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अंग्रेजी प्राइमरी व जूनियर विद्यालयों में नहीं पहुंची किताबें, जानिए क्या है हाल?

राजधानी में कई प्राथमिक स्कूलों में इस साल बच्चों को किताबें न मिल पाने से दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Aug 12, 2023, 2:38 PM IST

लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद में इस साल की किताबें समय से बच्चों को नहीं मिल पाई हैं, जबकि विभाग का दावा है कि सभी विद्यालयों को समय से ही किताबें मुहैया करा दी गई हैं. बावजूद इसके हालात कुछ और ही बयां कर रही है. केवल राजधानी लखनऊ प्राथमिक विद्यालयों की बात करें तो यहां के प्राथमिक विद्यालय धनुवासांड मोहनलालगंज में कक्षा 1 की हिन्दी और गणित की कार्यपुस्तिका, कक्षा दो की गणित पाठ्यपुस्तक, हिन्दी और गणित की कार्यपुस्तिका, कक्षा तीन की अंग्रेजी, पर्यावरण की पाठ्यपुस्तक और गणित व पर्यावरण की कार्यपुस्तिका तथा कक्षा चार में अंग्रेजी की पाठ्यपुस्तक और पर्यावरण की कार्यपुस्तिका अभी तक पहुंची नहीं हैं, वहीं प्राथमिक विद्यालय गरडियनपुरवा चिनहट में कक्षा एक में हिन्दी और गणित की कार्यपुस्तिका, कक्षा दो की गणित पाठ्यपुस्तक, हिन्दी और गणित की कार्यपुस्तिका, कक्षा तीन की अंग्रेजी, पर्यावरण की पाठ्यपुस्तक और गणित व पर्यावरण की कार्यपुस्तिका अभी तक बच्चों को नहीं मिल पाई है.

इसके अलावा अंग्रेजी मीडियम के राजधानी के 163 प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों का भी हाल कुछ ऐसा ही है. बेसिक शिक्षा विभाग के अंग्रेजी मीडियम के विद्यालय में बिना किताबों के पढ़ाई चल रही है. हाल यह है कि आधा सत्र बीतने के बाद भी इनमें से 35 फीसदी विद्यालयों में कम किताबें पहुंची हैं, वहीं कई विद्यालयों ऐसे हैं जहां अंग्रेजी की जगह हिन्दी मीडियम की किताबें पहुंच गई हैं. ऐसे में इन विद्यालयों में पुरानी किताबों से पढ़ाने को मजबूर हैं. विभाग के शिक्षकों का कहना है कि 'राजधानी लखनऊ में 2018 में 45 प्राइमरी और 18 जूनियर इंग्लिश मीडियम विद्यालय शुरू हुए थे. इसके बाद 100 और प्राइमरी विद्यालयों को इसमें जोड़ा गया था. मौजूदा समय में राजधानी में कुल 163 प्राइमरी और जूनियर इंग्लिश मीडियम के विद्यालय हैं, बेसिक शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में अंग्रेजी मीडियम की पढ़ाई तो शुरू करा दी, लेकिन लगातार बीते तीन वर्षों से इन विद्यालयों में समय से किताबें मुहैया नहीं करा पा रहा है. बीते साल तो किताबें नवंबर माह में इन विद्यालयों में पहुंचाई गई थी.

35 फीसदी किताबें स्कूलों में नहीं पहुंची : इन विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की ओर से लगातार बेसिक शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में सूचना भेजी जा रही है. प्रधानाचार्य की ओर से भेजी गई सूचना में कहा गया है कि पिछले साल की तरह इस साल भी उनके विद्यालयों में सही संख्या में किताबें मुहैया नहीं कराई गई हैं. पुरानी किताबों से मजबूरी में जैसे-तैसे पढ़ाई कराई जा रही है, विद्यालयों में 35 फीसदी से ज्यादा किताबें नहीं हैं. कक्षा 1 से 3 तीन और जूनियर स्कूलों में बहुत समस्या है.

इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार का कहना है कि 'सभी प्राथमिक विद्यालयों को मार्च में किताबें मुहैया कर दी गई थीं नव प्रवेश छात्रों को किताबें नहीं मिली होंगी, किताबें छप चुकी हैं, जहां किताबें कम हों, प्रधानाचार्य बीआरसी अथवा मुख्यालय से किताबें ले सकते हैं.'

यह भी पढ़ें : धर्म परिवर्तन कराने वाले गैंगस्टर डेविड की 1 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क

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लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद में इस साल की किताबें समय से बच्चों को नहीं मिल पाई हैं, जबकि विभाग का दावा है कि सभी विद्यालयों को समय से ही किताबें मुहैया करा दी गई हैं. बावजूद इसके हालात कुछ और ही बयां कर रही है. केवल राजधानी लखनऊ प्राथमिक विद्यालयों की बात करें तो यहां के प्राथमिक विद्यालय धनुवासांड मोहनलालगंज में कक्षा 1 की हिन्दी और गणित की कार्यपुस्तिका, कक्षा दो की गणित पाठ्यपुस्तक, हिन्दी और गणित की कार्यपुस्तिका, कक्षा तीन की अंग्रेजी, पर्यावरण की पाठ्यपुस्तक और गणित व पर्यावरण की कार्यपुस्तिका तथा कक्षा चार में अंग्रेजी की पाठ्यपुस्तक और पर्यावरण की कार्यपुस्तिका अभी तक पहुंची नहीं हैं, वहीं प्राथमिक विद्यालय गरडियनपुरवा चिनहट में कक्षा एक में हिन्दी और गणित की कार्यपुस्तिका, कक्षा दो की गणित पाठ्यपुस्तक, हिन्दी और गणित की कार्यपुस्तिका, कक्षा तीन की अंग्रेजी, पर्यावरण की पाठ्यपुस्तक और गणित व पर्यावरण की कार्यपुस्तिका अभी तक बच्चों को नहीं मिल पाई है.

इसके अलावा अंग्रेजी मीडियम के राजधानी के 163 प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों का भी हाल कुछ ऐसा ही है. बेसिक शिक्षा विभाग के अंग्रेजी मीडियम के विद्यालय में बिना किताबों के पढ़ाई चल रही है. हाल यह है कि आधा सत्र बीतने के बाद भी इनमें से 35 फीसदी विद्यालयों में कम किताबें पहुंची हैं, वहीं कई विद्यालयों ऐसे हैं जहां अंग्रेजी की जगह हिन्दी मीडियम की किताबें पहुंच गई हैं. ऐसे में इन विद्यालयों में पुरानी किताबों से पढ़ाने को मजबूर हैं. विभाग के शिक्षकों का कहना है कि 'राजधानी लखनऊ में 2018 में 45 प्राइमरी और 18 जूनियर इंग्लिश मीडियम विद्यालय शुरू हुए थे. इसके बाद 100 और प्राइमरी विद्यालयों को इसमें जोड़ा गया था. मौजूदा समय में राजधानी में कुल 163 प्राइमरी और जूनियर इंग्लिश मीडियम के विद्यालय हैं, बेसिक शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में अंग्रेजी मीडियम की पढ़ाई तो शुरू करा दी, लेकिन लगातार बीते तीन वर्षों से इन विद्यालयों में समय से किताबें मुहैया नहीं करा पा रहा है. बीते साल तो किताबें नवंबर माह में इन विद्यालयों में पहुंचाई गई थी.

35 फीसदी किताबें स्कूलों में नहीं पहुंची : इन विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की ओर से लगातार बेसिक शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में सूचना भेजी जा रही है. प्रधानाचार्य की ओर से भेजी गई सूचना में कहा गया है कि पिछले साल की तरह इस साल भी उनके विद्यालयों में सही संख्या में किताबें मुहैया नहीं कराई गई हैं. पुरानी किताबों से मजबूरी में जैसे-तैसे पढ़ाई कराई जा रही है, विद्यालयों में 35 फीसदी से ज्यादा किताबें नहीं हैं. कक्षा 1 से 3 तीन और जूनियर स्कूलों में बहुत समस्या है.

इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार का कहना है कि 'सभी प्राथमिक विद्यालयों को मार्च में किताबें मुहैया कर दी गई थीं नव प्रवेश छात्रों को किताबें नहीं मिली होंगी, किताबें छप चुकी हैं, जहां किताबें कम हों, प्रधानाचार्य बीआरसी अथवा मुख्यालय से किताबें ले सकते हैं.'

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