजी केंद्रों से जांच करा ले रहे हैं.
  • लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर मरीज मशीन ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं.
  • लेकिन जांच ना होने से उनका इलाज तक नहीं हो पा रहा है.
  • लोहिया अस्पताल में पीपीपी मॉडल पर लगी इस मशीन का संचालन एचएएल लाइफ केयर कर रही है.
  • यहां ओपीडी में प्रतिदिन करीब 3 से 4000 मरीज आते हैं.
  • इनमें न्यूरो हड्डी और पेट में छाती के करीब 35 से 40 मरीजों को सीटी स्कैन की जरूरत पड़ती है.
  • बेहतर स्वास्थ सुविधा देने के मकसद से पिछले साल जुलाई में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इसका उद्घाटन किया था.
  • 16 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन के लगने के बाद मरीजों का मुफ्त में सिटी स्कैन हो रहा था.
  • अब मशीन खराब होने का सबसे ज्यादा फायदा अस्पताल के आसपास चल रहे डायग्नोसिस सेंटर को हो रहा है.
  • वह अस्पताल के गेट से ही मरीजों को पकड़ कर अपने सेंटर ले जा रहे हैं.

लखनऊ : लोहिया अस्पताल में बीते एक हफ्ते से सीटी स्कैन मशीन खराब होने से मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. यहां ओपीडी में प्रतिदिन करीब 3 से 4000 मरीज आते हैं, लेकिन मशीन खराब होने की वजह से मरीज महंगे दामों पर निजी केंद्रों से जांच कराने को मजबूर हैं.

लोहिया में सिटी स्कैन मशीन खराब जांच ठप

लोहिया में सिटी स्कैन मशीन खराब जांच ठप

  • लोहिया अस्पताल में बीते एक हफ्ते से सीटी स्कैन मशीन खराब होने से मरीजों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
  • सुविधा संपन्न लोग तो निजी केंद्रों से जांच करा ले रहे हैं.
  • लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर मरीज मशीन ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं.
  • लेकिन जांच ना होने से उनका इलाज तक नहीं हो पा रहा है.
  • लोहिया अस्पताल में पीपीपी मॉडल पर लगी इस मशीन का संचालन एचएएल लाइफ केयर कर रही है.
  • यहां ओपीडी में प्रतिदिन करीब 3 से 4000 मरीज आते हैं.
  • इनमें न्यूरो हड्डी और पेट में छाती के करीब 35 से 40 मरीजों को सीटी स्कैन की जरूरत पड़ती है.
  • बेहतर स्वास्थ सुविधा देने के मकसद से पिछले साल जुलाई में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इसका उद्घाटन किया था.
  • 16 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन के लगने के बाद मरीजों का मुफ्त में सिटी स्कैन हो रहा था.
  • अब मशीन खराब होने का सबसे ज्यादा फायदा अस्पताल के आसपास चल रहे डायग्नोसिस सेंटर को हो रहा है.
  • वह अस्पताल के गेट से ही मरीजों को पकड़ कर अपने सेंटर ले जा रहे हैं.
Intro:एंकर- लोहिया अस्पताल में बीते 1 सप्ताह से सीटी स्कैन मशीन खराब होने से मरीज की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सुविधा संपन्न लोग तो निजी केंद्रों से जांच करा ले रहे हैं। लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर मरीज मशीन ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं। वह दर्द सह रहे हैं। लेकिन जांच ना होने से उनका इलाज तक नहीं हो पा रहा है।


Body:वी ओ- लोहिया अस्पताल में बीते 1 सप्ताह से सीटी स्कैन मशीन खराब होने से मरीज की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सुविधा संपन्न लोग तो निजी केंद्रों से जांच करा ले रहे हैं। लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर मरीज मशीन ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं। वह दर्द सह रहे हैं। लेकिन जांच ना होने से उनका इलाज तक नहीं हो पा रहा है।

लोहिया अस्पताल में पीपीपी मॉडल पर लगी इसी मशीन का संचालन एचएएल लाइफ केयर कर रही है। यहां ओपीडी में प्रतिदिन करीब 3 से 4000 मरीज आते हैं। इनमें न्यूरो हड्डी और पेट में छाती के करीब 35 से 40 मरीजों को सीटी स्कैन की जरूरत पड़ती है। बेहतर स्वास्थ सुविधा देने के मकसद से पिछले साल जुलाई में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इसका उद्घाटन किया था। 16 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन के लगने के बाद मरीजों का मुफ्त में सिटी स्कैन हो रहा था। अब मशीन खराब होने का सबसे ज्यादा फायदा अस्पताल के आसपास चल रहे डायग्नोसिस सेंटर को हो रहा है। वह अस्पताल के गेट से ही मरीजों को पकड़ कर अपने सेंटर ले जा रहे हैं।

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Conclusion:इंड पीटीसी शुभम पांडे
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