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दिलप्रीत सिंह व अजय श्रीवास्तव कांग्रेस से निष्कासित, प्रांतीय अध्यक्ष ने बताई यह वजह - भाजपा ज्वाइन

लखनऊ में कांग्रेस के नगर अध्यक्ष दिलप्रीत सिंह ने गुरुवार को भाजपा ज्वाइन कर ली. जिसके बाद कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिलप्रीत सिंह 'डीपी' व अजय श्रीवास्तव 'अज्जू' को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.

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Published : Apr 27, 2023, 2:57 PM IST

Updated : Apr 27, 2023, 3:59 PM IST

दिलप्रीत सिंह व अजय श्रीवास्तव कांग्रेस से निष्कासित, प्रांतीय अध्यक्ष ने बताई यह वजह.

लखनऊ : कांग्रेस ने लखनऊ के दोनों नगर अध्यक्ष दिलप्रीत सिंह 'डीपी' व अजय श्रीवास्तव 'अज्जू' को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इनमें दिलप्रीत सिंह डीपी ने गुरुवार की सुबह ही भाजपा ज्वाइन कर लिया, वहीं अजय श्रीवास्तव के शाम तक भाजपा ज्वाइन करने की संभावना व्यक्त की जा रही है. कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में प्रांतीय अध्यक्ष नकुल दुबे ने दोनों ही नगर अध्यक्षों को पार्टी से निष्कासित किए जाने की घोषणा की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 'बीते करीब 6 महीने से दोनों नगर अध्यक्षों की कार्यप्रणाली संदिग्ध होने के साथ ही अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही थी. वह लगातार पार्टी के कार्यक्रमों व आंदोलनों से दूरी बनाए हुए थे, वहीं पार्टी के नेताओं का कहना है कि दोनों ही नगर अध्यक्षों के बीते कुछ दिनों से भाजपा व आरएसएस से नजदीकी होने की चर्चाएं भी सामने आई थीं. जिसका पार्टी की अनुशासन समिति जांच भी कर रही थी.'

दिलप्रीत सिंह व अजय श्रीवास्तव कांग्रेस से निष्कासित, प्रांतीय अध्यक्ष ने बताई यह वजह.
दिलप्रीत सिंह व अजय श्रीवास्तव कांग्रेस से निष्कासित, प्रांतीय अध्यक्ष ने बताई यह वजह.
दिलप्रीत सिंह व अजय श्रीवास्तव कांग्रेस से निष्कासित, प्रांतीय अध्यक्ष ने बताई यह वजह.
दिलप्रीत सिंह व अजय श्रीवास्तव कांग्रेस से निष्कासित, प्रांतीय अध्यक्ष ने बताई यह वजह.

पत्रकार वार्ता के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष नकुल दुबे ने कहा कि 'दोनों नगर अध्यक्ष लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे. बीते दिनों पार्षद पदों के टिकट बंटवारे को लेकर भी इन दोनों लोगों ने काफी गड़बड़ियां कीं. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी की ओर से जो प्रत्याशी घोषित किए जाने थे, उनके स्थान पर किसी और का टिकट देकर गलत सूची मीडिया में जारी कर दी, जिससे कांग्रेस पार्टी की छवि खराब हुई, बाद में पार्टी ने उस लिस्ट को फर्जी बताकर वापस कर लिया था. नकुल दुबे ने आरोप लगाया कि प्रत्याशियों के नाम तय करने के समय इन दोनों नगर अध्यक्षों की ओर से जो नाम बताये गए थे, उन नाम के स्थान पर बाद में दूसरे लोगों के नाम भेज दिए थे. यहां तक कि इन लोगों ने महिला आरक्षित सीटों पर भी पुरुष प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए. जिसके कारण टिकट वितरण करने में काफी विलंब हुआ.'



कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष नकुल दूबे ने नगर अध्यक्ष दिलप्रीत सिंह 'डीपी' पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 'वह बीते कुछ समय से पार्टी से दूरी बनाए हुए थे. उन्हें कांग्रेस पार्टी ने बड़े पद दिए इसके बाद भी उन्होंने पार्टी के लिए कभी कुछ नहीं किया. जब वह लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र में थे, वहां भी उन्होंने पार्टी के लिए कोई काम नहीं किया. जब पार्टी ने उन्हें कैंट विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी बनाया, वहां से भी उन्होंने कोई काम नहीं किया. उनके पास ऐसा कोई काम या जनाधार नहीं था, जिससे वह जनता के बीच में पार्टी को आगे ले जाते. आज मौका देखकर वह भाजपा में चले गए हैं. हर चुनाव में भाजपा का चाल और चरित्र सामने आता है, मीडिया के माध्यम से खबर आई कि हमारे नगर अध्यक्ष ने उनके साथ खड़े होने में भलाई समझी. भाजपा के पास हमेशा से ईडी, सीबीआई और बुलडोजर जैसे ही हथकंडे हैं. वह दोनों लोग अदानी व देश के दूसरे मुद्दों पर बात करने से लगातार बच रहे थे. उन पर अनुशासनहीनता के आधार पर कार्रवाई चल रही थी. इस बात का उन्हें पहले से ही आभास था. उनके जाने से मेयर प्रत्याशी के 10 हजार वोट बढ़ गए. मेयर के चारों प्रत्याशियों में कांग्रेस का मेयर सबसे बेहतर है.

यह भी पढ़ें : उप मुख्यमंत्री ने कई नेताओं को भाजपा में दिलाई सदस्यता, अखिलेश यादव को लेकर कही ये बात

दिलप्रीत सिंह व अजय श्रीवास्तव कांग्रेस से निष्कासित, प्रांतीय अध्यक्ष ने बताई यह वजह.

लखनऊ : कांग्रेस ने लखनऊ के दोनों नगर अध्यक्ष दिलप्रीत सिंह 'डीपी' व अजय श्रीवास्तव 'अज्जू' को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इनमें दिलप्रीत सिंह डीपी ने गुरुवार की सुबह ही भाजपा ज्वाइन कर लिया, वहीं अजय श्रीवास्तव के शाम तक भाजपा ज्वाइन करने की संभावना व्यक्त की जा रही है. कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में प्रांतीय अध्यक्ष नकुल दुबे ने दोनों ही नगर अध्यक्षों को पार्टी से निष्कासित किए जाने की घोषणा की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 'बीते करीब 6 महीने से दोनों नगर अध्यक्षों की कार्यप्रणाली संदिग्ध होने के साथ ही अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही थी. वह लगातार पार्टी के कार्यक्रमों व आंदोलनों से दूरी बनाए हुए थे, वहीं पार्टी के नेताओं का कहना है कि दोनों ही नगर अध्यक्षों के बीते कुछ दिनों से भाजपा व आरएसएस से नजदीकी होने की चर्चाएं भी सामने आई थीं. जिसका पार्टी की अनुशासन समिति जांच भी कर रही थी.'

दिलप्रीत सिंह व अजय श्रीवास्तव कांग्रेस से निष्कासित, प्रांतीय अध्यक्ष ने बताई यह वजह.
दिलप्रीत सिंह व अजय श्रीवास्तव कांग्रेस से निष्कासित, प्रांतीय अध्यक्ष ने बताई यह वजह.
दिलप्रीत सिंह व अजय श्रीवास्तव कांग्रेस से निष्कासित, प्रांतीय अध्यक्ष ने बताई यह वजह.
दिलप्रीत सिंह व अजय श्रीवास्तव कांग्रेस से निष्कासित, प्रांतीय अध्यक्ष ने बताई यह वजह.

पत्रकार वार्ता के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष नकुल दुबे ने कहा कि 'दोनों नगर अध्यक्ष लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे. बीते दिनों पार्षद पदों के टिकट बंटवारे को लेकर भी इन दोनों लोगों ने काफी गड़बड़ियां कीं. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी की ओर से जो प्रत्याशी घोषित किए जाने थे, उनके स्थान पर किसी और का टिकट देकर गलत सूची मीडिया में जारी कर दी, जिससे कांग्रेस पार्टी की छवि खराब हुई, बाद में पार्टी ने उस लिस्ट को फर्जी बताकर वापस कर लिया था. नकुल दुबे ने आरोप लगाया कि प्रत्याशियों के नाम तय करने के समय इन दोनों नगर अध्यक्षों की ओर से जो नाम बताये गए थे, उन नाम के स्थान पर बाद में दूसरे लोगों के नाम भेज दिए थे. यहां तक कि इन लोगों ने महिला आरक्षित सीटों पर भी पुरुष प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए. जिसके कारण टिकट वितरण करने में काफी विलंब हुआ.'



कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष नकुल दूबे ने नगर अध्यक्ष दिलप्रीत सिंह 'डीपी' पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 'वह बीते कुछ समय से पार्टी से दूरी बनाए हुए थे. उन्हें कांग्रेस पार्टी ने बड़े पद दिए इसके बाद भी उन्होंने पार्टी के लिए कभी कुछ नहीं किया. जब वह लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र में थे, वहां भी उन्होंने पार्टी के लिए कोई काम नहीं किया. जब पार्टी ने उन्हें कैंट विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी बनाया, वहां से भी उन्होंने कोई काम नहीं किया. उनके पास ऐसा कोई काम या जनाधार नहीं था, जिससे वह जनता के बीच में पार्टी को आगे ले जाते. आज मौका देखकर वह भाजपा में चले गए हैं. हर चुनाव में भाजपा का चाल और चरित्र सामने आता है, मीडिया के माध्यम से खबर आई कि हमारे नगर अध्यक्ष ने उनके साथ खड़े होने में भलाई समझी. भाजपा के पास हमेशा से ईडी, सीबीआई और बुलडोजर जैसे ही हथकंडे हैं. वह दोनों लोग अदानी व देश के दूसरे मुद्दों पर बात करने से लगातार बच रहे थे. उन पर अनुशासनहीनता के आधार पर कार्रवाई चल रही थी. इस बात का उन्हें पहले से ही आभास था. उनके जाने से मेयर प्रत्याशी के 10 हजार वोट बढ़ गए. मेयर के चारों प्रत्याशियों में कांग्रेस का मेयर सबसे बेहतर है.

यह भी पढ़ें : उप मुख्यमंत्री ने कई नेताओं को भाजपा में दिलाई सदस्यता, अखिलेश यादव को लेकर कही ये बात

Last Updated : Apr 27, 2023, 3:59 PM IST
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