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आखिर क्यों बच्चे रच रहे अपने ही अपहरण की कहानी! - अपहरण की कहानी

आजकल स्कूल में पड़ने वाली डांट से बचने के लिए बच्चे अलग ही कहानी बनाने में लगे हैं. होमवर्क न पूरा होने की मार के डर से स्कूल से भागकर बच्चे अपने ही अपहरण की कहानी रच रहे हैं.

स्कूल या घर वालो द्वारा पढाई के प्रेशर को न करने की सलाह दी.
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Published : Jul 11, 2019, 9:22 PM IST

लखनऊ: स्कूलों में तनाव और डर का माहौल बढ़ा है. ऐसे में बच्चे भी इससे बचने के लिए खुद के अपहरण जैसी साजिशें रचने लगे हैं. कभी होमवर्क पूरा न होने, स्कूल में देर से पहुंचने या फिर किसी से लड़ाई हो जाने जैसी किसी भी बात पर मार के डर से बच्चे झूठ बोलने या बहाने बनाने लगे हैं. यहां तक कि स्कूल से भाग कर अपने अपहरण और अपने साथ किसी भी हादसे की मनगढ़ंत कहानी बनाने लगे हैं.

मौजूदा समय में राह से भटक रहे बच्चे.
  • स्कूल में शिक्षक की डांट-फटकार से बचने के लिए बच्चों ने अलग ही तरकीब निकाली हैं.
  • होमवर्क न पूरा होने, कुछ न याद कर पाने पर सब के सामने डांट पड़ने से बचने के डर से बच्चे मनगढ़ंत कहानी बनाने लगे हैं.
  • बच्चे अपने ही अपहरण की कहानी रचने में लगे हैं.
  • अपहरण के साथ ही किसी भी हादसे की मनगढ़ंत कहानी बनाने लगे हैं.
  • इससे बच्चे न केवल अपने परिवार को बल्कि स्कूल प्रशासन और पुलिस को भी छकाने में लगे हैं.

सूबे में इस तरह की घटनाएं बहुत तेज़ी से बढ़ रही हैं,और आने वाले समय के लिय ये एक बहुत बड़ी परेशानी का मुद्दा बन सकती हैं. कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो बच्चों ने स्कूल की डांट के डर से अपने अपहरण की झूठी कहानी रच कर पुलिस और स्कूल प्रशासन को खूब परेशान किया था. जिसके बाद से ही राजधानी सहित कई क्षेत्रों के अभिभावक अपने बच्चों को लेकर बहुत घबराये थे.

समाज में तेज़ी से बढ़ता कॉम्पिटिशन और परिवार वालों की अन्य बच्चों से अपने बच्चे की तुलना करने की वजह से छात्रों पर मानसिक तनाव लगातार बढ़ रहा है.
-आदर्श त्रिपाठी, एक्सपर्ट


लखनऊ: स्कूलों में तनाव और डर का माहौल बढ़ा है. ऐसे में बच्चे भी इससे बचने के लिए खुद के अपहरण जैसी साजिशें रचने लगे हैं. कभी होमवर्क पूरा न होने, स्कूल में देर से पहुंचने या फिर किसी से लड़ाई हो जाने जैसी किसी भी बात पर मार के डर से बच्चे झूठ बोलने या बहाने बनाने लगे हैं. यहां तक कि स्कूल से भाग कर अपने अपहरण और अपने साथ किसी भी हादसे की मनगढ़ंत कहानी बनाने लगे हैं.

मौजूदा समय में राह से भटक रहे बच्चे.
  • स्कूल में शिक्षक की डांट-फटकार से बचने के लिए बच्चों ने अलग ही तरकीब निकाली हैं.
  • होमवर्क न पूरा होने, कुछ न याद कर पाने पर सब के सामने डांट पड़ने से बचने के डर से बच्चे मनगढ़ंत कहानी बनाने लगे हैं.
  • बच्चे अपने ही अपहरण की कहानी रचने में लगे हैं.
  • अपहरण के साथ ही किसी भी हादसे की मनगढ़ंत कहानी बनाने लगे हैं.
  • इससे बच्चे न केवल अपने परिवार को बल्कि स्कूल प्रशासन और पुलिस को भी छकाने में लगे हैं.

सूबे में इस तरह की घटनाएं बहुत तेज़ी से बढ़ रही हैं,और आने वाले समय के लिय ये एक बहुत बड़ी परेशानी का मुद्दा बन सकती हैं. कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो बच्चों ने स्कूल की डांट के डर से अपने अपहरण की झूठी कहानी रच कर पुलिस और स्कूल प्रशासन को खूब परेशान किया था. जिसके बाद से ही राजधानी सहित कई क्षेत्रों के अभिभावक अपने बच्चों को लेकर बहुत घबराये थे.

समाज में तेज़ी से बढ़ता कॉम्पिटिशन और परिवार वालों की अन्य बच्चों से अपने बच्चे की तुलना करने की वजह से छात्रों पर मानसिक तनाव लगातार बढ़ रहा है.
-आदर्श त्रिपाठी, एक्सपर्ट


Intro:स्कूल में पढ़ने वाले छात्र कभी स्कूल में पड़ने वाली डांट तो कभी होमवर्क न पूरा होने के चलते मार के डर से स्कूल से भाग कर अपने अपहरण और अपने साथ हुए किसी हादसे की मनगढ़ंत कहानी बयान कर न केवल अपने परिजनों को बल्कि स्कूल प्रशासन और पुलिस को भी खूब छका रहे है ऐसे में अविभावकों के साथ सभी लोग इन बातों से परेशान हो रहे। वहीं राजधानी लखनऊ सहित सूबे में इस तरह की घटनाएं तेज़ी से बढ़ रही है जो आने वाले समय के लिये चिंता का विषय माना जा रहा है।


Body:जाने इन मामलों पर एक्सपर्ट का क्या है कहना

केजीएमयू के मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ का मानना है कि समाज मे तेज़ी से बढ़ता कॉम्पिटिशन और परिवार वालों की अन्य बच्चों से अपने बच्चे की तुलना करने की वजह से छात्रों पर मेंटल प्रेशर लगातार बढ़ रहा है जिसकों बच्चें पूरा न करने के चलते उनसे भागने के अलग अलग बहाने ढूढं रहे है वहीं टीवी और अन्य माध्यमों से किडनैपिंग या अन्य अपराध के बल पर वो इस डांट से बचने की कोशिश करते है जो कि बच्चों की ज़िंदगी पर असर डाल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूल प्रशासन को भी बच्चों पर सख्ती करने से परहेज़ करना चाहिए और सभी बच्चों से एक जैसी उम्मीद नही लगाना चाहिए जिससे स्कूल से भागने की घटनाओं पर लगाम लग सके।

बाइट1- आदर्श त्रिपाठी, एक्सपर्ट


Conclusion:वैसे तो इस प्रकार की घटनाएं देश में आम होती जा रही है। कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो बच्चों ने स्कूल की डांट के डर से अपने अपहरण की झूठी कहानी रच कर पुलिस और स्कूल प्रशासन को खूब हलकान किया था जिसके बाद से ही राजधानी सहित कई छेत्रों के अभिभावक अपने बच्चों को लेकर चिंतित नज़र आ रहे तो मनोवैज्ञानिक और इन मामलों के जानकार भी बच्चो पर बेवजह का स्कूल या घर वालो द्वारा पढाई के प्रेशर को न बनने की सलाह दे रहे है।
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